Varanasi News: वाराणसी पुलिस की बड़ी सफलता: ₹1.10 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा, टप्पेबाजों का गिरोह भी धराया; सावन पर पार्किंग नियमों का विशेष आग्रह

Varanasi News: एक ओर, ₹1.10 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया गया है, वहीं दूसरी ओर, यात्रियों को निशाना बनाने वाले 6 टप्पेबाजों को भी गिरफ्तार किया गया है।

Ajit Kumar Pandey
Published on: 13 July 2025 9:30 PM IST (Updated on: 13 July 2025 9:31 PM IST)
Varanasi Police’s big success: ₹1.10 crore cyber fraud uncovered
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वाराणसी पुलिस की बड़ी सफलता: ₹1.10 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा, (Photo- Newstrack)

Varanasi News: वाराणसी, 13 जुलाई 2025: वाराणसी पुलिस ने साइबर अपराध और धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। एक ओर, ₹1.10 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया गया है, वहीं दूसरी ओर, यात्रियों को निशाना बनाने वाले 6 टप्पेबाजों को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त, सावन के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 24 घंटे की नो-पार्किंग व्यवस्था लागू की जा रही है।

CBI अफसर बन ₹1.10 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार

वाराणसी साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट और CBI जांच का डर दिखाकर ₹1.10 करोड़ की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय साइबर गैंग का भंडाफोड़ किया है। गैंग के सरगना सहित तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गिरोह के खुलासे की जानकारी दी और तीनों आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया।

डीसीपी क्राइम ने बताया कि पीड़ित महेश प्रसाद को अज्ञात नंबरों से फोन कर खुद को पुलिस अधिकारी बताया गया था। उन्हें यह कहकर डराया गया कि उनका नाम ₹538 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है। CBI जांच और गिरफ्तारी के डर से पीड़ित को "डिजिटल अरेस्ट" कर लिया गया और उससे ₹1.10 करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गोरखपुर निवासी सुमित गुप्ता, लखीमपुर खीरी निवासी उत्कर्ष वर्मा और नोएडा निवासी अरविंद वर्मा के रूप में हुई है। ये तीनों उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं। डीसीपी क्राइम ने बताया कि ये आरोपी फर्जी पुलिस/CBI अधिकारी बनकर लोगों को डराते थे, उनके बैंक अकाउंट खुलवाकर उनकी पूरी किट (पासबुक, चेकबुक, ATM कार्ड) अपने कब्जे में ले लेते थे। इन खातों में विदेश से ठगी की गई रकम आती थी, जिसे देश के कई खातों के ज़रिए ट्रांसफर कर कैश निकाला जाता था। कमीशन के बदले यह गिरोह अपने विदेशी साथियों को डॉलर में भुगतान करता था।

डीसीपी क्राइम ने खुलासा किया कि गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास पुराना है। नोएडा निवासी अरविंद वर्मा पहले भी साइबर ठगी के मामले में दो बार जेल जा चुका है। वहीं, गोरखपुर निवासी सुमित गुप्ता हत्या के एक मामले में जेल गया था और जमानत पर छूटने के बाद उसने अपना सिंडिकेट बनाकर साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया था। पुलिस अब इनके पूरे गैंग का पता लगा रही है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 13 सिम कार्ड, 7 ATM कार्ड, 4 बैंक पासबुक, 1 चेकबुक, 8 मोबाइल फोन और ₹70,000 नगद बरामद हुए हैं।

वाराणसी में इंटरस्टेट 6 टप्पेबाज गिरफ्तार, नगदी सहित सामान बरामद

वाराणसी की सिगरा पुलिस ने शहर में यात्रियों को निशाना बनाकर टप्पेबाजी और ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 6 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भोले-भाले यात्रियों को अपना शिकार बनाते थे। इनकी गिरफ्तारी NER पार्किंग मैदान सिगरा क्षेत्र से की गई। इस गैंग का खुलासा भी एडीसीपी काशी ज़ोन सरवणन टी ने पुलिस लाइन में किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से नकदी, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और चोरी का अन्य सामान भी बरामद किया है। इस खुलासे के साथ ही सिगरा में दर्ज 5 मुकदमों का भी खुलासा हो गया है।

एडीसीपी काशी ज़ोन ने बताया कि गिरोह के सदस्य खुद को मददगार या अन्य यात्री बताकर लोगों से बातचीत में उनका पिन और बैंक डिटेल्स हासिल कर लेते थे। वे कभी बस में ट्रॉली बैग लेकर साथ बैठते तो कभी रोने का नाटक कर भरोसा जीतते थे। मौका मिलते ही मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड या अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो जाते थे और बाद में खातों से हज़ारों-लाखों रुपये निकाल लेते थे। कई बार वे नकद पैसे होने की बात कहकर ऑनलाइन पैसे अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे और बदले में नोट की ऐसी गड्डी देते थे जिसमें ऊपर-नीचे तो असली नोट होते थे, लेकिन अंदर सादा कागज़ भरा होता था।

गिरफ्तार आरोपियों में बवाना, दिल्ली निवासी राजा (26), आजाद (25), रिंकू (24), लकी (29) और सुराब (23) शामिल हैं। एक आरोपी मधुबनी (बिहार) निवासी जीशान (19) है। पुलिस टीम को इस मामले में एक संदिग्ध की तलाश जारी है। इन आरोपियों पर कई शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें एक महिला से बस में बैग चोरी कर लाखों के गहने और रुपये गायब करना, एक यात्री का मोबाइल लेकर एटीएम पिन जानकर ₹1 लाख से अधिक की ठगी, ट्रेन से आए युवक से मोबाइल और ATM कार्ड लेकर ₹32,359 की निकासी, और बस स्टैंड पर खड़े व्यक्ति का मोबाइल चोरी कर UPI व ATM से ₹1.09 लाख की ठगी शामिल है। पुलिस ने आरोपियों के पास से ₹70,000 नकद, मोबाइल, कई ATM कार्ड, पासबुक व अन्य सामान बरामद किया है। सिगरा थानाध्यक्ष संजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में उपनिरीक्षक पुष्कर दुबे, विकल शांडिल्य, अभय सिंह परिहार सहित कुल 9 पुलिसकर्मियों की टीम ने इस सराहनीय कार्य को अंजाम दिया, जिसके लिए एडीसीपी काशी ज़ोन सरवणन टी ने ₹20 हज़ार के नगद इनाम की घोषणा की।

सावन के मद्देनजर दशाश्वमेध पुलिस का विशेष पार्किंग निवेदन

सावन के प्रथम सोमवार और इस वर्ष पड़ने वाले चारों सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों की संभावित भारी भीड़ को देखते हुए दशाश्वमेध कमिश्नरेट पुलिस ने क्षेत्रीय जनता और व्यापारियों से विशेष सहयोग का निवेदन किया है। एसीपी ए.ए. त्रिपाठी और थानाप्रभारी के निर्देश के क्रम में, दशाश्वमेध चौकी प्रभारी अनुजमणि तिवारी ने रविवार को लोगों से अपील की है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले मार्गों, खासकर गेट नंबर दो सहित उससे लगी गलियों में, रविवार की रात से सोमवार की रात तक किसी भी प्रकार का वाहन खड़ा न करें।

यह व्यवस्था दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और अत्यधिक भीड़ का निस्तारण सुगमता से हो सके, इसके लिए की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने जनता से 24 घंटे तक वाहनों की पार्किंग स्थगित रखने और इस व्यवस्था में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया है। चौकी प्रभारी अनुज मनी तिवारी ने रविवार की शाम अपनी टीम के साथ विश्वनाथ मंदिर जाने वाले समस्त गलियों और रास्तों पर भ्रमण करते हुए लाउडहेलर से भी क्षेत्रीय जनता और व्यापारियों से 24 घंटे अपने वाहन खड़ा न करने की अपील की।

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