Lucknow News: मेदांता अस्पताल ने रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धि: 1 हजार मरीजों का हुआ सफल इलाज

Medanta Hospital Lucknow: रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नीरज रस्तोगी ने बताया कि अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीज कैंसर से ग्रस्त होते हैं, जिनमें प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, सर्विक्स, और एसोफैगस कैंसर जैसे प्रकार शामिल हैं।

Virat Sharma
Published on: 18 Aug 2025 10:06 PM IST (Updated on: 18 Aug 2025 10:18 PM IST)
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Lucknow Today News: मेदांता अस्पताल लखनऊ के कैंसर केयर विभाग ने एक अहम मील का पत्थर हासिल किया है। 28 जून 2023 को रेडिएशन ऑन्कोलॉजी सेवाएं शुरू करने के बाद अब तक 1 हजार मरीजों का सफल इलाज किया जा चुका है। इस विभाग की प्रमुख उपलब्धि कैंसर के इलाज में उच्च गुणवत्ता वाली रेडिएशन तकनीकों का उपयोग है, जो मरीजों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं और उनकी जीवन दर को बढ़ाती हैं।

रेडिएशन से कैंसर का प्रभावी इलाज, आसपास के अंगों की सुरक्षा के साथ

रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नीरज रस्तोगी ने बताया कि अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीज कैंसर से ग्रस्त होते हैं, जिनमें प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, सर्विक्स, और एसोफैगस कैंसर जैसे प्रकार शामिल हैं। इनमें सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन का संयोजन कैंसर के समुचित इलाज के लिए आवश्यक होता है। मेदांता में अत्याधुनिक तकनीक और मशीनों के माध्यम से इलाज किया जाता है, जो न केवल कैंसर को टारगेट करती हैं, बल्कि आसपास के स्वस्थ अंगों को भी सुरक्षित रखती हैं। उदाहरण के तौर पर, गले के कैंसर में लार ग्रंथियों और ब्रेस्ट कैंसर में दिल और फेफड़ों को रेडिएशन से बचाया जाता है।

सटीक इलाज के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल

डॉ. नीरज रस्तोगी ने बताया कि अस्पताल में उपयोग की जाने वाली तकनीकों में अत्यधिक सटीकता होती है, जिससे 5 मिमी तक के छोटे ट्यूमर को भी आसपास के अंगों को सुरक्षित रखते हुए उपचारित किया जा सकता है। विशेष रूप से ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में डीप इंस्पिरेशन ब्रेद होल्ड तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दिल को रेडिएशन से बचाया जाता है। इसके अलावा, सर्विक्स कैंसर के इलाज में ब्रैकीथेरेपी मशीन का उपयोग किया जाता है, जो केवल ट्यूमर वाले हिस्से को प्रभावित करती है और आसपास के अंगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।

कैंसर के उपचार में स्टेज के हिसाब से सफलता दर

डॉ. रस्तोगी ने बताया कि कैंसर के इलाज की सफलता स्टेज पर निर्भर करती है। शुरुआती स्टेज में कैंसर पूरी तरह से ठीक होने की संभावना 90 प्रतिशत तक होती है, जबकि तीसरे स्टेज में यह 50-60 प्रतिशत और चौथे स्टेज में 10-15 प्रतिशत तक घट जाती है। अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों में 50 प्रतिशत हेड और नेक कैंसर के थे, जिनमें तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला आदि के कारण होने वाले कैंसर के मामले अधिक थे। इसके अलावा, 30 प्रतिशत मरीज ब्रेस्ट कैंसर और 20 प्रतिशत अन्य प्रकार के कैंसर जैसे सर्विक्स, एसोफैगस, प्रोस्टेट, यूरिनरी ब्लैडर, लैरिंक्स और ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित थे।

सटीक सीटी स्कैन से इलाज की योजना तैयार

इलाज शुरू करने से पहले हर मरीज का सीटी स्कैन किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि ट्यूमर और प्रभावित हिस्से कहां हैं। इसके बाद रेडिएशन की योजना बनाई जाती है और इलाज शुरू होता है। इलाज के दौरान डॉक्टरों की टीम लगातार मरीजों की निगरानी करती है और समय-समय पर सीटी स्कैन किया जाता है, जिससे इलाज के परिणाम और अधिक प्रभावी होते हैं।

मेदांता अस्पताल लखनऊ में अब तक 1 हजार मरीजों का सफल इलाज यह सिद्ध करता है कि यहां कैंसर का इलाज अत्याधुनिक तकनीकों और सटीकता के साथ किया जा रहा है, जिससे मरीजों को सर्वोत्तम इलाज मिल रहा है।

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