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बिजली उपभोक्ताओं को होगा फायदा, प्रदेश में पहली बार क्षमता आधारित ट्रांसमिशन शुल्क लागू
UP Electricity Rates: इस कदम से पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी। जिसका सीधा लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलने की उम्मीद है।
बिजली उपभोक्ताओं को होगा फायदा (photo: social media )
UP Electricity Rates: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा बदलाव आया है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन (UPPTCL) और यूपीएसएलडीसी (UPSLDC) के लिए वर्ष 2025-26 की नई दरों का ऐलान किया है। इस बार आयोग ने पहली बार प्रति यूनिट ट्रांसमिशन चार्ज की बजाय प्रति मेगावाट प्रति माह के आधार पर दरों का निर्धारण किया है। इस कदम से पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी। जिसका सीधा लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलने की उम्मीद है।
कैपेसिटी के आधार पर शुल्क
नई दरों के तहत ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को छोड़कर, राज्य के डिस्कॉम और भारतीय रेल से यूपीपीटीसीएल 2,13,284 प्रति मेगावाट प्रति माह की वसूली करेगा। इस व्यवस्था से यूपीपीटीसीएल का कैश फ्लो बेहतर बना रहेगा। जिससे वह अपने सिस्टम को अपग्रेड और मेंटेनेंस पर अधिक ध्यान दे पाएगा। ऐसी व्यवस्था आयोग ने पहली बार की है। अब तक जो खर्च केवल यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) उठाता था, उसका भार अब नोएडा पावर कंपनी (NPCL) और भारतीय रेल को भी उठाना पड़ेगा। इस साझेदारी से उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला बोझ कम होगा।
उपभोक्ता परिषद की बड़ी मांग
इसके अलावा टैरिफ बेस कॉम्पिटेटिव बिडिंग (TBCB) के तहत आने वाले प्रोजेक्ट्स का खर्च भी नोएडा पावर कंपनी, डेटा सेंटर पार्क व अन्य ओपन एक्सेस उपभोक्ता साझा करेंगे। इस आदेश के जारी होते ही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह से मुलाकात की है। उन्होंने एक प्रस्ताव सौंप करके कहा कि यूपीपीटीसीएल 14.5 प्रतिशत का लाभांश लेगा, इसलिए 500 करोड़ तक के टीबीसीबी प्रोजेक्ट्स को अनिवार्य रूप से यूपीपीटीसीएल द्वारा ही बनवाने का कानून बनाया जाए।
यूपीएसएलडीसी का शुल्क भी तय
अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार यूपीपीटीसीएल द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट्स निजी कंपनियों के मुकाबले सस्ते होते हैं, जिससे उपभोक्ताओं का पैसा बचता है। अब यूपीपीटीसीएल के साथ-साथ, यूपीएसएलडीसी के लिए भी शुल्क तय कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 के लिए यूपीएसएलडीसी का शुल्क 678.09 प्रति मेगावाट प्रति माह तय किया गया है, जबकि उसने 776 की मांग की थी। उपभोक्ता परिषद की मांग पर नियामक आयोग ने यूपीएसएलडीसी में कार्यरत कर्मचारियों के कौशल विकास और सर्टिफिकेशन के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने का निर्णय लिया है।
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