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Lucknow News: 35 सालों से 'जुबेर' को राखी बांधती हैं लखनऊ की अनीता! रक्षाबंधन पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना ये परिवार
Lucknow News: 35 सालों से अनीता जयसवाल रक्षाबंधन पर मुस्लिम भाई जुबेर को राखी बांध रही हैं। यह रिश्ता हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन चुका है, दोनों परिवार मिलकर त्योहार मनाते हैं।
Lucknow News: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते का सबसे पवित्र प्रतीक माना जाता है। शनिवार को देश भर में रक्षाबंधन के मौके पर सभी भाई अपनी बहनों से राखी बंधवाकर अपने रिश्ते को और अधिक मजबूती दे रहे हैं। इसी बीच लखनऊ में भाई बहन का ही एक ऐसा रिश्ता है, जो मजहब की दीवारों से कहीं ऊपर है। दरअसल, दिलकुशा गार्डन स्थित दरगाह कासिम शहीद बाबा में हिंदू बहन अनीता जयसवाल बीते 35 सालों से मुस्लिम भाई हजरत जुबेर अहमद को राखी बांध रही हैं। बचपन से 35 सालों तक का इस रिश्ते का सफर आज कौमी एकता और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बनकर सामने आ रहा है। गौर करने काली बात ये है कि अनीता से राखी बंधवाने वाले मुस्लिम जुबेर भाई न सिर्फ राखी बंधवाते हैं, बल्कि सालभर बहन का ख्याल रखते हैं और हर त्योहार में अपनी अहमा भूमिका भी दर्ज कराते हैं। ये दोनों परिवार ईद और दिवाली साथ मनाते हैं, जो यह संदेश देता है कि सच्चे रिश्ते रंग और धर्म से ऊपर होते हैं। शनिवार को इस साल फिर रक्षाबंधन के मौके पर जुबेर ने अपनी बहन अनीता से राखी बंधवाई। मौके पर जुबेर ने मशहूर शायर मुनव्वर राणा का शेर सुनाकर भावनाओं को और गहरा कर दिया।
दरगाह से शुरू हुई मुलाकात से 35 साल तक का सफर
बताया जाता है कि साल 1990 में अनीता जायसवाल ने पहली बार दिलकुशा गार्डन स्थित दरगाह कासिम शहीद बाबा में हजरत जुबेर अहमद को राखी बांधी थी। अनीता बताती हैं कि उस दौरान जुबेर छोटे थे और अपने पिता के साथ दरगाह आया करते थे। उसी दिन से यह परंपरा शुरू हुई, जो आज तक बिना किसी रुकावट के लगातार जारी है। वहीं, जुबेर अहमद का कहना है कि रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का पवित्र त्योहार है और अनीता हमारी बहन हैं, जो हमें हर साल रक्षाबंधन के मौके पर राखी बांधती हैं। अनीता भी कहती हैं कि जुबेर भाई राखी का पूरा फर्ज निभाते हैं और हमेशा हर मुश्किल वक्त व सुख दुःख में साथ खड़े रहते हैं।
दीवाली में जुबेर पहुंचाते हैं मिठाई, ईद में अनीता को मिलती हैं सेवईं
लखनऊ की अनीता और जुबेर का भाई बहन का ये रिश्ता इस बात का प्रमाण है कि इंसानियत किसी मजहब की मोहताज नहीं होती। अनीता और जुबेर का परिवार सालों से एक-दूसरे के साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं। बताया जाता है कि दिवाली पर जुबेर भाई अनीता के घर मिठाई लेकर जाते हैं तो ईद पर अनीता जुबेर के घर जाकर सेवई का आनन्द लेती हैं। इस दोस्ती और भाईचारे ने समाज में बढ़ती दूरी के बीच एक मजबूत संदेश दिया है। शनिवार को रक्षाबंधन के मौके पर अनीता के घर पहुंचे जुबेर ने मुनव्वर राणा का शेर पढ़ा कि 'किसी के जख्म पर चाहत की पट्टी कौन बांधेगा, अगर बहनें नहीं हों तो राखी कौन बांधेगा'। यह सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि इस रिश्ते की गहराई का आईना है।
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