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Meerut News: नीतियां कागज़ पर बहुत हैं, ज़मीन पर कुछ नहीं, पत्रकारों ने सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी को सौंपा ज्ञापन, उठाए कई तीखे सवाल
Meerut News: पत्रकारों ने कहा कि नगर निगम, आवास विकास, शिक्षा विभाग, रजिस्ट्रार ऑफिस—हर जगह आम आदमी को दिक्कतें हैं, लेकिन जवाबदेही कहीं नज़र नहीं आती।
पत्रकारों ने सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी को सौंपा ज्ञापन, उठाए कई तीखे सवाल (Photo- Social Media)
Meerut News: मेरठ में रविवार को पत्रकारों का सब्र टूटा। वरिष्ठ पत्रकारों, संपादकों और मीडिया से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाजपा के राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी को ज्ञापन सौंपकर विकास योजनाओं में पारदर्शिता, प्रशासनिक जवाबदेही और जन सरोकारों की अनदेखी पर सख्त ऐतराज़ जताया।
ज्ञापन में मेरठ विकास प्राधिकरण की महायोजना 2031 से लेकर नौचंदी मेले की गरिमा, शिक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी और स्कूल वाहनों की सुरक्षा तक—हर मोर्चे पर सवाल उठाए गए। पत्रकारों ने सीधे पूछा, "नीतियों की घोषणा तो हो जाती है, लेकिन क्या कभी धरातल पर उतरी हैं?"
कई विभागों पर सवाल, जांच और कार्रवाई की मांग
पत्रकारों ने कहा कि नगर निगम, आवास विकास, शिक्षा विभाग, रजिस्ट्रार ऑफिस—हर जगह आम आदमी को दिक्कतें हैं, लेकिन जवाबदेही कहीं नज़र नहीं आती। मांग की गई कि सरकारी योजनाओं की जानकारी सिर्फ फाइलों तक सीमित न रह जाए, जनप्रतिनिधियों और मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुंचे।
स्कूलों में अवैध फीस वसूली, डॉक्टर प्रमाणपत्र के नाम पर हो रही लूट, स्कूल वाहनों की लापरवाही—इन मुद्दों पर भी पत्रकारों ने सख्ती से कार्रवाई की मांग की।
“जनता से जुड़ी नीतियों में मीडिया की भागीदारी ज़रूरी”
पत्रकारों ने नौचंदी मेला समिति में वरिष्ठ पत्रकारों को शामिल करने की बात भी उठाई। साथ ही कहा कि शासन-प्रशासन को मीडिया से संवाद बढ़ाना चाहिए, ताकि जनता की बात सीधे ऊपर तक पहुंच सके।
ज्ञापन देने वालों में ये रहे प्रमुख चेहरे:
पुष्पेंद्र शर्मा (पूर्व संपादक, हिंदुस्तान), रवि विश्नोई (केसर खुशबू), अंकित विश्नोई (पूर्व सदस्य, मजीठिया बोर्ड), सुरेंद्र शर्मा (पूर्व जिला सूचना अधिकारी), प्रदीप वत्स (जनसत्ता), राजेश शर्मा (PoliticalAdda.com), और डॉ. रविन्द्र प्रताप राणा।
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