Lucknow News: राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस : शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बर्बर कार्रवाई

Lucknow News: यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि योगी-मोदी सरकार कितनी डरी हुई है। आज के उत्तर प्रदेश में ट्वीट करने वाले को 'देशद्रोही' और प्रदर्शन करने वाले को 'कानून-व्यवस्था के लिए खतरा' घोषित कर दिया जाता है।

Newstrack          -         Network
Published on: 3 May 2025 2:18 PM IST
Lucknow News: राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस : शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बर्बर कार्रवाई
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Lucknow News: राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत आज लखनऊ विश्वविद्यालय गेट नंबर 1 से परिवर्तन चौक तक निकाले जाने वाले शांतिपूर्ण प्रतिरोध मार्च को पुलिस ने बलपूर्वक रोक दिया। प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही विश्वविद्यालय के गेट को भारी पुलिस बल ने घेर लिया और दर्जनों छात्रों, शिक्षकों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि योगी-मोदी सरकार कितनी डरी हुई है। आज के उत्तर प्रदेश में ट्वीट करने वाले को 'देशद्रोही' और प्रदर्शन करने वाले को 'कानून-व्यवस्था के लिए खतरा' घोषित कर दिया जाता है। आज के प्रदर्शन पर बर्बर हमला इस सच्चाई को उजागर करता है कि यह सरकार अब अभिव्यक्ति की आज़ादी से डरती है।

समर गौतम, उपाध्यक्ष, आइसा उत्तर प्रदेश ने कहा:"आज की गिरफ्तारी सिर्फ़ प्रदर्शन को रोकने की नहीं थी—यह हर असहमति को कुचलने की कार्रवाई थी। जब ट्वीट को देशद्रोह और विरोध को अराजकता कहा जाने लगे, तो समझ लीजिए कि लोकतंत्र दम तोड़ रहा है।"कमला गौतम, राज्य कमेटी सदस्य, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमेन्स एसोसिएशन (AIPWA), उत्तर प्रदेश ने कहा:"सरकार सोचती है कि गिरफ़्तारी से हम डर जाएंगे, लेकिन हम संघर्ष के रास्ते पर हैं। जब तक नेहा और माद्री पर से फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए जाते, हमारा आंदोलन जारी रहेगा—चाहे जेल में हो या बाहर।"

राजीव गुप्ता, संयुक्त सचिव, रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन (RYA), उत्तर प्रदेश ने कहा:"यह सिर्फ़ कुछ लोगों की लड़ाई नहीं है। यह उन सभी की लड़ाई है जो सवाल करते हैं, जो पढ़ाते हैं, जो गाते हैं, जो सोचते हैं। इस सरकार को सच से डर लगता है। और हम डरने वाले नहीं हैं।"

कौशल किशोर, कार्यकारी अध्यक्ष, जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश ने कहा:"आज की गिरफ्तारी यह बताती है कि हमला सिर्फ़ विचारों पर नहीं है, यह संस्कृति, शिक्षा और इंसानियत पर हमला है। माद्री और नेहा के खिलाफ कार्रवाई इस फासीवादी दौर की भयावहता को उजागर करती है। जन संस्कृति मंच हर प्रतिरोधी आवाज़ के साथ खड़ा है।"

शंतम निधि, कार्यकर्ता, आइसा ने कहा:"अगर आप गाते हैं, तो आप देशद्रोही हैं। अगर आप पढ़ाते हैं, तो आप उग्रपंथी हैं। अगर आप सवाल करते हैं, तो आप अपराधी हैं। यह सरकार सोच से डरती है। लेकिन वो भूल रही है—जब जनता डरना छोड़ देती है, तो सत्ता लड़खड़ा जाती है। आज की कार्रवाई ने हमें और मज़बूत कर दिया है।"

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