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Lucknow News: मेदांता लखनऊ ने रोबोटिक सर्जरी में तोड़ा रिकॉर्ड: एक साल में पूरी की 509 सर्जरी
मेदांता लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने कहा कि 509 रोबोटिक सर्जरी का यह रिकॉर्ड हमारी बेहतरीन चिकित्सा सेवाओं और इनोवेशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Lucknow Today News: मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। इस अस्पताल ने पिछले एक साल में कुल 509 रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं, जो कि किसी भी भारतीय निजी अस्पताल द्वारा इस अवधि में की गई सबसे बड़ी संख्या है। यह उपलब्धि अस्पताल की नवीनतम तकनीकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की मेहनत का परिणाम है, जो रोगियों को सटीक और सुरक्षित उपचार प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
विभिन्न विभागों ने किया अहम योगदान
मेदांता के इस प्रयास में कई चिकित्सा विभागों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। गायनकॉलजी विभाग ने 219 सर्जरी कीं, जबकि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी विभाग ने 137, यूरोलॉजी विभाग ने 109 और कार्डियक विभाग ने 23 सर्जरी कीं। इसके अलावा अन्य विभागों ने भी 21 सर्जरी में रोबोटिक तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया।
बेहतरीन चिकित्सा सेवाओं और इनोवेशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता: मेडिकल डायरेक्टर
इस सफलता के मौके पर मेदांता लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने कहा कि 509 रोबोटिक सर्जरी का यह रिकॉर्ड हमारी बेहतरीन चिकित्सा सेवाओं और इनोवेशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक और विशेषज्ञों की कुशल टीम ने मरीजों को तेजी से रिकवर करने और सटीक उपचार दिया है। हमारा उद्देश्य है कि हर मरीज को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा मिल सके।
रोबोटिक सर्जरी से मिली राहत
मेदांता लखनऊ की रोबोटिक सर्जरी तकनीक ने मरीजों की जीवनशैली में बड़े बदलाव लाए हैं। खासकर स्त्री रोगों में यह तकनीक बेहद प्रभावी साबित हुई है। गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब जैसी बीमारियों में यह सर्जरी मरीजों की तेजी से रिकवरी सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे जटिल मामलों में भी रोबोटिक सर्जरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और हृदय रोगों में भी मिल रही राहत
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में पेट, आंतों, और पैंक्रियाटिक कैंसर जैसे मामलों में रोबोटिक सर्जरी ने असरदार इलाज प्रदान किया है। वहीं, हृदय रोगों के इलाज में भी इस तकनीक का उपयोग मरीजों के लिए कारगर साबित हो रहा है। पारंपरिक ऑपरेशनों की तुलना में रोबोटिक सर्जरी से डॉक्टरों को थकावट नहीं होती और वे एक दिन में अधिक सर्जरी कर सकते हैं, जिससे इलाज की गति में भी वृद्धि होती है।
पेडियाट्रिक सर्जरी और ऑर्गन ट्रांसप्लांट में भी मदद
पेडियाट्रिक सर्जरी और ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे जटिल मामलों में भी रोबोटिक सर्जरी ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस तकनीक के माध्यम से बच्चों के इलाज में भी सटीकता और कम जोखिम के साथ बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
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