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लखनऊ नगर निगम सदन बैठक में पास हुए कई अहम प्रस्ताव, जानें पानी और पार्किंग के आलावा क्या हुआ महंगा
Lucknow News: लखनऊ नगर निगम सदन की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनका शहरवासियों की जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा।
Municipal Corporation House Meeting (Photo: Social Media)
Lucknow News: राजधानी को सुव्यवस्थित शहर बनाने की दिशा में लखनऊ नगर निगम ने कई बड़े फैसले लिए हैं। मंगलवार को हुई नगर निगम सदन की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई, जिसका शहरवासियों की जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन फैसलों में पेयजल टैंकर की दरें बढ़ाना, स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था लागू करना और ऑटो-टेंपो चालकों के लिए नए नियम निर्धारित करना शामिल है। इसके साथ ही कई सेवाओं के शुल्क और टैक्स में बढ़ोतरी की गई है।
मेयर हुई नगर आयुक्त से नाराज
सदन की बैठक के बाद मेयर सुषमा खर्कवाल ने नगर आयुक्त गौरव कुमार से सात नए प्रस्तावों को लेकर नाराजगी जताई है। जो प्रस्ताव उनकी जानकारी के बिना सदन में रखे गए थे। उन प्रस्ताव को पास भी नहीं किया गया हे। हालांकि नगर आयुक्त ने इस आरोप को गलत बताते हुए कहा कि सभी प्रस्तावों की जानकारी मेयर को दी गई थी। शहर में अवैध विज्ञापनों और होर्डिंग को रोकने के लिए नगर निगम ने कमेटी बनाने का फैसला किया है। मेयर ने अवैध होर्डिंग को एक महीने के भीतर हटाने का सख्त निर्देश दिया है। यह कदम शहर की सुंदरता और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
पार्कों के रखरखाव पर बनेगी कमेटी
मेयर ने रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन संबंधी कागजात में देरी पर भी सख्त रुख अपनाया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। शहर के पार्कों के रखरखाव के मुद्दे पर पार्षदों की मांग के बाद मेयर ने एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में सभी आठ जोन से पार्षद नगर आयुक्त व अन्य अधिकारी शामिल होंगे। यह कमेटी पार्कों के रख रखाव की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए काम करेगी। इसके साथ ही वीआईपी मूवमेंट, पेड़ों की कटाई और हरित कचरे के निपटान जैसे कार्यों के लिए 220 श्रमिकों को एक साल के लिए नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया है।
अब 500 में मिलेगा पेयजल टैंकर
लखनऊ में निजी काम के लिए पानी टैंकर मंगाना महंगा हो गया है। नगर निगम ने पानी के टैंकरों की दरों को पहली बार निर्धारित किया है। अब 3,500 लीटर का एक टैंकर 500 में मिलेगा, जिसे एक घंटे में खाली करना होगा। अगर टैंकर 24 घंटे तक रोका जाता है, तो इसके लिए 1,000 का शुल्क देना होगा। इस दर में पार्षदों को 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। हालांकि सार्वजनिक कार्यों के लिए टैंकर मुफ्त में उपलब्ध रहेंगे। वर्तमान में निजी काम के लिए दिए जाने वाले टैंकरों की दरें निर्धारित नहीं थीं।
ई-रिक्शा के लिए एनओसी अनिवार्य
अब शहर में बिना नगर निगम की एनओसी के कोई भी टेंपो, टैक्सी, ई-रिक्शा, ई-कार्ट या ई-भार वाहन नहीं चल पाएगा। सदन की बैठक में सर्वसम्मति से ऑटो-टेंपो स्टैंड के लिए 83 जगहों का प्रस्ताव पास किया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर 20 प्रतिदिन के हिसाब से चालान किया जाएगा। यदि वाहन 15 दिन के भीतर नहीं छुड़ाया जाता है। तो उसे नीलाम कर दिया जाएगा।
वाहनों पर सालाना शुल्क
ई-रिक्शा सवारी (पांच सीटर): 800
ई-रिक्शा भार वाहन: 800
टेंपो (छह सीटर): 1000
ऑटो (पांच सीटर): 800
ई-रिक्शा चालक लाइसेंस शुल्क: 200
अब मोबाइल ऐप से पार्किंग स्लॉट
लखनऊ की पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह से स्मार्ट होने जा रही है। लंबे समय से अटकी स्मार्ट पार्किंग परियोजना को सदन ने मंजूरी दी है। शुरुआत में 73 प्रमुख पार्किंग स्थलों पर स्मार्ट पार्किंग सुविधाएं लागू की जाएंगी। इसके लिए निजी वेंडरों का चयन किया जाएगा, जिन्हें कम से कम पांच साल का अनुबंध मिलेगा। नगर निगम ने यूपी नगर निगम नियमावली-2025 को मंजूरी देते हुए पार्किंग दरों में बढ़ोतरी की है। इससे बाद नई पार्किंग शुल्क लागू कर दी गई है। पुरानी दरों में 24 घंटे का दोपहिया मासिक पास 800 और 12 घंटे का 400 था।
अवधि - दोपहिया - चारपहिया
1 घंटा - 7 - 15
2 घंटा - 15 - 30
24 घंटा - 57 - 120
मासिक पास - 855 - 1,800
स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था में क्या
-वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए स्वचालित बैरियर लगेंगे।
-प्रत्येक स्लॉट में सेंसर लगे होंगे, जो खाली या भरे होने की जानकारी देंगे।
-क्यूआर कोड के जरिए कैशलेस भुगतान की सुविधा होगी।
-एक ऐप के जरिए पार्किंग स्लॉट की रियल-टाइम बुकिंग और भुगतान किया जा सकेगा।
-सुरक्षा के लिए सभी पार्किंग स्थलों पर उच्च-गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
-ऐप और वेब प्लेटफॉर्म पर खाली पार्किंग स्लॉट की लाइव जानकारी मिलेगी।
नगर निगम के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
नर्सिंग होम का लाइसेंस महंगा: पैथोलॉजी और नर्सिंग होम का लाइसेंस शुल्क दोगुना कर दिया गया है। 50 बेड तक के नर्सिंग होम का लाइसेंस शुल्क 7,500 से बढ़कर 13,000 सालाना कर दिया गया है। पैथोलॉजी का शुल्क 5,000 से बढ़कर 10,000 हो गया है।
सिनेमा घर पर बढ़ा टैक्स: मल्टीप्लेक्स शो टैक्स प्रति शो 100 से बढ़ाकर 300 किया गया है, जबकि एसी सिंगल स्क्रीन सिनेमा का शो टैक्स 50 से बढ़ाकर 100 कर दिया गया है।
मॉडल शॉप का शुल्क बढ़ा: मॉडल शॉप का शुल्क 60,000 से बढ़ाकर 85,000 और कंपोजिट मॉडल शॉप (अंग्रेजी शराब और बीयर) का शुल्क 75,000 कर दिया गया है।
कर्मचारियों की नियुक्ति: मार्ग प्रकाश विभाग में श्रमिकों की नियुक्ति जैम पोर्टल से करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
गृहकर और जलकर का अधिकार: नगर निगम को अब इंटीग्रेटेड टाउनशिप परियोजनाओं से गृहकर और जलकर लेने का अधिकार दिया गया है।
खुर्रम नगर चौराहा सीमैप चौराहा: राजधानी लखनऊ के खुर्रम नगर चौराहे का नाम बदलकर सीमैप चौराहा कर दिया गया है।
पार्षदों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी
सदन में एक भाजपा पार्षद पर हुई एफआईआर के मुद्दे पर भारी विरोध के बाद, एक अहम प्रस्ताव पास किया गया है। अब पुलिस को पार्षद के खिलाफ एफआईआर करने से पहले मेयर को सूचित करना होगा। इस कदम को पार्षदों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए उठाया गया है। ये सभी फैसले लखनऊ को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, लेकिन इनसे आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना है।
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