राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने शासन-अधिकारियों पर उठाए गंभीर सवाल, आंदोलन की दी चेतावनी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार और विभागीय

Virat Sharma
Published on: 9 Sept 2025 8:42 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: Photo-Social Media

Uttar Pradesh News: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार और विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कार्मिक के आदेशों के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

मुख्य सचिव के निर्देशों की अनदेखी

16 नवंबर 2023 और 12 दिसंबर 2024 को मुख्य सचिव ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेने के लिए आदेश जारी किए थे, जिनमें प्रत्येक 15 दिन में वार्ता कर समस्याओं के समाधान का निर्देश था। लेकिन, अधिकारियों ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। विशेष रूप से, विभागीय अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कर्मचारियों के साथ संवाद नहीं कर रहे हैं। मंडल आयुक्त और जनपद स्तर के अधिकारी भी इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

समाज कल्याण और खाद्य विभाग की समस्याएं बढ़ीं

समाज कल्याण विभाग में संयुक्त परिषद की एक पदाधिकारी का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। वहीं खाद्य रसद विभाग में भी अधिकारियों द्वारा नीतिगत रूप से गलत स्थानांतरण किए गए हैं, जो अब तक निरस्त नहीं किए गए हैं। इसके अलावा, नगरीय परिवहन विभाग में सैकड़ों संविदा कर्मचारियों को बिना कारण सेवा से बाहर कर दिया गया है, लेकिन प्रमुख सचिव नगर विकास इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

कार्मिक विभाग की संवादहीनता

कार्मिक विभाग भी कर्मचारियों की समस्याओं पर चुप्पी साधे हुए है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस मुद्दे को लेकर प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव को कई पत्र भेजे, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके अलावा, कर्मचारियों के संगठन सचिवालय में प्रवेश को लेकर भी एक फरमान जारी कर दिया गया है, जिससे कर्मचारियों की समस्याओं को सीधे शासन तक पहुँचाना और भी मुश्किल हो गया है।

जागरण अभियान और आंदोलन की चेतावनी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 4 सितंबर से एक जागरूकता अभियान शुरू किया है, जो 17 अक्टूबर तक चलेगा। 18 अक्टूबर को जनपद स्तर पर धरना-प्रदर्शन होगा, जबकि नवंबर में मंडल स्तर पर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जनवरी 2026 में विधानसभा पर धरना-प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा जाएगा। यदि सरकार और अधिकारियों ने समय रहते कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।

मुख्यमंत्री से समाधान की अपील

संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करने की अपील की है। परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने कहा कि अगर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान आपसी बातचीत और सौहार्दपूर्ण माहौल में नहीं हुआ, तो आंदोलन के रास्ते पर जाना पड़ेगा।

ऑनलाइन बैठक में वरिष्ठ पदाधिकारियों ने किया भागीदारी

आज की ऑनलाइन बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी, महामंत्री अरुणा शुक्ला, कार्यवाहक अध्यक्ष निरंजन कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, हेमंत पाठक और कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया।

संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन ने कहा कि प्रजातंत्र में संवाद हीनता नहीं होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह स्थिति बनी हुई है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कर्मचारियों के बीच असंतोष की लहर बढ़ सकती है।

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