"नेपाल में राजतंत्र लागू हो..." अविमुक्तेश्वरानंद ने वाराणसी में भरी हुंकार, लोकतंत्र पर उठाए सवाल

वाराणसी में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने नेपाल में राजतंत्र की वापसी और भारत में हिंदू राष्ट्र की मांग की। लोकतंत्र पर सवाल उठाते हुए कहा- जनता असंतुष्ट है, चाहिए वेदमंत्रों से अभिषिक्त राजा।

Harsh Srivastava
Published on: 11 Sept 2025 8:37 PM IST
नेपाल में राजतंत्र लागू हो... अविमुक्तेश्वरानंद ने वाराणसी में भरी हुंकार, लोकतंत्र पर उठाए सवाल
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Avimukteshwaranand on Nepal Crisis: उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचे ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने देश और विदेश दोनों में भूचाल ला दिया है। उन्होंने न सिर्फ नेपाल में फिर से राजतंत्र लागू करने की मांग की, बल्कि भारत में भी हिंदू राष्ट्र की वकालत की। शंकराचार्य ने कहा कि लोकतंत्र में जनता असंतुष्ट है और नेपाल में राजतंत्र ही सही रास्ता था। उनके इस बयान ने नेपाल में चल रहे राजनीतिक संकट और भारत की राजनीति दोनों में एक नई बहस छेड़ दी है।

नेपाल में राजतंत्र की वापसी का समर्थन

शंकराचार्य ने कहा, "नेपाल में जब तक राजतंत्र था, तब तक कोई गड़बड़ी नहीं थी।" उन्होंने आरोप लगाया कि चीन ने प्रचंड को खड़ा करके नेपाल में लोकतंत्र का माहौल बनाया, लेकिन जनता अब असंतुष्ट है और राजतंत्र वापस चाहती है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की शासन व्यवस्था राजतंत्र है, और कम से कम दुनिया में एक जगह ऐसी होनी चाहिए जहां वेदमंत्रों से अभिषिक्त राजा राज करे।

भारत में 'हिंदू राष्ट्र' का समर्थन

शंकराचार्य ने भारत में भी हिंदू राष्ट्र की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक होने के बावजूद दूसरे दर्जे के नागरिक बन गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के लिए 300 योजनाएं चल रही हैं और उनकी हर मांग मानी जाती है, जबकि 100 करोड़ सनातनियों की नहीं सुनी जाती। शंकराचार्य ने बिहार चुनाव में उतरने की भी घोषणा की और कहा कि उनकी सबसे बड़ी मांग गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना और गौ हत्या को दंडनीय अपराध बनाना है। इसके लिए वे हर विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी उतारेंगे। उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का भी समर्थन किया। शंकराचार्य के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग उनके समर्थन में हैं, वहीं कुछ लोग इसे लोकतंत्र के खिलाफ एक बड़ा बयान मान रहे हैं।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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