Sonbhadra News: रिहंद बांध पर लगातार बढ़ रहा पानी का दबाव, 18148 क्यूसेक पानी बहाए जाने के बावजूद खतरे के निशान के करीब बना है जलस्तर, यूपी से बिहार-झारखंड तक जारी किया अलर्ट

Sonbhadra News: एक रिहंद डैम में वर्ष 2001 के बाद पहली बार जुलाई में जहां एक गेट खोलने की स्थिति बनी। वहीं, अभी भी इस जलाशय पर लगातार पानी का दबाव बना हुआ है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 1 Aug 2025 8:01 PM IST
Sonbhadra News:  रिहंद बांध पर लगातार बढ़ रहा पानी का दबाव, 18148 क्यूसेक पानी बहाए जाने के बावजूद खतरे के निशान के करीब बना है जलस्तर, यूपी से बिहार-झारखंड तक जारी किया अलर्ट
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Sonbhadra News: एशिया के विशालतम जलाशयों में एक रिहंद डैम में वर्ष 2001 के बाद पहली बार जुलाई में जहां एक गेट खोलने की स्थिति बनी। वहीं, अभी भी इस जलाशय पर लगातार पानी का दबाव बना हुआ है। जिले में पिछले तीन दिन से बारिश थमी हुई है लेकिन छत्तीसगढ़ और रिहंद के कैचमेंट एरिया में बारिश का क्रम बना रहने से, जलस्तर में बढ़ोत्तरी का क्रम जारी है। स्थिति को देखते हुए रिहंद जल विद्युत गृह की सभी छह इकाइयों की टरबाइनें चलाकर लगातार बिजली उत्पादन किया जा रहा है और इसके जरिए 18148 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके चलते ओबरा बांध का भी एक गेट खेालकर पानी बहाना पड़ रहा है। लगातार पानी के बढ़ते दबाव को देखते हुए, किसी भी वक्त फिर से रिहंद बांध का गेट खोलने की स्थिति बनी हुई है। हालात को देखते हुए सोनभद्र के साथ ही, बिहार और झारखंड के सोन नदी से जुड़े तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।

रिहंद बांध सिविल खंड के एक्सईएन की तरफ से डीएम को उपलब्ध कराई गई जानकारी में अवगत कराया गया है कि रिहंद बांध के कैचमेंट एरिया में स्थानीय वर्षा और कैचमेट एरिया का जल बाध के अपस्ट्रीम में आने के कारण रिहद बॉध का जल स्तर 867.80 फीट (264.20 मीटर) पहुंचा हुआ है। जल स्तर में लगातार वृद्धि क कारण किसी भी वक्त गेट खोलने की स्थिति बनी हुई है। स्थिति को देखते हुए रिहंद बांध पर स्थापित जल विद्युत गृह की सभी छह टरबाईनें चलाई जा रही हैं। बावजूद रिहंद बांध का जल स्तर पूर्ण क्षमता के करीब तेजी से पहुंचता जा रहा है। कैचमेंट एरिया में बारिश का भी क्रम बना हुआ है। रिहंद बॉध के गेटों से छोड़ा गया पानी ओबरा बांध से होते हुए सोन नदी में प्रवाहित होगा।

झारखंड के गढ़वा और बिहार के पटना तक अलर्ट की स्थिति:

इसकोे देखते हुए रिहंद बांध परिक्षेत्र के डाउन स्ट्रीम यानी रेणु नदी/सोन नदी के डूब वाले इलाकों में बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए सतर्कता जरूरी है। इसको दृष्टिगत रखते हुए डीएम बीएन सिंह की तरफ से जिला, तहसील, ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जहां अलर्ट रहने और संबंधित एरिया के लोगों को भी हालात से अलर्ट करने का निर्देश दिया गया है। वहीं सीमावर्ती राज्य बिहार में भभुआ, डेहरी आनसोन, पटना और झारखंड के गढ़वा जिले के डीएम को भी स्थिति को जानकारी देते हुए संभावित बाढ़ से बचाव के लिए अलर्ट रहने का अनुरोध किया गया है।

तीन राज्यों से जुड़ी हुई है रिहंद की कैचमेंट एरिया:

रिहंद बांध भले ही सोनभद्र के पिपरी में स्थिति है लेकिन 5118 वर्गमील में फैला रिहंद बांध और इसकी कैचमेंट एरिया, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के एक बड़े हिस्से को कवर करती है। इस बांध के जलस्तर पर सबसे ज्यादा असर छत्तीसगढ़ में होने वाली बारिश का पड़ता है। छत्तीसगढ़ की संबंधित एरिया जंगल और पहाड़ों से भरी पड़ी है। यहीं कारण है कि छत्तीसगढ़ की एरिया में अक्सर अच्छी बारिश की स्थिति देखने को मिलती है। इस बार यूपी के सोनभद्र के साथ, मध्यप्रदेश के सिंगरौली और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जनपदों में अच्छी बारिश देखने को मिल रही है। इसके चलते, 24 वर्ष बाद जहां जुलाई में रिहंद बांध का एक गेट खोलना पड़ा। वहीं, अगस्त में दोबारा गेट खोलने की स्थिति बरकरार है।

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