लखनऊ में 'ऑपरेशन नार्कोस' का असर! 21 लाख की अफीम के साथ पकड़ा गया तस्कर, चारबाग स्टेशन से हुई गिरफ्त

लखनऊ में RPF और NCB ने ऑपरेशन नारकोस में 21 लाख की अफीम जब्त की।

Hemendra Tripathi
Published on: 26 Aug 2025 11:17 PM IST
लखनऊ में ऑपरेशन नार्कोस का असर! 21 लाख की अफीम के साथ पकड़ा गया तस्कर, चारबाग स्टेशन से हुई गिरफ्त
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों के खिलाफ अलग अलग विभाग की टीमें अभियान चलाकर शातिर तस्करों की दबोचने में जुटी हुईं है। इसी कार्रवाई के बीच मंगलवार को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी RPF और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की संयुक्त टीम ने 1.5 किलो अफीम बरामद कर एक अफीम तस्कर को दबोच लिया। बताया जाता है कि बरामद मादक पदार्थ की बाजार कीमत करीब 21 लाख रुपये आंकी गई है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले बलीराम यादव के रूप में हुई।

अमृतसर जा रही शहीद एक्सप्रेस से पकड़ा गया तस्कर

'ऑपरेशन नारकोस' के तहत यह बड़ी सफलता मिली। बताया जाता है कि आपरेशन नार्कोस के तहत इंटेलिजेंस इनपुट के बाद टीम ने ट्रेन नंबर 14673 शहीद एक्सप्रेस में कार्रवाई शुरू की। यह ट्रेन अमृतसर की ओर जा रही थी। रात करीब पौने 1 बजे जब ट्रेन चारबाग पहुंची तो टीम ने एस-4 कोच की सीट नंबर 58 पर बैठे एक संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी ली। पूछताछ में उस व्यक्ति ने अपना नाम बलीराम यादव बताया। उसके पास से एक पिट्ठू बैग मिला, जिसमें दो प्लास्टिक पाउच में गहरा भूरा चिपचिपा पदार्थ था, जो जांच में अफीम निकला।

नेपाल से अमृतसर तक फैला है ड्रग्स का जाल

गिरफ्तार किए गए आरोपी बलीराम यादव ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि यह अफीम उसे मोतिहारी में शंभू नाम के एक नेपाली तस्कर ने दी थी। उसे यह खेप अमृतसर में जगतार सिंह नाम के एक व्यक्ति को डिलीवर करनी थी। इस काम के बदले उसे प्रति डिलीवरी 6 हजार रुपये के साथ-साथ खाने-पीने और आने-जाने का खर्च भी मिलता था। बलीराम ने बताया कि जगतार सिंह का फोन नंबर उसे अमृतसर पहुंचने के बाद ही शंभू से मिलने वाला था। इस खुलासे के बाद एनसीबी और आरपीएफ दोनों ने इस स्मगलिंग चेन के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है।

सख्त कार्रवाई और भविष्य की योजना

बरामद की गई अफीम की कीमत बाजार में 14 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है, जिसके आधार पर कुल मूल्य 21 लाख रुपये है। एनसीबी लखनऊ ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी और बरामद सामग्री को कब्जे में ले लिया है। इस ऑपरेशन में आरपीएफ अपराध सूचना शाखा, लखनऊ (पूर्वोत्तर रेलवे) के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिंह और उप निरीक्षक प्रशांत सिंह यादव की टीम शामिल थी। इनके अलावा, आरपीएफ उत्तर रेलवे के इंस्पेक्टर चंदन कुमार और एनसीबी लखनऊ के उप निरीक्षक कुलदीप मिश्रा की टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारियों ने कहा है कि रेलवे स्टेशनों पर नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए ऐसे ऑपरेशन लगातार चलाए जाते रहेंगे। यह कार्रवाई दिखाती है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां देश की सुरक्षा के साथ-साथ ड्रग्स माफिया पर भी लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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