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UP News: यूपी Governor के नाम पर ठगी! फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं को बनाया जा रहा था निशाना, राजभवन ने दर्ज कराई FIR
UP News: 25 जुलाई को एक अज्ञात व्यक्ति मोहित शर्मा ने सूचना दी थी कि डॉ. सुशील कुमार के द्वारा www.indiansportsaward.org नाम की वेबसाइट के माध्यम से युवाओं को ठगा जा रहा है।
Anandi Ben Patel fake website
UP News: उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन ठगी के दर्द में मामले आए दिन सामने आते हैं, ऐसे मामलों पर यूपी पुलिस तेजी के साथ कार्रवाई करते हुए लोगों से साइबर ठगी से बचने की सलाह भी देती है लेकिन अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के नाम का दुरुपयोग कर युवाओं से ठगी करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा बनाए गए फर्जी पोर्टल www.indiansportsaward.org पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 'Executive Member' दिखाया गया।
जब यह बात राजभवन तक पहुंची तो पीआईबी फैक्ट चेक के माध्यम से पुष्टि हुई कि वेबसाइट फर्जी है। इसके बाद राज्यपाल के अनुसचिव संजय दीक्षित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। यह वेबसाइट युवाओं को झूठे पुरस्कारों के नाम पर गुमराह कर रही थी।
फर्जी वेबसाइट बनाकर चल रहा था ठगी का खेल
राज्यपाल के अनुसचिव संजय दीक्षित ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि 25 जुलाई को एक अज्ञात व्यक्ति मोहित शर्मा ने सूचना दी थी कि डॉ. सुशील कुमार के द्वारा www.indiansportsaward.org नाम की वेबसाइट के माध्यम से युवाओं को ठगा जा रहा है। फोन कॉल पर मिली जानकारी के अनुसार वेबसाइट पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस वेबसाइट पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को 'Executive Member' के रूप में दर्शाया गया, जो पूरी तरह से गलत और भ्रामक था। राजभवन की ओर से जब इसकी जांच कराई गई तो यह तथ्य सामने आया कि वेबसाइट फर्जी है।
PIB फैक्ट चेक से हुआ खुलासा, राजभवन की शिकायत पर दर्ज हुआ मुकदमा
राजभवन ने इस संदिग्ध वेबसाइट की जांच के लिए PIB Fact Check से सत्यापन करवाया। जांच में पुष्टि हुई कि वेबसाइट पूरी तरह से फर्जी है और इसमें दर्ज सभी जानकारियां गलत हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद राज्यपाल के अनुसचिव संजय दीक्षित की ओर से प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना लखनऊ को लिखित तहरीर दी गई। उनके निर्देश पर 66D के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साइबर क्राइम पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है कि यह वेबसाइट कब बनी, कैसे युवाओं को निशाना बनाया गया और इसके पीछे कौन लोग हैं। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई कर रही है।
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