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Sonbhadra News: 42 बीघे जमीन हड़पने के लिए बदल दी वरासत, पट्टीदारों को दिखाया मृतक की संतान, एडीओ सहित कई पर आरोप, एफआईआर
Sonbhadra News: दो सगे भाइयों सहित जहां सात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं, इस प्रकरण में, मामले से संबंधित रहे राजस्व विभाग और ब्लाक से जुड़े कर्मियों-अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।
42 बीघे जमीन हड़पने के लिए बदल दी वरासत, पट्टीदारों को दिखाया मृतक की संतान, एडीओ सहित कई पर आरोप, एफआईआर (Photo- Social Media)
Sonbhadra News: सोनभद्र । राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के परही गांव में जमीन वरासत को लेकर बड़े फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। आरोपों की मानें तो डीमए-एसडीएम के निर्देश के बाद भी, फर्जीवाड़े से जुड़े इस खेल पर परदा तो डाला ही गया, मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए, ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के जरिए, कुछ इस कदर खेल खेला गया कि मामले में कार्रवाई के लिए लगाई गई गुहार के मसले पर सुनवाई कर रही न्यायालय ने भी फर्जीवाड़े के साथ उस पर परदा डालने के अपनाए गए तरीके से जुड़े मामले को खासा गंभीर और हैरान कर देने वाला प्रकरण माना।
फिलहाल इस मामले में दो सगे भाइयों सहित जहां सात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं, इस प्रकरण में, मामले से संबंधित रहे राजस्व विभाग और ब्लाक से जुड़े कर्मियों-अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। जो आरोप लगाए गए हैं, उसके मुताबिक फिलहाल दो सहायक विकास अधिकारी, एक ग्राम विकास अधिकारी सहित पांच राजस्व-ब्लाक कार्मिकों की भूमिका संदेह के घेरे में है। अब इस मामले में पुलिस की जांच कहां तक पहुंचती है? इस पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं।
यह है मामला, जिसको लेकर दर्ज किया गया केस
सोहन यादव निवासी परहीं, थाना-राबर्ट्सगंज ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया है कि उसके नाना स्व. वंशी यादव को कोई पुत्र नहीं था। मात्र दो पुत्रियां ( उसकी मां गांगी देवी और मौसी रामपति देवी) थीं। नाना के नाम परहीं में लगभग 42 बीघा जमीन है जिसकी कीमत करोड़ों में है। आरोप है कि नाना के भाई रामनंदन यादव (अब मृतक) और उनके दोनों पुत्र राधेश्याम, रामसूरत, पुत्री रामपति सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से, सरकारी कागजात, परिवार रजिस्टर एवं अन्य कागजात से वास्तविक पुत्रियों को गायब कराकर, स्वयं का नाम दर्ज करा लिया और इसके जरिए उसके नाना के नाम वाली जमीन पर अपना नाम दर्ज करवा लिया। एतराज पर बहाने बनाकर प्रकरण को टालते रहे।
लगातार अफसरों से लगाई जा रही गुहार, नहीं मिली राहत
शिकायतकर्ता की तरफ से प्रार्थनापत्र के जरिए बताया गया है कि जब उसके नाना के पट्टीदारों ने, अपना नाम निरस्त नहीं कराया। तब उसकी मां और मौसी ने उपजिलाधिकारी राबर्ट्सगंज के यहां प्रार्थन पत्र देकर संबंध प्रमाण पत्र बनवाया और अपने पिता के कुटुम्ब रजिस्टर में अपना नाम जोड़ने, आरोपियों का नाम काटने का आवेदन दिया। एसडीएम सदर ने बीडीओ करमा को निर्देश दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब डीएम से गुहार लगाई गई। डीएम ने बीडीओ करमा को जांच के लिए गांव में भेजा। जांच के दौरान पुष्टि हुई कि वंशी यादव को कोई पुत्र नहीं थे, सिर्फ दो पुत्रियां हैं लेकिन जांच रिपोर्ट दबा दी गई।
जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद भी नहीं लिया गया संज्ञान
दावा किया गया है कि जांच रिपोर्ट में शिकायत सही पाए जाने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो संबंधित जांच कार्यवाही की विडियो और पेनड्राईव के जरिए रिपोर्ट डीएम के यहां उपलब्ध कराते हुए कुटुम्ब रजिस्टर को संशोधित कराने की मांग की गई। डीएम ने राहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार, सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) अनंत कुमार सिंह और आईईएमआई सुनील कुमार मिश्रा की जांच टीम गठित कर, कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
इस तरह खेला गया मामले को ठंडे बस्ते में डालने का खेल
बताया गया है कि अनंत कुमार सिंह पहले वाली जांच टीम में भी थे। पूर्व की टीम में रहे ग्राम विकास अधिकारी अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, अनुज तिवारी (वीओपीआरडी) भी थे। आरोपों के जरिए दावा किया गया है कि ग्राम विकास अधिकारी अश्वनी कुमार श्रीवास्तव और एडीओ आईएसबी अनंत कुमार सिंह इस भ्रष्टाचार की जड़ में हैं। उन्होंने दोबारा वाली जांच में, पूरे जांच की दिशा ही बदलवा दी और जांच को ग्राम सभा का प्रस्ताव बनाकर गंभीर पितृत्व प्रकरण से जोड़ते हुए, राशन के दुकान आवंटन या जमीन पट्टे के आवंटन पत्रावली की तरह कार्यवाही दिखाते हुए, पितृत्व प्रकरण का प्रस्ताव निरस्त दिखा मामले को ठंडे बस्ते में डलवा दिया।
एक नए प्रमाण पत्र से मामले को और बनाया गया पेंचीदा
आरोप लगाया है कि इसके बाद आरोपियों की तरफ से शिकायतकर्ता के नाना यानी वंशी यादव की दो लड़की, दो लड़के होने का प्रमाण पत्र दर्शाकर मामले को और पेंचीदा बना दिया गया। मामले में सुभाष यादव, जिन्हें रामसूरत यादव का दामाद बताया जा रहा है, पर और उनके सहयोगियों पर धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है।
42 बुजुर्गों ने शिकायतकर्ता के पक्ष में दे रखा है शपथ पत्र
दावा किया गया है कि गांव के मानिंद 42 बुजुर्गों ने डीएम के समक्ष इस बात का शपथ पत्र दिया है कि गांगी देवी और उनकी बहन रामपति देवी ही वंशी यादव की सगी पुत्रियां हैं। बावजूद कहीं से कोई मदद मिलने पर न्यायालय की शरण ली गई। सामने आए तथ्यों और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, न्यायालय ने इस प्रकरण को काफी प्रकृति का माना और राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए।
इनके खिलाफ दर्ज किया गया है मामला
पुलिस के मुताबिक प्रकरण में सगे भाई राधेश्याम, रामसूरत के अलावा लवकुश, श्रीनिवास, प्रदीप, अजय यादव, जितेंद्र पाल के खिलाफ नामजद और संबंधित राजस्व विभाग एवं ब्लाक संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ धारा 316(2), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 351(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।
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