Sonbhadra News: शादी का झांसा देकर तीन साल तक बनाता रह संबंध, गर्भ ठहरने पर खिलाई दवा, दोषी को 20 वर्ष की कठोर कैद

Sonbhadra News: दवा खाने के बाद बच्चे के ट्यूब में फंस जाने के कारण, मां बनने का सुख भी पीड़िता से हमेशा के लिए छिन गया था।

Kaushlendra Pandey
Published on: 3 Jun 2025 6:32 PM IST
Relationship for three years, pregnancy, toy drugs, 20 years rigorous imprisonment
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शादी का झांसा देकर तीन साल तक बनाता रह संबंध, गर्भ ठहरने पर खिलाई दवा, दोषी को 20 वर्ष की कठोर कैद (Photo- Social Media)

Sonbhadra News: सोनभद्र । शादी का झांसा देकर नाबालिग के साथ तीन वर्ष तक शारीरिक संबंध बनाए और गर्भ ठहरने पर दवा खिलाने के दोषी को 20 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। दवा खाने के बाद बच्चे के ट्यूब में फंस जाने के कारण, मां बनने का सुख भी पीड़िता से हमेशा के लिए छिन गया था। हाथीनाला थाना क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व सामने आए इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) एक्ट की अदालत ने मंगलवार को फाइनल सुनवाई की।

पीड़िता के पर्याप्त प्रतिकर के लिए की गई सिफारिश

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने कठोर करावास के साथ ही, 20 हजार का अर्थदंड, इसकी अदायगी न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश पारित किया। अर्थदंड जमा होने के बाद उसमें से 15 हजार पीड़िता को प्रदान करने के आदेश दिए गए। हालांकि प्रतिकर की राशि अपर्याप्त हुए, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पीड़िता के लिए प्रतिकर की राशि तय करते हुए, उसे दिलाने की सिफारिश की गई है।

यह था मामला, जिसको लेकर आया निर्णय

पीड़िता के पिता की तरफ से चार अक्टूबर 2023 को प्रकरण में हाथीनाला थाने में तहरीर देकर दुष्कर्म, पास्को एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि चार साल पहले आरोपी चंद्रबली पनिका पुत्र विनय निवासी हथवानी थाना हाथीनाला ने शादी का झांसा देकर उसके तीन साल तक संबंध बनाया। पहली बार वह ढाई साल पहले गर्भवती हुई तो उसने उसे लाकर दवा खिला दिया।

गर्भपात की दवा खिलाने से ट्यूब में आकर फंस गया था बच्चा

छह माह बाद दूसरी बार गर्भवती होने पर फिर से दवा लाकर खाने के लिए दी। एतराज पर जबरिया दवा खिला दी गई और उसके साथ मारपीट की गई। दूसरी बार दवा खाने के बाद उसकी हालत काफी खराब हो गई। तब उसने परिवार के लोगों को जानकारी दी। उपचार के लिए उसे जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो माह के बच्चे को ट्यूब में फंसने की जानकारी दी गई। वहां ऑपरेशन कर उसका ट्यूब निकाल दिया गया। इस कारण वह अब मां नहीं बन सकती।

एसपी से लगाई गई गुहार, तब दर्ज हुई थी एफआईआर

पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए बयान के मुताबिक उसने आरोपी के घर जाकर वाकए की जानकारी दी तो उसे ही डरा-धमका कर भगा दिया गया। गाली-गलौज की गई। हाथीनाला पहुंचकर मामले की जानकारी दी। कोई कार्रवाई न होने पर मां के साथ पुलिस लाइन जाकर एसपी से गुहार लगाई। एसपी के निर्देश पर केस दर्ज कर छानबीन की गई और उसका मेडिकल कराने के साथ ही मजिस्ट्रेट के समक्ष कलमबंद बयान दर्ज कराया गया।

नाबालिग के साथ सहमति से होंगे संबंध, तब भी माना जाएगा अपराध

न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि जिस वक्त उसके साथ संबंध बनाया गया, उस वक्त वह नाबालिग थी। विधि व्यवस्था के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की स्त्री के साथ उसकी सहमति या उसकी सहमति बिना बनाया गया शारीरिक संबंध बलात्संग की श्रेणी में आयेगा। वहीं, संबंधित अस्पताल की तरफ से उपलब्ध कराई गई रिपोट से यह साबित हुआ कि बच्चा गिराने की दवा खिलाने के कारण पीड़िता को जटिल स्थिति का सामना करना पड़ा।

मामले में दुष्कर्म के साथ ही पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास, 20 हजार के अर्थदंड (अर्थदण्ड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास) की सजा सुनाई गई। ंदौरान विचारण कारागार में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जायेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज सिंह ने की।

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