एक्शन में UP DGP! थानेदारों से लेकर अफसरों तक जारी हुआ अल्टीमेटम, कृष्ण जन्माष्टमी पर बंद होगी चंदा वसूली, अश्लील कार्यक्रमों पर भी रोक

UP News: उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने कृष्ण जन्माष्टमी पर थानेदारों और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। चंदा वसूली और अश्लील कार्यक्रमों पर पूरी तरह रोक लगाई गई है ताकि त्योहार गरिमा और शालीनता के साथ मनाया जा सके।

Hemendra Tripathi
Published on: 9 Aug 2025 8:07 PM IST
Lucknow news
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UP DGP Issues Ultimatum to Officers: Ban on Donation Collection and Obscene Events During Krishna Janmashtami

UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय से एक बेहद सख्त और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। इस साल 16 अगस्त को मनाए जाने वाले श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा ने सभी पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यह त्यौहार पूरी शालीनता और गरिमा के साथ मनाया जाए। डीजीपी ने साफ तौर पर कहा है कि जन्माष्टमी के नाम पर किसी भी तरह का चंदा जनता से नहीं लिया जाएगा, न ही पुलिसकर्मियों के वेतन से कोई जबरन कटौती की जाएगी।

DGP ने चंदा वसूली पर रोक लगाने के निर्देश

डीजीपी के आदेश के मुताबिक, जन्माष्टमी समारोह के लिए किसी भी व्यक्ति या संगठन से चंदा लेना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि पुलिस की छवि खराब न हो और जनता के बीच पुलिस का विश्वास बना रहे। यह एक ऐसा कदम है, जो पारदर्शिता और नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। पुलिस विभाग में इस तरह के निर्देश पहली बार नहीं दिए गए हैं, लेकिन इस बार इसे सख्ती से लागू करने पर जोर दिया गया है।

अशोभनीय कार्यक्रमों पर भी लगेगी लगाम- यूपी DGP

डीजीपी राजीव कृष्णा ने एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया है, जिसके अनुसार जन्माष्टमी के अवसर पर किसी भी प्रकार का अशोभनीय या अश्लील नृत्य का कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे पहले से ही होने वाले सभी कार्यक्रमों का अवलोकन करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी मंच पर अश्लील संवाद या नृत्य न हो।

यूपी DGP के निर्देश के क्या हैं मायने

आपको बता दें कि यूपी DGP की ओर से यह निर्देश सांस्कृतिक गरिमा बनाए रखने और सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों की मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है। पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जन्माष्टमी का त्यौहार परंपरागत और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए, लेकिन उसकी शालीनता और सम्मान को कोई ठेस न पहुंचे। डीजीपी का यह आदेश एक तरफ पुलिस की छवि सुधारने की कोशिश है तो दूसरी तरफ यह सुनिश्चित करना है कि धार्मिक त्यौहारों का आयोजन सम्मानपूर्वक हो। यह आदेश बताता है कि पुलिस विभाग अब खुद को समाज के सामने एक जिम्मेदार और पारदर्शी इकाई के रूप में प्रस्तुत करना चाहता है।

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