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प्रेमानन्द जी महाराज से मिलने जा रही नाबालिग को बहला फुसलाकर ले गया गैंग... '50 हजार में देह व्यापार के लिए बेचा', पुलिस ने 2 अभियुक्त किए गिरफ्तार
Lucknow News: मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ने तत्काल मुकदमा दर्ज करते हुए जांच को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कुल 6 विशेष टीमों का गठन किया, जिनमें सर्विलांस टीम भी शामिल थी।
Lucknow News (photo credit: social media)
Lucknow News: राजधानी लखनऊ की कृष्णानगर पुलिस व सर्विलांस टीम ने नाबालिक लड़कियों को बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने व देह व्यापार के लिए बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। बीते 30 जून को घर से लापता हुई लड़की की छानबीन में जुटी लखनऊ पुलिस ने नाबालिग लड़की को बरामद करने के साथ ही उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के डबलू साहू उर्फ संतोष साहू और मनीष भण्डारी उर्फ मोनू नाम के 2 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की ओर से हुआ पूछताछ में पता चला कि नाबालिक लड़कियों की खरीद फरोख्त के ये काम गिरफ्तार हुए शातिर अभियुक्त करीब 14 साल से कर रहे थे।
30 जून को बेटी के गायब होने की पिता ने दी थी तहरीर
पुलिस टीम से मिली जानकारी के अनुसार, बीते 30 जून को कृष्णा नगर थाने में मुकेश सिंह नाम के एक पिता ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी 16 साल बेटी बिना बताए घर से कहीं चली गई है और मैसेज करके कहा है कि मैं भगवान के पास जा रही हूं, पापा मुझे खोजना नहीं'। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ने तत्काल मुकदमा दर्ज करते हुए जांच को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कुल 6 विशेष टीमों का गठन किया, जिनमें सर्विलांस टीम भी शामिल थी।
अभियुक्तों को गिरफ्तार कर पुलिस ने खोला राज, 14 साल से चल रहा था खरीद फरोख्त का कारोबार
पुलिस टीम ने बताया कि CCTV फुटेज, मोबाइल ट्रैकिंग और मैनुअल इनपुट के आधार पर पुलिस ने प्रयागराज का रहने वाला डब्लू साहू उर्फ संतोष साहू और मनीष भंडारी उर्फ मोनू नाम के शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह गिरोह 2012 से सक्रिय है और अब तक दर्जनों लड़कियों को शादी और अनैतिक धंधों के लिए बेच चुका है।
संतोष साहू बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अकेली, नाबालिग या मजबूर लड़कियों को पहचान कर उन्हें शादी का झांसा देता था। बाद में वह इन्हें 50 हजार रुपये में मनीष भंडारी को बेच देता था। यह लड़कियाँ फिर आगे राजस्थान जैसे राज्यों में विभिन्न लोगों को सौंप दी जाती थीं।
नाबालिग लड़की को बरामद कर 1 अन्य नाबालिग का किया रेस्क्यू
पुलिस टीम ने बताया कि बीते 30 जून को लापता हुई नाबालिग लड़की को बीते 8 जुलाई को मानकनगर रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद किया गया। पुलिस टीम ने बताया कि इस गैंग के झांसे में फंसी एक 15 वर्षीय लड़की को भी आरोपियों के कब्जे से बरामद किया गया है, जिसे शादी कराने के बहाने ले जाया जा रहा था। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में सामने आया है कि ये गैंग नाबालिग लड़कियों की खरीद फरोख्त के इस कार्य के लिए 15-20 सिम व मोबाइल बदल बदल कर अपराध कारित करते थे। अभियुक्त पुलिस से बचने के लिए बार-बार अपना पता भी बदलते रहते थे।
प्रेमानन्द जी महाराज से मिलने के लिए घर से निकली थी नाबालिग
30 जून को लापता हुई नाबालिग लड़की को लेकर हुई पूछताछ में अभियुक्त मनीष भंडारी ने बताया कि उसने पीड़िता को 28 जून को सीएमएस स्कूल के पास पहली बार देखा और उससे बातचीत शुरू की। लड़की की धार्मिक आस्था और सरल स्वभाव को पहचानकर उसने उसे भावनात्मक रूप से प्रभावित किया और 30 जून को चारबाग रेलवे स्टेशन पर प्रेमानन्द जी महाराज से मिलाने के लिए बुलाया।
नाबालिग लड़की से हुई पूछताछ में सामने आया कि अगले दिन उसका जन्मदिन था, जिसके चलते वह बिना बताए घर से प्रेमानन्द जी महाराज से मिलने के लिए घर से निकली थी और चारबाग पहुंची थी।
लड़की बेचने पहुंचा तस्कर तो रो-रोकर छोड़ने की गुहार लगाने लगी पीड़िता
आरोपी संतोष साहू उर्फ डब्लू ने बताया कि लड़की को यह यकीन दिलाया गया कि वह उसे किसी धार्मिक उद्देश्य से मिलाने ले जा रहा है। लेकिन स्टेशन पहुंचने पर आरोपी ने बस से उसे कानपुर ले गया और वहां से ‘जरूरी सामान’ लेने के बहाने अपने परिचित के घर ले जाकर वहां रोक दिया। इसके बाद नाबालिग लड़की को 6 जुलाई को 50 हजार में तस्कर मनीष भंडारी उर्फ मोनू को बेच दिया गया।
यह सौदा किया था उसी गैंग के दूसरे सदस्य संतोष साहू उर्फ डब्लू ने जो लड़की को पहले बहला-फुसलाकर अपने साथ कानपुर और फिर मध्य प्रदेश ले गया था। बताया जाता है कि जैसे ही संतोष साहू नाबालिग को सौंपने के लिए मनीष भंडारी के पास पहुंचा, लड़की रो-रोकर खुद को छुड़ाने की गुहार लगाने लगी।
रोता देख मनीष ने नहीं खरीदी लड़की, 45 हजार लेकर किया रवाना
मासूम लड़की की चीखें और आंसू देखकर कुछ देर के लिए ही सही, मनीष भंडारी का मन बदला और उसने लड़की को लौटाने का फैसला किया लेकिन पूरे पैसे नहीं लौटाए। डील कैंसिल होने पर मनीष भंडारी ने कुल 50 हजार में से 45 हजार वापस कर दिए, जबकि 5 हजार कमिशन के नाम पर काट लिए और किशोरी को वापस संतोष साहू के साथ भेज दिया। संतोष साहू वापस नाबालिग को लेकर लखनऊ आ गया, जहां वह सर्विलांस टीम की मदद से धरा गया।
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