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Lucknow News: कर्मचारी-शिक्षकों का सत्याग्रह और भूख हड़ताल: कर्मचारियों और शिक्षकों में गहरा रोष, सरकार से समाधान की मांग तेज
महासचिव शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि 18 नवंबर 2024 को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक की कार्यवृत्ति अभी तक जारी नहीं की गई है, और न ही उस पर कोई कार्यवाही हुई है।
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Lucknow Today News: प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर एक बार फिर कर्मचारी और शिक्षक समूह ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबित मांगों के विरोध में कर्मचारी संगठन सत्याग्रह और भूख हड़ताल के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण करेंगे। बता दें कि लखनऊ में यह कार्यक्रम बीएन सिंह प्रतिमा स्थल पर संपन्न होगा। यह निर्णय नगर निगम कार्यालय में मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा की अध्यक्षता में हुई प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।
इस दौरान बैठक में महासचिव शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि 18 नवंबर 2024 को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक की कार्यवृत्ति अभी तक जारी नहीं की गई है, और न ही उस पर कोई कार्यवाही हुई है। उन्होंने कहा कि इस वादाखिलाफी पर रोष जताते हुए 4 मार्च को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कार्यवृत्ति जारी करने और मांगों के समाधान की मांग की गई थी। इसके बाद 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव कार्मिक को दोबारा स्मरण पत्र भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब या कार्यवाही नहीं हुई है। इस उपेक्षा से कर्मचारियों और शिक्षकों में गहरा रोष व्याप्त है। इसी नाराजगी के चलते सत्याग्रह और भूख हड़ताल का फैसला लिया गया है।
बड़ी संख्या में कर्मचारी नेता रहे मौजूद
बैठक में कई प्रमुख कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के नेता मौजूद रहे, जिनमें मोर्चा के संयोजक सतीश कुमार पांडे, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश मिश्रा, फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा, महामंत्री घनश्याम यादव, जवाहर भवन-इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री राम कुमार धानुक, मेडिकल कॉलेज कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष विपिन त्यागी, रिजवान अहमद, माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री आशीष कुमार सिंह और सतीश कुमार वर्मा शामिल रहे। सभी पदाधिकारियों ने सरकार की निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए यह स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
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