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Lucknow News: लखनऊ DM ने किया सौमित्र वन का निरीक्षण! कुकरैल नदी के किनारे दोनों ओर बनेगा पाथ-वे और हरियाली वाला ‘ग्रीन कॉरिडोर’

Lucknow News: लखनऊ में कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर हरियाली और सुंदरता बढ़ाने के लिए पाथ-वे और शहरी वन विकसित किए जाएंगे। जिलाधिकारी विशाख जी के निर्देश पर एलडीए और नगर निगम मिलकर पर्यावरणीय सौंदर्यीकरण के इस प्रोजेक्ट को अंजाम देंगे।

Hemendra Tripathi
Published on: 18 July 2025 8:50 PM IST (Updated on: 18 July 2025 8:50 PM IST)
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Kukrail River Green Corridor Pathways and Urban Forests to be Developed on Both Sides

Lucknow News: लखनऊ में पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ साथ उसे संवारते हुए खूबसूरत बनाने के लिए लखनऊ जिला प्रशासन की ओर से एक नई पहल की जा रही है। जिलाधिकारी विशाख जी ने शुक्रवार को अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर लखनऊ विकास प्राधिकरण यानी LDA की ओर से विकसित किए जा रहे सौमित्र वन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर पाथ-वे और हरित पट्टी विकसित की जाए। नदी के एक किनारे पर कार्य की जिम्मेदारी LDA को सौंपी गई है जबकि दूसरे किनारे की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है, ताकि दोनों तरफ एक जैसी सुंदरता और हरियाली दिखाई दे।

बच्चों और प्रकृति प्रेमियों तक के लिए खास जगह होगी सौमित्र वन

LDA उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के अनुसार, कुकरैल नदी के पास 24.7 एकड़ की भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया, जिसमें से 14 एकड़ में सौमित्र वन तैयार किया जा रहा है। इसमें बच्चों के लिए किड्स जोन, लॉन, हरित क्षेत्र, पाथ-वे, पार्क और फसाड लाइटिंग जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। पौधों की सिंचाई के लिए अंडरग्राउंड पाइपलाइन और पॉप-अप स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, जिससे पौधों को हर मौसम में नियमित पानी मिल सके। सौंदर्यीकरण के तहत लैंडस्केपिंग और हर्टीकल्चर कार्य भी जारी हैं।

पाथ-वे निर्माण के साथ होगी थीम पर आधारित पौधरोपण की योजना

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया कि नदी के किनारे सुरक्षात्मक केसिंग लगाकर पाथ-वे बनाए जाएं। इसके साथ ही थीम आधारित फूलदार पौधे, औषधीय पौधे और खाद्य वन (फूड फॉरेस्ट) विकसित किए जाएं। उन्होंने कहा कि दोनों विभाग समन्वय में रहकर कार्य करें ताकि दोनों किनारों पर एक समान और सुंदर विकास दिखाई दे। इसके अलावा नदी की सुरक्षा के लिए बोल्डर और स्टोन पिचिंग कराने के भी आदेश दिए गए हैं।

बेहटा नदी के लिए भी पुनरुद्धार योजना, गांवों की मैपिंग कराए जाने के निर्देश

निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने बेहटा नदी के जलधारा और संरक्षण की स्थिति को लेकर जेहटा और ककराबाद गांवों का भी दौरा किया। उन्होंने निर्देश दिया कि नदी के किनारे बसे सभी गांवों और तहसीलों में ग्रामवार सर्वेक्षण कर नदी की लंबाई, चौड़ाई और गहराई की सटीक जानकारी ली जाए। सिंचाई विभाग को मॉडल सेक्शन बनाकर पुनरुद्धार के मानक तय करने के निर्देश भी दिए गए हैं। राजस्व विभाग के सहयोग से नदी किनारे की पैमाइश कर अवैध अतिक्रमण हटाने का भी आदेश दिया गया।

चेक डैम और जल संचयन संरचनाओं से बनी रहेगी जलधारा

जिलाधिकारी विशाख जी ने यह भी कहा कि बेहटा नदी में उपयुक्त स्थानों पर चेक डैम, स्टोरेज टैंक और वॉटर रीचार्ज जोन बनाए जाएं, जिससे गर्मियों में भी जल उपलब्ध रह सके। उन्होंने डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि नदी से जुड़ी सभी नालियों और ड्रेनों की डिसिल्टिंग कराई जाए, ताकि जल का बहाव सुचारु बना रहे और जलस्तर बढ़ सके। इस वैज्ञानिक प्रयास से नदियों को नया जीवन मिलेगा और लखनऊ में वर्षभर जलप्रवाह बना रहेगा।

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Hemendra Tripathi

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