Lucknow News: RBI और दूरसंचार विभाग की कार्यशाला: वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम पर चर्चा

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 30 जून 2025 को एक एडवाइजरी जारी कर सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और सहकारी बैंकों को अपने सिस्टम में FRI को एकीकृत करने के निर्देश दिए थे।

Virat Sharma
Published on: 29 Oct 2025 8:18 PM IST
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Lucknow Today News: भारतीय रिजर्व बैंक लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय और दूरसंचार विभाग उत्तर प्रदेश (पूर्व) लाइसेंस सेवा क्षेत्र लखनऊ के संयुक्त प्रयास से बुधवार को शहरी सहकारी बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के अध्यक्षों एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला वीरेंद्र कुमार, अपर महानिदेशक, दूरसंचार विभाग, उत्तर प्रदेश (पूर्व) लाइसेंस सेवा क्षेत्र, लखनऊ की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

बता दें कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैंकों को दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक से परिचित कराना था। मई 2025 में लॉन्च किया गया यह जोखिम-आधारित उपकरण मोबाइल नंबरों को मध्यम, उच्च या बहुत उच्च जोखिम श्रेणियों में वर्गीकृत करता है। यह वर्गीकरण राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल, दूरसंचार विभाग के चक्षु प्लेटफॉर्म, बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर किया जाता है।

RBI ने जारी की थी एडवाइजरी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 30 जून 2025 को एक एडवाइजरी जारी कर सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और सहकारी बैंकों को अपने सिस्टम में FRI को एकीकृत करने के निर्देश दिए थे। इस पहल का उद्देश्य साइबर-सक्षम वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम को सशक्त करना और डिजिटल अर्थव्यवस्था में नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रमुख एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।

हर दिन 4-5 हजार धोखाधड़ी नंबरों की पहचान

FRI सिस्टम की मदद से बैंक संदिग्ध लेनदेन पर तत्काल निवारक कदम उठा सकते हैं, जैसे संदिग्ध ट्रांजेक्शन को रोकना, ग्राहकों को अलर्ट करना या उच्च जोखिम वाले लेनदेन को अस्थायी रूप से स्थगित करना। प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म जैसे PhonePe, Paytm और Google Pay, जो मिलकर 90% से अधिक UPI लेनदेन संभालते हैं, ने पहले ही इस प्रणाली को लागू कर लिया है।

दूरसंचार विभाग ने बताया कि FRI प्रणाली के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 4,000 से 5,000 धोखाधड़ी नंबरों की पहचान की जा रही है और अब तक 220 करोड़ से अधिक की वित्तीय हानि को रोका जा चुका है।

53 बैंकों ने लिया हिस्सा

कार्यशाला में कुल 53 शहरी सहकारी बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आरबीआई के पर्यवेक्षण विभाग के जीएम मनमोहन ने सभी बैंकों से अपील की कि वे जल्द से जल्द FRI प्लेटफॉर्म के साथ समाकलन करें, ताकि साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं को न्यूनतम किया जा सके।

वहीं कार्यशाला के दौरान दूरसंचार विभाग के उप महानिदेशक (सुरक्षा) वेद प्रकाश वर्मा ने विभाग की एक और नागरिक-केंद्रित पहल “संचार साथी” एप/पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह प्लेटफॉर्म डिजिटल सुरक्षा के समग्र दृष्टिकोण के तहत सात नागरिक सेवाएं प्रदान करता है।

चक्षु: संदिग्ध धोखाधड़ी और अवांछित व्यावसायिक संचार की रिपोर्ट करें

खोए/चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करें

अपने नाम पर जारी मोबाइल कनेक्शन की जानकारी प्राप्त करें

मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता जांचें

भारतीय नंबर वाले अंतर्राष्ट्रीय कॉल की रिपोर्ट करें

इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) की जानकारी प्राप्त करें

विश्वसनीय संपर्क विवरण जानें

‘संचार साथी’ ने अब तक 6 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की पुनर्प्राप्ति में मदद की है। ‘डिजिटल बाय डिज़ाइन’ थीम पर आधारित यह प्लेटफॉर्म हर एक मिनट में एक फोन की रिकवरी में योगदान दे रहा है, जिससे नागरिकों का डिजिटल गवर्नेंस पर विश्वास और भी मजबूत हुआ है।

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न हुआ कार्यक्रम

कार्यशाला में कृष्ण कुमार, बीरेंद्र मौर्य, कुमुद जिंदल, आशुतोष पाण्डेय और विराज सहित दूरसंचार विभाग एवं भारतीय रिज़र्व बैंक, लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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