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'मैडम जी स्कूल खोल दो, आंटी जी गेट खोल दो'... स्कूल मर्जर होने पर विद्यालय के बाहर फूट-फूटकर रोए बच्चे, तस्वीरें देख रो पड़ेंगे आप
UP School Merger Viral Video: यूपी में स्कूल मर्जर होने पर बच्चे पढ़ाने नहीं जा पा रहे हैं। स्कूल के पर ताला देख बच्चे बिलख कर रो रहे हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
UP Primary school Merger Viral Video
UP School Merger Viral Video: स्कूल ड्रेस पहने, कंधे पर बैग टांगे बच्चे जब स्कूल पहुंचे तो वहां गेट पर ताला लगा मिला। "मैडम जी स्कूल खोल दो, गेट खोल दो, आंटी जी गेट खोल दो...हम लोग यहीं पर पढ़ेंगे, कहीं और नहीं जाएंगे, यह कहते हुए बच्चे स्कूल का गेट पकड़कर फूट-फूटकर रोने लगे। स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चों के बिलखने का ये मार्मिक दृष्य यूपी के महाराजगंज का है। रोते बिलखते बच्चों का स्कूल के लिए ऐसा लगाव देखकर प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय भी रोने लगीं। वहीं, पेरेंट्स बच्चों से वापस चलने के लिए कहते रहे, लेकिन बच्चे गेट छोड़ने को तैयार नहीं थे। प्रिंसिपल ने बच्चों से कहा- चलो करनौती चलो, पढ़ाई मत छोड़ो। मगर बच्चे एक ही बात पर अड़े रहे कि वे किसी और स्कूल में नहीं जाएंगे। बच्चे काफी देर तक स्कूल के बाहर बैठकर रोते रहे। बाद में परिजन बच्चों को समझाकर घर ले गए। शिक्षा के मंदिरों पर जब ताला लग जाये तो बिचारे मासूम बच्चे कहां जायें? ये सवाल आज हर किसी की जुबान पर है। यूपी में स्कूल मर्जर के बाद से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का बुरा हाल हो रखा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो महराजगंज के रुद्रपुर भलुही गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। महराजगंज के रुद्रपुर भलुही गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय को गांव से 1 किलोमीटर दूर करनौती प्राइमरी स्कूल में मर्ज कर दिया गया है। इससे बच्चे और उनके परिजन परेशान हैं। सोमवार सुबह प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय जरूरी कागज लेने के लिए स्कूल पहुंचीं, तो बच्चे भी स्कूल आ गए। स्कूल का गेट पकड़कर रोने लगे।
स्कूल में थे मात्र 40 बच्चे
सरकार के आदेश के बाद कम संख्या वाले स्कूलों को पास के ज्यादा छात्र संख्या वाले स्कूलों के साथ मर्ज किया जा रहा है। रुद्रपुर भलुही गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में मात्र 40 बच्चे पढ़ रहे थे। इसलिए इसे करनौती प्राइमरी स्कूल में मर्ज कर दिया गया। स्कूल में प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय सहित 2 टीचर हैं। उन दोनों को भी करनौती के स्कूल में भेज दिया गया है। इस स्कूल को शिफ्ट करने का मैसेज खंड शिक्षा अधिकारी ने वॉट्सऐप पर भेजा था। सरकार के फैसले के अनुसार जिस सरकारी स्कूल में 50 से कम बच्चे होंगे, उन्हें दूसरे स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा।
प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय ने बताया, "इस गांव के पास अच्छी सुविधाएं हैं। स्कूल में भी सारी व्यवस्था है। करनौती वाले स्कूल में बाथरूम तक नहीं बना है। सभी टीचर्स को बाहर जाना पड़ता है। छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनको तो इतनी दूर स्कूल जाने में दिक्कत होगी ही। स्कूल की दो बच्चियां दिव्यांग हैं, उन दोनों को बहुत दिक्कत हो रही है। यहां पर साढ़े 7 लाख में सोलर सिस्टम लगवाया गया था, वो भी खराब हो जाएगा। वहां दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय भी नहीं है।"
"अब मैं कभी स्कूल नहीं जा पाउंगी"- दिव्यांग छात्रा आकृति
भलुही गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में दिव्यांग छात्रा आकृति भी पढ़ती थी। वह कक्षा 5 में पढ़ती थी। स्कूल मर्ज होने के बाद से बहुत दुखी हैं। उनका कहना है कि अब मैं कभी स्कूल नहीं जा पाऊंगी। मेरे घर में कोई नहीं है, जो मुझे स्कूल छोड़कर आए। ये स्कूल पास था तो मां छोड़ आती थी।
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