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UP News: मायावती का संसद-सत्र पर बड़ा बयान ! हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बजाय देशहित पर हो सार्थक बहस, ऑपरेशन सिन्दूर पर दी नसीहत
UP News: बसपा सुप्रीमो मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब संसद का मानसून सत्र कई संवेदनशील मुद्दों को लेकर चर्चाओं के केंद्र में है।
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UP News: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संसद के आज से शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह सत्र भी पहले की तरह सिर्फ हंगामे, टकराव और आरोप-प्रत्यारोप में न बीते, बल्कि देशहित और जनहित के अहम मुद्दों पर सार्थक और सकारात्मक बहस होनी चाहिए। उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह सत्र भी करोड़ों गरीबों, मेहनतकशों और बहुजन समाज के लोगों की अच्छे दिनों’ की उम्मीदों को और कमजोर कर सकता है।
आंतरिक और बाहरी सुरक्षा संबंधी चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं
मायावती ने कहा कि देश इस समय जबरदस्त महंगाई, ग़रीबी, बेरोज़गारी और महिला असुरक्षा जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। वहीं, क्षेत्रीयता, भाषाई विवाद और सामाजिक टकराव भी बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही आंतरिक और बाहरी सुरक्षा संबंधी चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं, जो देश की समृद्धि और स्थिरता को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि संसद को इन मुद्दों पर ठोस बहस करके दीर्घकालिक रणनीति बनानी चाहिए ताकि विकास का मार्ग सुगम हो और जनता को वास्तविक राहत मिल सके।
राष्ट्रीय रणनीति बनाना समय की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने यह भी कहा कि बदलते वैश्विक हालात में भारत समेत दुनिया के लोकतंत्र और संप्रभुता पर नए खतरे मंडरा रहे हैं। ऐसे में सिर्फ सरकार की सजगता और कुशलता ही काफी नहीं है, बल्कि विपक्ष और जनता को विश्वास में लेकर राष्ट्रीय रणनीति बनाना समय की मांग है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार और विपक्ष दोनों को पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होकर काम करना चाहिए, क्योंकि यही देश के बहुजन समाज की अपेक्षा है।
ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा को लेकर सरकार हो सकारात्मक
बीएसपी प्रमुख मायावती ने संसद सत्र के दौरान पहलगाम नरसंहार और भारत के 'ऑपरेशन सिन्दूर' पर खुली चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए, क्योंकि देश की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। साथ ही, विपक्ष को भी पार्टी हित से ऊपर उठकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि देश और जन सुरक्षा सर्वोपरि है और इसी में सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका अहम है।
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब संसद का मानसून सत्र कई संवेदनशील मुद्दों को लेकर चर्चाओं के केंद्र में है। अब देखना यह होगा कि संसद में इस बार बहस और कार्यवाही किस दिशा में आगे बढ़ती है – टकराव की ओर या समाधान की ओर।
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