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Siddharthnagar News: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. हबीबुल्लाह की वीरगाथा, जेल, जुर्माना और अंग्रेजों के अत्याचार झेलते हुए लड़ी आजादी की लड़ाई
Siddharthnagar News: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. हबीबुल्लाह पुत्र स्व. बिस्मिल्लाह का नाम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के उन वीरों में लिया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया।
Habibullah, freedom fighter
Siddharthnagar News: नगर पंचायत डुमरियागंज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. हबीबुल्लाह पुत्र स्व. बिस्मिल्लाह का नाम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के उन वीरों में लिया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया। स्व. हबीबुल्लाह का जीवन त्याग, संघर्ष और बलिदान की मिसाल रहा। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद की और हर आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें कई बार गिरफ्तार किया।
उन पर राजद्रोह और अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप लगाए गए। उनकी सक्रियता और जनता में लोकप्रियता से भयभीत होकर अंग्रेज अधिकारियों ने उन पर भारी जुर्माना लगाया और आर्थिक रूप से तोड़ने का प्रयास किया। इसके बावजूद, हबीबुल्लाह ने अपने संकल्प को कमजोर नहीं होने दिया और जेल की यातनाएं सहते रहे। जेल में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
उन्हें कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया, ठंड में बिना कपड़ों के रहना पड़ा और शारीरिक यातनाएं दी गईं। अंग्रेज यह चाहते थे कि वे आंदोलन से पीछे हट जाएं, लेकिन उनका हौसला अडिग रहा। जेल से छूटने के बाद भी वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहे और गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया कि आजादी के बिना जीवन अधूरा है। स्व. हबीबुल्लाह का मानना था कि देश की आजादी के लिए हर नागरिक को अपने हिस्से का संघर्ष करना चाहिए।
उनकी प्रेरक वाणी और अदम्य साहस से डुमरियागंज और आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों युवाओं ने आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने न केवल गांधीजी के असहयोग आंदोलन का समर्थन किया बल्कि सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश की आजादी के बाद भी वे समाज सेवा में लगे रहे और अपने जीवन के अंतिम समय तक लोगों को एकजुट रहने और राष्ट्रहित में काम करने की प्रेरणा देते रहे। उनका जीवन संघर्ष, साहस और देशभक्ति का प्रतीक है।
आजादी के 78 वर्ष बाद भी नगर पंचायत डुमरियागंज के लोग स्व. हबीबुल्लाह को गर्व और श्रद्धा के साथ याद करते हैं। उनकी वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उनके त्याग और योगदान को इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। नगर पंचायत डुमरियागंज वह वार्ड जिसमें उनका पैतृक मकान स्थित है, उस वार्ड को उनके नाम पर हबीबुल्लाह नगर वार्ड रखा गया है।
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