TRENDING TAGS :
राधा-अष्टमी पर ब्रज में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब ! कितने लाख श्रद्धालुओं ने किए राधा-रानी के दर्शन
बरसाना इस बार भक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सबसे ज्यादा सराबोर रहा
Lucknow News: Photo Social Media
Uttar Pradesh News: राधे-राधे की गूंज, नगाड़ों की थाप, फूलों की वर्षा और भक्ति की तरंगों से सराबोर गलियां..रविवार को राधा अष्टमी पर पूरा ब्रजभूमि आस्था के रंग में रंगा दिखा। रावल, बरसाना और वृंदावन में भक्तों का ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि हर ओर भक्ति और उल्लास का दृश्य नजर आया। लगभग 07 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने राधारानी के दर्शन कर दिव्यता का अनुभव किया। सुबह से ही रावल स्थित जन्मस्थली पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा।
बता दें कि यहां विशेष पूजा-अर्चना और भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें दूर-दराज से आए भक्तों ने भक्ति रस का आनंद लिया। बरसाना का राधारानी मंदिर आयोजन का केंद्र रहा, जहां बूढ़ी लीला महोत्सव की शुरुआत हुई। वहीं वृंदावन के बांके बिहारी और राधा रमण मंदिरों में भव्य झांकियां और संध्याएं हुईं, जिनमें हजारों श्रद्धालु डूबते-उतराते दिखे।
बरसाना में भक्ति और संस्कृति का संगम
बरसाना इस बार भक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सबसे ज्यादा सराबोर रहा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने छह स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगवाईं, जिनसे लाखों भक्तों ने लाइव दर्शन किए। लोक कलाकारों की छह टीमों ने बीन, नगाड़ा, ढोल और तबले की धुनों से ऐसा वातावरण रचा कि पूरा बरसाना राधे-राधे के उद्घोष से गूंज उठा। श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए गोवर्धन-बरसाना और बरसाना-छाता मार्ग पर बने भव्य स्वागत द्वार आकर्षण का केंद्र बने। गलियों और मंदिर प्रांगण को फूलों और रोशनी से सजाया गया, जिससे ब्रज की सांस्कृतिक छवि और निखरकर सामने आई।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिली नई रौनक
त्योहार ने आस्था और पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी। होटल, गेस्ट हाउस, रेस्त्रां, परिवहन सेवाओं, दुकानदारों और हस्तशिल्प विक्रेताओं को जबर्दस्त लाभ हुआ। भीड़ ने हजारों लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा किया। दुकानें, प्रसाद विक्रेता और हस्तशिल्प की छोटी-छोटी दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। श्रद्धालुओं ने कहा कि ऐसा माहौल केवल ब्रज में ही देखने को मिलता है, जहां भक्ति और संस्कृति साथ-साथ चलती है।
सरकार का संकल्प, भक्ति संग सुविधा
पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राधा अष्टमी केवल आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की समृद्धि और रोजगार का माध्यम भी है। सरकार और विभाग का संकल्प है कि ब्रज आने वाले हर श्रद्धालु को सुविधा और आत्मीयता मिले। वहीं प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि जब देश-विदेश से आए श्रद्धालु यहां की संस्कृति और बेहतर व्यवस्थाओं का अनुभव लेकर लौटते हैं, तो यह ब्रज पर्यटन की पहचान को और सशक्त करता है।
व्यापक व्यवस्थाओं की सराहना
सहायक पर्यटक अधिकारी हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से स्वच्छता, पेयजल और पार्किंग की व्यवस्थाओं की सराहना की। बरसाना में कई पार्किंग स्थलों का निर्माण किया गया। अतिरिक्त सफाईकर्मी तैनात किए गए और अस्थायी शौचालय लगाए गए। भीड़ में किसी को परेशानी न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश केंद्र बनाए गए। मंदिरों में लाइव स्ट्रीमिंग से हजारों श्रद्धालुओं ने बिना भीड़ के शांतिपूर्वक दर्शन किए।
भक्ति, पर्यटन और समृद्धि का संगम
राधा अष्टमी पर ब्रजभूमि का हर कोना भक्ति में डूबा दिखा। राधे-राधे की गूंज से गलियां जीवंत हो उठीं। भक्तों की भीड़, सजावट, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और व्यवस्थाओं ने मिलकर इस पर्व को आस्था, पर्यटन और समृद्धि का ऐसा उत्सव बना दिया, जिसने हर किसी के दिल पर अमिट छाप छोड़ी।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!