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UPPCL ने फिर भेजा वित्त निदेशक निधि नारंग के सेवा विस्तार का प्रस्ताव, शासन ने 30 जुलाई को ही किया था इनकार
UP News: पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल निधि नारंग का कार्यकाल बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, ताकि घोटाले वाली बिजली निजीकरण की प्रक्रिया उनके ही कार्यकाल में पूरी हो जाएं।
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UP News: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) ने एक बार फिर निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल छह माह बढ़ाने के लिए शासन को पत्र भेजा है। उनके सेवा विस्तार के प्रस्ताव को शासन ने 30 जुलाई को ही ठुकरा दिया था। इस कदम से बिजली निजीकरण कारण का विरोध कर रहे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल निधि नारंग का कार्यकाल बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, ताकि घोटाले वाली बिजली निजीकरण की प्रक्रिया उनके ही कार्यकाल में पूरी हो जाएं।
निजी घरानों को फायदा पहुंचाने लक्ष्य
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने नव नियुक्त मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल को पत्र लिखकर सेवा विस्तार रोकने की मांग की है। समिति ने कहा कि डॉ. आशीष गोयल पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष की जगह ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन के महामंत्री की तरह निजी घरानों के हित में काम कर रहे है। समिति ने सवाल उठाते हुए पूछा आखिर एक ही व्यक्ति को बार-बार सेवा विस्तार क्यों दिया जा रहा है? क्या यह निजी घरानों से मिलीभगत का नतीजा नहीं है?
व्यक्तिगत निकटता के लगाएं आरोप
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि बिजली निजीकरण प्रक्रिया में वित्त निदेशक निधि नारंग की भूमिका शुरुआत से ही विवादास्पद रही है। उन्होंने ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की नियुक्ति प्रक्रिया में हितों के टकराव का प्रावधान हटवाने में अहम भूमिका निभाई और ग्रांट थॉर्टन कंपनी को झूठे शपथपत्र के मामले में क्लीन चिट दी है। इसके अलावा समिति ने दावा किया कि ग्रांट थॉर्टन के अधिकारियों और निधि नारंग के बीच निकटता है। उनके कार्यालय में बैठकर गोपनीय दस्तावेज देखते थे।
तीसरी बार सेवा विस्तार पर आपत्ति
समिति ने कहा कि निधि नारंग को पहले भी दो बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है। अब तीसरी बार यह कदम पूरी तरह अनुचित है। ट्रांजैक्शन कंसलटेंट, कॉर्पोरेट घराने, निधि नारंग और डॉ. आशीष गोयल की मिलीभगत से बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ावा रहे है। संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति को देखते हुए निधि नारंग को किसी भी सूरत में सेवा विस्तार न दिया जाए।
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