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Lucknow News: फर्जी किसान बनकर ITI अफसर की करोड़ों की ज़मीन बेचने वाला जालसाज गिरफ्तार, निकला गैंगस्टर और लूटकांड का आरोपी
Lucknow News: लखनऊ के निगोहां में एक गैंगस्टर ने फर्जी किसान बनकर ITI के रिटायर्ड अफसर की करोड़ों की जमीन बेच दी। आरोपी राजेश सिंह फतेहपुर का रहने वाला है और आशियाना लूटकांड में भी नामजद है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध किया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
Lucknow Fraud News Gangster Posed as Farmer Sold Retired Officer Land Using Fake Document
Lucknow News: लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र में बड़ा जमीन घोटाला उजागर हुआ है। यहां एक जालसाज ने खुद को किसान बताकर आईटीआई के रिटायर्ड अधिकारी की करोड़ों की जमीन फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेच दी। पुलिस ने जांच के बाद सोमवार को आरोपी राजेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया, जो फतेहपुर का रहने वाला है और आशियाना सोना लूटकांड में भी आरोपी रह चुका है। साथ ही, उस पर गैंगस्टर एक्ट भी चल रहा है। आरोपी ने निगोहां के पुरहिया गांव में 5 बीघे ज़मीन एक डॉक्टर को बेच दी थी। पुलिस पहले ही इस गैंग के दो और सदस्यों को जेल भेज चुकी है। डीसीपी निपुण अग्रवाल व एसीपी रजनीश वर्मा के निर्देशन में थाना प्रभारी अनुज तिवारी और टीम ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।
फर्जी किसान बनकर बेच दी करोड़ों की जमीन
लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र के पुरहिया गांव के रहने वाले गैंग के सरगना राजेश सिंह ने खुद को किसान चंद्र किशोर बताकर आईटीआई से रिटायर्ड अधिकारी की पांच बीघे की कीमती जमीन एक महिला डॉक्टर को बेच दी। आरोपी ने फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाकर खुद को असली मालिक बताया और सब रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्री भी करा दी। पुलिस टीम ने बताया कि आरोपी राजेश सिंह फतेहपुर के सरकंडी गांव का रहने वाला है और इससे पहले वह आशियाना सोना लूटकांड में भी आरोपी रह चुका है। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली हुई थी। अब उसे लखनऊ-रायबरेली रोड के मदापुर तिराहे से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में सारा कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
पीड़ित को नहीं थी भनक, FIR में कई धाराएं
रिटायर्ड अफसर चंद्र किशोर को इस रजिस्ट्री की भनक तक नहीं लगी। जब उन्हें पता चला, तो उन्होंने 13 मई को निगोहां थाने में तहरीर दी। इसके आधार पर पुलिस ने राजेश और उसके गिरोह के खिलाफ बीएनएस की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 49 के तहत केस दर्ज किया। पूरी योजना रंजीत यादव, महेंद्र यादव, सौरभ पटेल, राहुल पाल और तस्वीर सिंह ने मिलकर बनाई थी। इन्होंने डॉक्टर ईशा त्यागी को विश्वास में लेकर जमीन खरीदने का लालच दिया। सौरभ ने फर्जी गवाह भी संडीला से बुलाया, जिसका नाम रामू मिश्रा उर्फ मुकेश बताया गया है।
पुलिस कर रही है नेटवर्क की तहकीकात
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल, एसीपी रजनीश वर्मा और थाना प्रभारी अनुज तिवारी के नेतृत्व में पुलिस ने बड़ी सफलता पाई है। गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है। आशंका है कि इस गिरोह ने लखनऊ में कई अन्य जमीनें भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेची हैं। पुलिस जल्द ही पूरे रैकेट का खुलासा करने की तैयारी में है।
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