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Sonbhadra News: परिवहन विभाग के तीन अफसरों पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप
Sonbhadra News: तीन परिवहन अधिकारियों पर अवैध कमाई कर करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने, परिवार के नाम पर फ्लैट व जमीन खरीदने और पेट्रोल पंप के जरिए संदिग्ध लेन-देन करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
परिवहन विभापरिवहन विभाग के तीन अफसरों पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप (Photo- Newstrack)
Sonbhadra News: सोनभद्र। मिर्जापुर-सोनभद्र क्षेत्र में लंबे समय से ओवरलोड व बगैर परमिट चल रहे खनिज वाहनों को लेकर सुर्खियों में रहा परिवहन विभाग अब एक बड़े भ्रष्टाचार के आरोप की वजह से चर्चा में है। तीन परिवहन अधिकारियों पर अवैध कमाई कर करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने, परिवार के नाम पर फ्लैट व जमीन खरीदने और पेट्रोल पंप के जरिए संदिग्ध लेन-देन करने के गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता ने आरटीओ मिर्जापुर को शपथपत्र सौंपते हुए जांच की मांग की है।
क्या हैं आरोप?
शिकायत के अनुसार तीन अफसर – संतोष कुमार, सत्येंद्र प्रताप सिंह और विजय प्रताप सिंह – पर खनिज परिवहन कर रहे वाहनों से हर माह ‘इंट्री’ (एक प्रकार की कथित अवैध वसूली) के नाम पर लाखों रुपये लेने का आरोप है। यह राशि बिना किसी वैध रसीद या रिकॉर्ड के कथित रूप से एकत्र की जाती थी।
कथित तौर पर यह पैसा प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ में फ्लैट व जमीन खरीदने में लगाया गया।
ऑडियो क्लिप वायरल, पेट्रोल पंप पर लेन-देन का दावा
शिकायत में एक पेट्रोल पंप का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है जो वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित है और जिसे लेन-देन का माध्यम बताया गया है। आरोप है कि वसूली गई रकम इस पंप के खातों में ट्रांसफर की गई, बिना डीजल की कोई वास्तविक खरीद के। कुछ ऑडियो क्लिप भी वायरल हो रही हैं जो कथित रूप से इस लेन-देन की पुष्टि करते हैं। न्यूजट्रैक इन क्लिप्स की पुष्टि नहीं करता है।
सोनभद्र में भी जांच की मांग
शिकायत में यह भी मांग की गई है कि सोनभद्र में तैनात अन्य अफसरों की संपत्ति की भी जांच की जाए। आरोप है कि कोरोना काल में वाहन रिलीज़िंग को लेकर फर्जीवाड़ा हुआ था और लोढ़ी टोल प्लाजा, सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय जैसे स्थानों पर भी कथित इंट्री वसूली की भूमिका रही है।
परिवहन विभाग की प्रतिक्रिया
न्यूजट्रैक ने इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी। एआरटीओ एसपी सिंह ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी शिकायत की जानकारी नहीं है। एआरटीओ संतोष कुमार सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद और दबाव बनाने वाला बताया। एआरटीओ विजय प्रताप सिंह से संपर्क नहीं हो सका।
हालांकि आरोपों की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से संपत्ति के दावों के साथ-साथ लेन-देन से जुड़ी ऑडियो क्लिप्स वायरल हो रही हैं, वह पूरे मामले को संदेह के घेरे में ला रहा है।
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