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फेसबुक फ्रेंड बना जालसाज: लखनऊ में रिटायर्ड DIG से 1.75 लाख की ऑनलाइन ठगी, CRPF अधिकारी बताकर भेजा फर्जी बारकोड
Lucknow News: लखनऊ में एक रिटायर्ड डीआईजी को फेसबुक फ्रेंड बनाकर 1.75 लाख की ठगी की गई। आरोपी ने खुद को CRPF अधिकारी बताकर QR कोड भेजा और रकम हड़प ली। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर बढ़ते ऐसे साइबर फ्रॉड से सतर्क रहना ज़रूरी है।
Retired DIG Duped in Lucknow 1.75 Lakh Lost to Facebook Friend Posing as CRPF Officer
Lucknow News: डिजिटल युग में सोशल मीडिया जहां लोगों को जोड़ने का माध्यम बना है, वहीं यह साइबर जालसाजों के लिए भी बड़ा हथियार बनता जा रहा है। फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर अब रोज नए-नए फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर रिटायर्ड अफसरों और बुजुर्गों को निशाना बनाया जा रहा है, जो भरोसे में आकर मोटी रकम गवां बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ के हजरतगंज से सामने आया है, जहां रिटायर्ड डीआईजी राकेश शुक्ला को फेसबुक पर फर्जी दोस्ती कर 1.75 लाख रुपये की चपत लगा दी गई। आरोपी ने खुद को रिटायर्ड IAS अफसर बताकर घरेलू सामान बेचने का झांसा दिया और QR कोड के जरिये रकम हड़प ली। अब पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट बनी ठगी की शुरुआत
13 जुलाई को राकेश शुक्ला को फेसबुक पर एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। सरकारी महकमे से जुड़े होने की वजह से उन्होंने तुरंत रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। इसके बाद 14 जुलाई को उस अकाउंट से उन्हें मैसेज मिला जिसमें बताया गया कि एक CRPF अधिकारी दोस्त घरेलू सामान सस्ते में बेच रहा है।
फर्जी CRPF अफसर ने भेजी फोटो, तय हुआ सौदा
कुछ ही देर बाद संतोष कुमार नाम का व्यक्ति राकेश को व्हाट्सएप पर संपर्क करता है। वह खुद को सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बताता है और कई घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामानों की फोटो भेजता है। बातचीत के दौरान सौदा 1.75 लाख में तय होता है। आरोपी पहले ही पेमेंट की शर्त रखता है और बार कोड भेज देता है।
पेमेंट के बाद बंद हो गया संपर्क
राकेश शुक्ला, जिसे सामने वाले की सरकारी छवि पर भरोसा हो गया था, उसने बार कोड स्कैन कर 1.75 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन 16 जुलाई तक कोई भी सामान नहीं पहुंचा। जब उन्होंने संपर्क करने की कोशिश की, तो न कॉल उठी और न कोई जवाब मिला। इसके बाद उन्हें ठगी का शक हुआ।
पहले साइबर सेल, फिर थाने में दी शिकायत
पीड़ित ने सबसे पहले साइबर सेल में शिकायत की लेकिन जब वहां कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो 21 जुलाई को उन्होंने हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दी। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अनुसार आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
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