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मर्सिडीज से लेकर फॉर्च्यूनर तक...फर्जी IAS ने फैला रखा था ‘मायाजाल’, एक गलती पड़ गयी भारी
Fake IAS News: फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी ने लग्जरी गाड़ियों का काफिला तैयार कर रखा था।
Fake IAS Saurabh Tripathi
Fake IAS Saurabh Tripathi: राजधानी लखनऊ में फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कई सालों से सौरभ त्रिपाठी सभी की आंखों में धूल झोंक रहा था। उसने लखनऊ में ऐसा ‘मायाजाल’ फैला रखा था कि कोई भी पहचान नहीं सकता था। फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज, इनोवा से लेकर लैंड रोवर डिफेंडर जैसी लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था। जिसके चलते किसी को भी उस पर शक नहीं होता था। लेकिन एक गलती ने सौरभ त्रिपाठी के सभी किए कराए पर पानी फेर दिया।
फर्जी सरकारी पास समेत अन्य सामान बरामद
फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने तलाशी ली तो वह भी हैरत में पड़ गये। तलाशी के दौरान गाड़ियों से नकली सरकारी पास, फर्जी दस्तावेज और वीआईपी प्रोटोकॉल से जुड़े कई सामान पुलिस ने बरामद किये। फर्जी आईएएस बन वह कई बैठकों में भी शामिल होता था और फैसलों को प्रभावित करने की भी कोशिश करता था। कई बार अफसरों को उस पर शक भी हुआ, लेकिन उसकी दबंगई के आगे सभी चुप रह जाते थे।
करोड़ों रुपए की गाड़ियों का काफिला
फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी ने लग्जरी गाड़ियों का काफिला तैयार कर रखा था। उसके काफिले में कई गाड़ियां ऐसी भी है जिनकी कीमत करोड़़ों में है। टोयोटा फॉर्च्यूनर की कीमत ही लगभग 36 लाख से शुरू होकर 52 लाख तक जाती है। वहीं लैंड रोवर डिफेंडर की शुरुआती कीमत ही लगभग 97 लाख से शुरू होती है। इस गाड़ी के टॉप वेरियंट की कीमत ही 2.79 करोड़ रुपये तक जाती है। इसी तरह मर्सिडीज की भी शुरुआती कीमत 33.44 लाख रुपये से शुरू होती है और 1.90 करोड़ तक जाती है। वहीं टोयोटा इनोवा क्रिस्टा 19.99 लाख से शुरू होकर 27.18 लाख रुपये तक में बिकती है।
फर्जी अधिकारी बनने का सफर
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सौरभ त्रिपाठी ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा दी। लेकिन उसे सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद उसने सनक में ऐसा फैसला कर लिया जोकि बेहद खतरों से भरा था। वह फर्जी आईएएस बन लोगों को ठगने लगा।
चेकिंग के दौरान फूटा फर्जी आईएएस का भंडा
राजधानी लखनऊ के रेजिडेंसी के पास कारगिल पार्क के सामने पुलिस ने चेकिंग के लिए फर्जी आईएएस के वाहन को रोका। तब वाहन चालक ने साहब से बात करने के लिए कहा। जब पुलिसकर्मियों ने उसे कार की पिछली सीट पर बैठक शख्स से पूछताछ की तो वह गुस्सा गया। खुद को आईएएस बताते हुए कई अफसरों के नाम गिना डाले। लेकिन तभी पुलिस की नजर वाहन के पीछे रखी नीली और लाल बत्ती पर पड़ गयी। पुलिस का शक गहराया तो पूछताछ की। इसके बाद फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी की काली करतूत सबके सामने आ गयी।
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