Mathura News: "बरसाना में झूलन उत्सव की भव्य झांकी: स्वर्ण हिंडोले में विराजित राधा रानी के दर्शनों को उमड़ा भक्तों का सैलाब"

Mathura News: हरियाली तीज के पर्व पर ब्रह्मांचल पर्वत पर छायी हरी छठा के बीच स्थित लाडली जी मन्दिर का मनोरम दृश्य अलग ही लग रहा था।

Amit Sharma
Published on: 28 July 2025 7:52 AM IST
Mathura News: बरसाना में झूलन उत्सव की भव्य झांकी: स्वर्ण हिंडोले में विराजित राधा रानी के दर्शनों को उमड़ा भक्तों का सैलाब
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Mathura News: झूलन चलो हिंडोला ब्रज लाडली को...... ! श्याम प्यारे संग झूला झूल रही राधा प्यारी, झूला रहे सब सखियन कुछ ऐसा ही भाव राधा रानी जी मन्दिर में देखने को मिला। जब हरियाली तीज के पर्व पर बृषभान नंदनी अपने प्यारे नन्दलाल के साथ हरे पोशाक धारणकर स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर अपने भक्तों पर कृपा का सागार बरसा रही थी। इस अवसर पर लाडली जी मन्दिर को विशेष प्रकार के हरे परिधानों से सजाया गया था। वहीं जुगल जोड़ी की इस अद्भुत झांकी के दर्शन की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु आतुर नजर आ रहे थे। राधे राधे के जयकारों से पूरा परिसर गूजंयमान हो रहा था।

हरियाली तीज के पर्व पर ब्रह्मांचल पर्वत पर छायी हरी छठा के बीच स्थित लाडली जी मन्दिर का मनोरम दृश्य अलग ही लग रहा था। सुबह से ही सुहाने मौसम कभी धूप कभी छाय का आन्नद लेते हुए श्रद्धालुओं ने गहवरवन की परिक्रमा लगाई देश के कोने कोने से आये श्रद्धालु लाडली के दर्शनों की एक झलक पाने को ललियात नजर आ रहे थे। सुबह आठ बजे मन्दिर के सेवायतों द्वारा राधाकृष्ण के श्रीविग्रह को गर्भग्रह से बाहर जगमोहन में स्थित सोने चांदी से जड़ित प्राचीन स्वर्ण हिंडोले में विराजमान किया गया।

हरे वस्त्रों से सुसज्जित मनमोहनी श्रृंगार कर प्रिया प्रियतम ने अपने भक्तों को दर्शन दिये। बृषभान नदंनी की अनोखी झांकी के दर्शनों को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई राधाकृष्ण की इस झलक को अपनी आंखो में कैद करने को बेताब नजर आ रहा था। सेवायतो द्वारा बृषभान नंदनी को सतरंगी छप्पनभोग लगाया गया। तो वहीं श्रद्धालुओं द्वारा अपनी आराध्य राधारानी को घेवर व श्रृंग्रार भेंट किए।

लाडली के डोले के दर्शनों को उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

बरसाना।हरियाली तीज की संध्या पर ब्रजनंदनी की शोभायात्रा बड़ी ही धूमधाम से निकाली गयी। शोभायात्रा को मन्दिर के गर्भग्रह से नीचे परिसर में बनी संगरमरमर की सफेद छतरी में लाया गया। फूलों से सजे डोले में विराजमान प्रिया प्रियतम की झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ सी मच रही थी। गोस्वामी समाज के युवक डोले को कंधों पर उठाकर राधा रानी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वहीं डोले के साथ चल रहे बुर्जुग गोस्वामीयों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण किया जा रहा था। गाजे बाजे के साथ राधारानी की शोभायात्रा सफेद छतरी में पहुंची। राधाकृष्ण के श्रीविग्रह को सफेद छतरी में विराजमान किया गया। बृषभान नदंनी के नजदीक से दर्शन कर भक्त अपने आपको कृतार्थ मान रहे थे। वहीं सेवायतों द्वारा राधारानी को पुआ का भोेग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया।

इस अवसर पर गोस्वामी सामाज द्वारा राधारानी के समीप सावन के मल्हारों के पदो की प्रस्तुती की गई श्री बृषभान की पौरी रचै है हिडोरना, गौर श्याम धारन कौ लहरिया झूलत लहरै लैत। पहरौ सरस चैंक सौ श्यामा उधरि परौ हिय हेत, उफन उठौ संगम सुख सागर लोने अंग दिखायी देत आदि गाए गये। इसके उपरान्त देर शाम कोे गोस्वामी सामाज की कुंवारी कन्या द्वारा राधा रानी का आरता किया गया। जिसके बाद डोला में बैठाकर राधाकृष्ण के श्रीविग्रह को वापस गर्भग्रह में ले जाया गया।

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