Shravasti News: दीप प्रज्वलन से हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ, वादों का हुआ निस्तारण

Shravasti News: इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश राकेश धर दुबे ने किया।

Radheshyam Mishra
Published on: 10 May 2025 5:27 PM IST
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दीप प्रज्वलन से हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ  (photo: social media )

Shravasti News: जनपद न्यायालय भिनगा में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश राकेश धर दुबे ने किया। उनके साथ राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी अवनीश गौतम, अपर जिला जज और प्रभारी सचिव निर्दोष कुमार, अपर जिला जज शारिब अली, सीजेएम श्रावस्ती, सिविल जज जूनियर डिवीजन गौरव द्विवेदी और न्यायिक मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार मद्धेशिया भी उपस्थित थे।

इस गरिमामय समारोह में फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश और राष्ट्रीय लोक अदालत के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला, मॉडल बार के अध्यक्ष, पूर्व महामंत्री अरुण कुमार मिश्र, के के त्रिपाठी, के पी सिंह और अन्य सभी कर्मचारी, अभियोजन विभाग के अधिवक्तागण भी शामिल हुए। इसके अलावा अग्रणी बैंक प्रबंधक इंडियन बैंक जुगल किशोर सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी ग्रामीण बैंक अमित वार्ष्णेय और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रावस्ती के पैरा लीगल वॉलंटियर्स माला शर्मा ने भी भाग लिया। सभी ने मिलकर मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। यह आयोजन न केवल दीवानी न्यायालय परिसर श्रावस्ती में हुआ, बल्कि भिनगा, इकौना और जमुनहा तहसील मुख्यालयों में भी आयोजित किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से वादों के त्वरित और सौहार्दपूर्ण निपटारे को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया, जिससे आमजन को न्याय प्राप्त करने में आसानी हो सके।

लोक अदालत एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र

इस दौरान जनपद न्यायाधीश राकेश धर दुबे ने अपने व्याख्यान में कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य न्यायालयों में लंबित या मुकदमे-पूर्व चरण के विवादों/मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा/समझौता करना है। साथ ही कहा कि लोक अदालत एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र है। साथ ही एक ऐसा विवाद तंत्र है कि जहाँ न्यायालय में लंबित या मुकदमे-पूर्व चरण के विवादों/मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा/समझौता किया जाता है।

उन्होंने कहा कि लोक अदालतों को विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत वैधानिक दर्जा भी प्राप्त है, ऐसे में राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्देश्य को धरातल पर लाना हम सबका कर्तव्य है। दौरान जिला जज ने बैंक अधिकारियों को एनपीए हो चुके लोनों को रिकवर करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए। जनपद न्यायाधीश राकेश धर दूबे ने बैंक अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि एनपीए हो चुके लोनों को कम से कम इंटरेस्ट के पर निस्तारण करें, जिससे राष्ट्र का कम से कम नुकसान हो।

वादों को सुलह समझौते से समाप्त करने के बारे बताया

राष्ट्रीय लोक अदालत नोडल अधिकारी अवनीश गौतम ने कहा कि पिछले कई सालों से श्रावस्ती की अदालत प्रदेश में वादों के निस्तारण करने के मामले में अपेक्षित गति ली है। इसको बरकरार रखने में सभी महती भूमिका निभाए। इस दौरान उपस्थित अन्य सभी न्यायिक अधिकारी गण ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिक से अधिक से समस्त प्रकार के वादों को सुलह समझौते से समाप्त करने के बारे बताया।वहीं, लोक अदालत के माध्यम से अपने मामलों को सुलझाने के लिए विभिन्न वादों से संबंधित लोगों एवं उनके वकीलों की भी भारी भीड़ रही। साथ ही सभी पी एल वी,डीएलएसए और वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे। उक्त कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार शर्मा पैनल लॉयर एवं सदस्य मॉनिटरिंग कमेटी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रावस्ती द्वारा किया गया।इस दौरान जिला के तमाम पुलिस कर्मी भी मौके पर उपस्थित थे।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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