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Sonbhadra News: दुष्कर्म मामले में तीन दोषी करार, दो दोस्तों को सजा, मुख्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
Sonbhadra News: दोष सिद्धि का फैसला सुनाए जाते वक्त, घटना के मुख्य आरोपी के नदारत रहने के कारण उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। गिरफ्तारी/ न्यायालय में पेशी के बाद, उसके लिए अलग से सजा का निर्धारण किया जाएगा।
छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म मामला (photo: social media )
Sonbhadra News: शक्तिनगर थाना क्षेत्र में एक नाबालिक छात्रा का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में दो दोस्तों को सजा सुनाई गई है। अपहरण कर उत्पीड़न के लिए दोषी पाए जाने पर l 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। वहीं, दोष सिद्धि का फैसला सुनाए जाते वक्त, घटना के मुख्य आरोपी के नदारत रहने के कारण उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। गिरफ्तारी/ न्यायालय में पेशी के बाद, उसके लिए अलग से सजा का निर्धारण किया जाएगा।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अमित वीर सिंह की अदालत में बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई हुई। सामने आए तथ्यों, गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों और अधिवक्ताओं की तरफ से दिए गए तर्कों के आधार पर, अजय कुमार उर्फ गोल्डी, सचिन कुमार शास्त्री उर्फ योगेंद्र कुमार शास्त्री और राहुल कुमार विश्वकर्मा निवासी शक्तिनगर को धारा-363 सपठित धारा-34, 366 सपठित धारा-34 आईपीसी के तहत दोषी पाया गया। अजय कुमार उर्फ गोल्डी के गैर हाजिर रहने पर उसके विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी करते हुए दो दोषियों के खिलाफ सजा के मसले पर सुनवाई की गई।
जानिए, किसे किस अपराध के लिए सुनाई गई सजा
सचिन कुमार शास्त्री उर्फ योगेन्द्र कुमार शास्त्री और राहुल कुमार विश्वकर्मा को भारतीय दंड संहिता की धारा-383 सपठित धारा 34 का अपराध कारित करने के लिए प्रत्येक को 05-05 वर्ष के कठोर कारावास, 10-10 हजार के अर्थदंड (अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक को एक-एक माह के कारावास), धारा 366 सपठित धारा 34 आईपीसी का अपराध कारित करने को लिए प्रत्येक को 07-07 वर्ष का कठोर कारावास, 10-10 हजार अर्थदंड (अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक को एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास) से दंडित किया गया। सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले के विचारण के दौरान कारागार में बिताई गई अवधि, सजा में समायोजित की जाएगी।
यह था मामला जिसको लेकर सुनाई गई सजा
प्रकरण में पीड़िता के पिता की तरफ से 18 अक्टूबर 2019 को शक्तिनगर थाने में केस दर्ज कराया गया था। वहीं, सुनवाई के दौरान धारा-363 सपठित धारा-34, 366 सपठित धारा-34, 376डी,ए आईपीसी और धारा 5जी / 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत आरोप विरचित किया गया था।
अभियोजन पक्ष का आरोप था कि नाबालिग को
17 अक्टूबर 2019 की शाम कोचिंग के लिए एनटीपीसी कैंपस में जा रही थी। रास्ते में अजय कुमार उर्फ गोल्डी मिला, और उसे छोड़ देने की बात कहते हुए बाइक पर बिठा लिया। रास्ते में दोस्तों के साथ मिलकर बाइक से अगवा कर लिया गया। रास्ते में नशे की दवा खिलाकर एक कमरे में बंधक बनाते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया गया। 2 दिन बाद 19 अक्टूबर, 2019 की सुबह उसे तेलंगवा स्टेशन पर छोड़ दिया गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस फीडबैक को साथ ले लिए और उसका मेडिकल दवाई इलाज करने के बाद, उसे परिवार के लोगों को सुपुर्द कर दिया गया। सुनवाई के दौरान दुष्कर्म का आरोप साबित नहीं हो पाया। अपहरण कर बंधक बनाने के मामले में दोषसिद्ध पाते हुए सजा सुनाई गई।
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