Lucknow News: BBAU में काकोरी शताब्दी वर्ष पर 19वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल' का आगाज ! भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने की पहल

Ayodhya film festival inauguration-2025: फिल्म डायरेक्टर प्रो. मोहन दास ने इस फिल्म महोत्सव के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह फेस्टिवल भारतीय सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और समकालीन सामाजिक मुद्दों को सिनेमा के माध्यम से प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन मंच है।

Virat Sharma
Published on: 6 Aug 2025 5:22 PM IST
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Ayodhya Film Festival Inauguration-2025

Ayodhya film festival inauguration-2025: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में 6 अगस्त को काकोरी शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में '19वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल' का उद्घाटन हुआ। यह आयोजन विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग और महुआ डाबर म्यूजियम के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल, मुम्बई से आये फिल्म डायरेक्टर प्रो. मोहन दास, और काकोरी घटनाक्रम से जुड़ी क्रांतिकारी श्री सचिन्द्र नाथ बख्शी की पौत्री सुश्री मीता बख्शी जैसे प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन और बाबासाहेब अम्बेडकर के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुलगीत का गायन हुआ। मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और पौधों के साथ किया गया।

देशहित में काम करने की अपील

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. राज कुमार मित्तल ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं में राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आज़ादी और विकास की राह में न जाने कितने वीरों ने अपनी जान की आहुति दी है। हम सभी का दायित्व है कि हम उनके योगदान को याद करें और उनके सपनों के भारत का निर्माण करें। उन्होंने युवाओं से आत्मविश्वास, ईमानदारी और परिश्रम से देशहित में काम करने की अपील की।

फिल्म फेस्टिवल की उद्देश्य और महत्व पर प्रो. मोहन दास का व्याख्यान

फिल्म डायरेक्टर प्रो. मोहन दास ने इस फिल्म महोत्सव के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह फेस्टिवल भारतीय सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और समकालीन सामाजिक मुद्दों को सिनेमा के माध्यम से प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन मंच है। उन्होंने बताया कि फेस्टिवल में विभिन्न देशों की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो समाज के विविध पहलुओं को उजागर करेंगी और दर्शकों को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेंगी।




सचिंद्रनाथ बख्शी और काकोरी कांड की याद दिलाती मीता बख्शी

काकोरी कांड से जुड़ी क्रांतिकारी मीता बख्शी ने अपने दादा सचिन्द्र नाथ बख्शी के योगदानों को याद किया। उन्होंने काकोरी कांड के महत्व को बताया और कहा कि यह घटना स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदलने वाली थी। सचिन्द्रनाथ बख्शी जैसे वीरों का बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

मैक्सिको से आए फिल्म डायरेक्टर पास्कल बोरेल का संदेश

मैक्सिको से आए फिल्म डायरेक्टर पास्कल बोरेल ने भारत के वीर क्रांतिकारियों को याद करते हुए कहा कि भारतीय इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। उन्होंने युवाओं से अपने जीवन का उद्देश्य स्पष्ट रूप से निर्धारित करने और उसी दिशा में कार्य करने की अपील की, ताकि वे अपने व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ देश की सेवा में भी योगदान दे सकें।

प्रतियोगिताएं और फिल्म स्क्रीनिंग

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के लिए 'स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका' विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता और 'काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष' पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके अलावा, काकोरी कांड पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई और विभिन्न देशों की फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई।

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Lucknow Reporter

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