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Meerut News: अंधेरे और गड्ढों की लापरवाही ने छीन ली एक और ज़िंदगी, AAP नेता ने नगर आयुक्त से की शिकायत
Meerut News: 25 वर्षीय रिंकू, जो सरस्वती लोक का निवासी था, एक गहरे गड्ढे में फिसल गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
अंधेरे और गड्ढों की लापरवाही ने छीन ली एक और ज़िंदगी (photo: social media )
Meerut News: मेरठ के प्रताप विहार कॉलोनी के पास दो दिन पहले हुई एक सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। रात के अंधेरे में, खराब सड़क पर बाइक सवार 25 वर्षीय रिंकू, जो सरस्वती लोक का निवासी था, एक गहरे गड्ढे में फिसल गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद इलाके में मातम का माहौल है और जनता में गहरा आक्रोश है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर सड़क पर स्ट्रीट लाइट जल रही होती और गड्ढों को समय रहते भर दिया गया होता, तो यह जानलेवा हादसा टल सकता था। यह कोई पहला हादसा नहीं है, लेकिन रिंकू की मौत ने सबका सब्र तोड़ दिया। मंगलवार को आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी हर्ष वशिष्ठ ने क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर नगर आयुक्त से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपते हुए सड़क की हालत पर गंभीर सवाल उठाए।
हर्ष वशिष्ठ ने कहा:
"शहर में सड़कें जानलेवा बन चुकी हैं। विंटेज गार्डन से नूरनगर लिसाड़ी तक की सड़क पर गड्ढों का अंबार है और रात होते ही अंधेरा छा जाता है। लोग महीनों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम ने आंखें मूंद रखी हैं। अगर ये हादसा किसी वीआईपी के साथ होता, तो क्या तब भी ऐसे ही चुप रहते?"
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि:
सड़क के सभी गड्ढों को तत्काल प्रभाव से भरा जाए
बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों की तत्काल मरम्मत कर चालू किया जाए
क्षेत्र में एक सड़क सुरक्षा सर्वे कर नियमित निगरानी की व्यवस्था की जाए
नगर आयुक्त ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को तुरंत निर्देश जारी किए और कहा कि 24 घंटे के भीतर मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। AAP के प्रतिनिधिमंडल में हर्ष वशिष्ठ के साथ संदीप गुप्ता, सुनील गुप्ता, संजू सिसौदिया, अरुण मिश्रा, हिमांशु यादव, तनिष्क, चेतन, बंटी कुमार, कृष्णा यादव और साहिल शर्मा मौजूद रहे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस बार भी काम नहीं हुआ, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। बहरहाल,यह घटना एक बार फिर सवाल खड़े करती है कि शहरी विकास योजनाओं और जमीनी हकीकत के बीच की दूरी कितनी गहरी है। प्रशासन की प्राथमिकता आखिर क्या है – जान बचाना या फाइलों का बोझ बढ़ाना?
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