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योगी सरकार के वादों पर ‘सवाल’! 2 माह बीत गए, अब तक नहीं हुआ यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन
UP Outsourced Services Corporation: यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के अब तक न हो पाने से राज्य में कार्यरत चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मानदेय में वृद्धि व अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
CM Yogi Adityanath
UP Outsourced Services Corporation: उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के प्रस्ताव को दो माह पहले कैबिनेट की हरी झंडी दी गयी थी। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी अब तक आउटसोर्स सेवा निगम का गठन नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते दो सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की घोषणा की गयी थी। निगम के गठन का उद्देश्य आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती में पारदर्शिता लाना, कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति दिलाना और निजी एजेंसियों पर निर्भरता को खत्म करना था।
चार लाख से ज्यादा कार्मिकों को नहीं मिल रहा सुविधाओं का लाभ
यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के अब तक न हो पाने से राज्य में कार्यरत चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मानदेय में वृद्धि व अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं अब यह सामने आ रहा है कि आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के लिए सचिवालय प्रशासन विभाग कंपनीज एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराने की तैयारी में है। आउटसोर्स सेवा निगम पब्लिक लिमिटेड कंपनी होगी। यह गैर लाभकारी संस्था के रूप में संचालित होगा।
सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष चौहान के मुताबिक कंपनीज एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराने से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। कंपनी का निर्माण हो जाने के बाद निगम के महानिदेशक की नियुक्ति होगी। इसके बाद अन्य प्रक्रियाएं पूरी होगीं। उल्लेखनीय है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते दो सितंबर 2025 को कैबिनेट बैठक में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी। यही नहीं 20 सितंबर को निगम के गठन के लिए शासनादेश भी जारी हो गया था। शासनादेश के जारी होने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि दो माह के भीतर निगम का गठन हो जाएगा और भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी अब तक यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन नहीं हो सका है।
निगम के गठन का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्तियां निष्पक्षता और पारदर्शिता से करना है। निगम के गठन हो जाने के बाद कर्मचारियों को न्यूनतम 20 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही हर माह की पांच तारीख तक कर्मचारियों को वेतन का भुगतान होने लगेगा। मानदेय समेत मातृत्व अवकाश, स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सीय अवकाश, ईपीएफ आदि का भी लाभ मिलेगा।
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