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Bijli Karamchari Andolan: याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा की भरेंगे हुंकार
Bijli Karamchari Andolan: अब निगाहें 27 जुलाई की बैठक पर टिकी हैं — जो यह तय करेगी कि यह आंदोलन अपने शांति मार्ग पर कायम रहेगा या संघर्ष का नया चरण शुरू होगा।
Bijli Karamchari Andolan: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग से जुड़े हजारों कर्मचारी पिछले 241 दिनों से शांतिपूर्ण ढंग से संघर्ष कर रहे हैं। वे केवल वेतन, स्थानांतरण या सुविधा की लड़ाई नहीं लड़ रहे, बल्कि पूरे सिस्टम में सम्मान, सुरक्षा और पारदर्शिता की गुहार लगा रहे हैं। "अगर उत्पीड़न नहीं रुका और निजीकरण नहीं टला, तो हम कार्य बहिष्कार करेंगे — जेल भी भरेंगे," संघर्ष समिति का यह बयान केवल चेतावनी नहीं, बल्कि कर्मचारियों के अंदर पनप रही व्यथा और असुरक्षा का प्रतीक है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का यह आंदोलन पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण और उससे उपजे कर्मचारी उत्पीड़न के खिलाफ है।
उत्पीड़न की मुख्य शिकायतें:
बिना नीति के मनमाने स्थानांतरण, जिनमें महिला कर्मचारी भी प्रभावित
7,000 से अधिक कर्मचारियों का वेतन रोकना
स्मार्ट मीटर की जबरन स्थापना, जिससे रियायती बिजली सुविधा समाप्त
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी प्रताड़ित किया जाना
विरोध करने वालों के खिलाफ फर्जी FIR और स्टेट विजिलेंस की कार्रवाई
27 जुलाई को निर्णायक बैठक
लखनऊ में संघर्ष समिति की कोर कमेटी की बैठक में आंदोलन को और तेज करने पर निर्णय लिया जाएगा। जनसंपर्क अभियान और जेल भरो आंदोलन की भी रूपरेखा बनाई जा सकती है।
कर्मचारी बोले: "हम भी इंसान हैं"
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने 3 दिसंबर 2022 और 19 मार्च 2023 को जो समझौते किए थे, उन्हें आज तक लागू नहीं किया गया।
"हमारा संघर्ष केवल नौकरी की नहीं, आत्म-सम्मान की लड़ाई है।"
🇮🇳 राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन
NCCOEEE (नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स) पहले ही 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी सांकेतिक हड़ताल कर चुका है, जिसमें 27 लाख बिजली कर्मचारी शामिल हुए थे। अब यह आंदोलन राष्ट्रीय बहस का विषय बनता जा रहा है।
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