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Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ 2025 समारोह: राष्ट्र निर्माण और युवाओं की भूमिका पर चर्चा, युवाओं को स्वावलंबी और स्टार्टअप्स के लिए प्रेरित
लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग ने परास्नातक के नए छात्रों के लिए दीक्षारंभ 2025 कार्यक्रम का आयोजन किया।
Convocation 2025 Ceremony at Lucknow University
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग ने परास्नातक के नए छात्रों के लिए दीक्षारंभ 2025 कार्यक्रम का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जबकि प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो. (ब्रिगेडियर) जेएस. राजपुरोहित ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. अरविन्द मोहन भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने की। उन्होंने नवागत छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की सफलता और उन्नति छात्रों के योगदान पर निर्भर करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सभ्यता और सहयोग के साथ अपने सुझाव दें और मिलकर विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
प्रो. राजपुरोहित ने राष्ट्र निर्माण और युवाओं की भूमिका पर किया गहरा संवाद
विशिष्ट विद्वान् और शिक्षा मंत्रालय के सदस्य प्रो. (ब्रिगेडियर) जेएस. राजपुरोहित ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्र निर्माण और युवाओं की भूमिका पर ओजपूर्ण वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि आपके पास एक विजन होना चाहिए जो न केवल लीडरशिप में सहायक होगा, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी उपयोगी साबित होगा। प्रो. राजपुरोहित ने पंचतंत्र की कहानी कबूतर और बहेलिया के माध्यम से एकता की शक्ति को रेखांकित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने मेंटर्स, गुरुजनों और माता-पिता की सलाह मानने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्र निर्माण में विविधता में एकता, एकता के संघर्ष, और भारतीय संस्कृति की शक्ति पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता पर बल देते हुए किया आह्वान
प्रो. राजपुरोहित ने यह भी बताया कि भारत में क्षेत्रीय भाषाएं, विविध धर्म और रीति-रिवाज पाए जाते हैं, लेकिन फिर भी हम एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि राष्ट्र निर्माण तभी संभव है जब राष्ट्रीय एकता स्थापित हो। इसके साथ ही उन्होंने देशभक्ति को प्रेम और एकता को एक्शन बताया। प्रो. राजपुरोहित ने युवाओं से स्वनिर्भर और स्वावलंबी बनने का आह्वान किया। उन्होंने उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में नायक बनने के लिए प्रेरित किया और कहा कि अब आपको राष्ट्र को देना है। आप अपनी ज़िंदगी सँवार लें, उसी से राष्ट्र निर्माण होगा।
प्रो. अरविंद मोहन ने विश्वविद्यालय की सफलता की ओर संकेत किया
कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता कला संकाय, प्रो. अरविंद मोहन ने विश्वविद्यालय की सर्वोत्तम रेटिंग A++ का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को अपना स्किल लेवल बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे देश की संभावनाओं को बढ़ा सकें। वहीं हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवन अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्र की सच्ची सेवा के लिए धर्म का पालन जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे न केवल हिंदी, बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं को भी सीखें और नीर-क्षीर विवेक के साथ ज्ञान प्राप्त करें।
वहीं इससे पूर्व एमए तृतीय वर्ष के छात्रों ने नवागत प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का रोली चावल लगाकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अलका पाण्डेय ने दिया। आयोजन में विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के सम्मानित प्राध्यापक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
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