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Sonbhadra News: 12 सालों में 21000 मेगावाट बढी बिजली की खपत, अधिकतम खपत में यूपी ने महाराष्ट्र को छोड़ा पीछे, न्यूनतम खपत में भी दर्ज हुई दोगुनी वृद्धि
Sonbhadra News: आंकडे़ बताते हैं कि वर्ष 2012-13 और वर्ष 2014-15 में जहां अधिकतम बिजली खपत क्रमशः 12048 और 12327 मेगावाट थी।
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Sonbhadra News: यूपी में लगातार बिजली खपत बढ़ती जा रही है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के जरिए जो जानकारी सामने आई है। उसमें मुताबिक महज 12 सालों में बिजली की अधिकतम खपत ढाई गुना (21000 मेगावाट की वृद्धि) तक बढ़ गई है। यूपी ने बिजली खपत में इतनी तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की है कि भारत की आर्थिक राजधानी का दर्जा रखने वाले मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में होने वाली बिजली खपत को भी पीछे छोड़ दिया। न्यूनतम खपत में भी 12 सालों में दोगुना वृद्धि दर्ज की गई है। रोजाना की होने वाली अधिकतम खपत भी 10 साल पूर्व 229 मिलियन यूनिट के मुकाबले 610 मिलियन यूनिट पर पहुंच गई है।
बिजली खपत ने वर्ष 2014-15 से पकड़ी तेज रफ्तार
आंकडे़ बताते हैं कि वर्ष 2012-13 और वर्ष 2014-15 में जहां अधिकतम बिजली खपत क्रमशः 12048 और 12327 मेगावाट थी। वहीं, बिजली खपत वर्ष 2014-15 में 13003, 2015-16 में 14503, 2016-17 में 16110, 2017-18 में 18061, 2018-19 20062, 2020-21 में 23867 मेगावाट पर पहुंच गई। वर्ष 2022-23 में 26589, 2023-24 में 28284, 2024-25 में बिजली की अधिकतम मांग 30618 मेगावाट पर पहुंच गई। 2025-26 यानी मौजूदा सीजन 31486 मेगावाट का आंकड़े ने यूपी में अब तक के खपत के सारे रिकार्ड तो पीछे छोड़ ही, पूरे देश में सर्वाधिक खपत का एक नया रिकार्ड बना डाला ।
कुछ यह है टॉपटेन राज्यों में अधिकतम बिजली खपत की स्थिति
11 जून 2025 को दर्ज किए गए अब तक के सर्वाधिक बिजली खपत 31486 मेगावाट के आंकड़ों पर ध्यान दे ंतो इस दिन महाराष्ट्र की अधिकतम बिजली खपत 25459 मेगावाट, गुजरात की 25018 मेगावाट दर्ज की गई। वहीं, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और तमिलनाडु की अधिकतम खपत 12 से 18 हजार मेगावाट के बीच बनी रही।
13 इकाइयों की बंदी से लड़खड़ाया रहा उत्पादन
जुलाई माह में भी बिजली की अधिकतम खपत 28 से 30 मेगावाट के बीच बनी हुई है। शनिवार को भी यूपी में बिजली की खपत 28 से 29 हजार मेगावाट के बीच बनी रही। उधर, यूपी स्थिति बिजलीघरों की 13 इकाइयां से उत्पादन ठप रहने के कारण, 2363 मेगावाट तक बिजली उत्पादन लड़खड़ाया रहा। इसके चलते सिस्टम कंट्रोल जहां महंगी बिजली खरीद कर हालात संभालता रहा। वहीं, सोनभद्र सहित यूपी के कई जिलों में आपूर्ति शिड्यूल के बीच में आपात कटौती की स्थिति बनती रही।
पिछले 4 सालों में तेजी से बढ़ी बिजली की आपूर्ति
उधर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भी आंकड़ों की पुष्टि करते हुए कहा है कि पिछले चार वर्षों में औसतन 29200 मेगावाट अधिकतम बिजली आपूर्ति हुई है। वहीं रोज़ाना की अधिकतम बिजली आपूर्ति 610 मिलियन यूनिट (एमयू) रिकार्ड की गई है। ऊर्जा मंत्री के मुताबिक यह आंकड़ा वर्ष 2012-17) के बीच के सालाना औसतन आंकड़े 13500 मेगावाट (एमडब्ल्यू) से ढाई गुना और रोजाना के अधिकतम बिजली आपूर्ति 229 मिलियन यूनिट (एमयू) के आंकड़े से दोगुने से भी अधिक है।
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