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Pratapgarh News: फसल अवशेष जलाने पर लगेगा जुर्माना, किसान पराली गौशालाओं को दें और खाद पाएं: डीएम
Pratapgarh News : प्रतापगढ़ में फसल अवशेष जलाना प्रतिबंधित, उल्लंघन पर ₹15,000 तक जुर्माना, वैकल्पिक उपायों से किसान कर सकते हैं अतिरिक्त कमाई
Crop Residue Burning Ban in Pratapgarh ( Image From Social Media )
Pratapgarh News: जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने जनपद के किसान भाइयों को अवगत कराया है कि वर्तमान समय में खरीफ फसलों की कटाई एवं मड़ाई का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान फसल अवशेष एवं अन्य कृषि अपशिष्टों को जलाने से मिट्टी, जलवायु तथा मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा फसल अवशेष जलाना प्रतिबंधित किया गया है।जिलाधिकारी ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति हेतु जुर्माना लगाया जाएगा। इसका विवरण निम्नानुसार है
2 एकड़ से कम भूमि पर जलाने की दशा में ₹2,500 प्रति घटना
2 से 5 एकड़ भूमि पर जलाने की दशा में ₹5,000 प्रति घटना
5 एकड़ से अधिक भूमि पर जलाने की दशा में ₹15,000 प्रति घटना
उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे फसल अवशेष न जलाएं, बल्कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों एवं पूसा बायो डिकम्पोजर का प्रयोग करें। इससे मृदा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सकता है।
किसान भाई फसल कटाई के बाद निम्नलिखित यंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं
सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, श्रेडर, मल्चर, रोटरी स्लेशर, शर्ब मास्टर
हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एमबी प्लाऊ, जीरो टिल सीड कम फर्टी ड्रिल, क्रॉप रीपर, रीपर कम बाइंडर, रेक, बैलर
इन उपकरणों से फसल अवशेष का उपयोग पशु चारे, जैविक खाद, बायोकोल, बायो फ्यूल व CBG गैस आदि के उत्पादन में किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि जनपद में स्थापित गौशालाओं में पराली देकर किसान बदले में खाद प्राप्त कर सकते हैं। इससे:
गौशालाओं में चारे पर व्यय भार कम होगा
किसानों को मुफ्त या सस्ती खाद उपलब्ध होगी
खेतों की उर्वरक क्षमता बढ़ेगी
फसल अवशेष प्रबंधन बेहतर होगा
किसान चाहें तो पराली संग्रहीत कर CBG प्लांट्स या अन्य जैव ऊर्जा इकाइयों को बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंबाइन हार्वेस्टर के साथ फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र जैसे स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रॉ रीपर, रेक, बैलर आदि का प्रयोग अनिवार्य है। उल्लंघन की स्थिति में हार्वेस्टर को सीज किया जाएगा।
फसल अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए उप जिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में सचल दल गठित किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति अवशेष जलाता पाया जाता है या उपग्रह प्रणाली के माध्यम से घटना चिन्हित होती है, तो दोषी व्यक्ति एवं संबंधित कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी।अंत में जिलाधिकारी ने किसान भाइयों से आग्रह किया कि वे फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को शून्य करें और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
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