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'भारत खतरे में है!' चीन रच रहा बड़ी साजिश? भारत से कुछ ही दूरी पर ड्रैगन बना रहा परमाणु हथियार, शुरू होने वाली है जंग?
China's Nuclear Plot Near India: डोनाल्ड ट्रंप के चौंकाने वाले दावे से हड़कंप! चीन अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस के पास बना रहा है खतरनाक परमाणु हथियारों का अड्डा, जो भारत से महज 1500 KM दूर है। क्या भारत पर मंडरा रहा है परमाणु युद्ध का खतरा? जानिए लोप नूर की खुफिया सच्चाई।
China's Nuclear Plot Near India: जब दुनिया रूस-यूक्रेन और इज़राइल-सीरिया की जंगों में उलझी है, तभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा बयान दे मारा है, जिसने एशिया की नींद उड़ा दी है। उन्होंने दावा किया है कि चीन - अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस के पास अपने परमाणु हथियारों का सबसे खतरनाक प्लांट चला रहा हैऔर अगर वो राष्ट्रपति होते तो बगराम एयरबेस कभी नहीं छोड़ते। सुनने में यह किसी थ्रिलर फिल्म का डायलॉग लगता है, लेकिन जब यह बात ट्रंप जैसे कद्दावर और विवादास्पद नेता की जुबान से आती है, तो केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामरिक भूचाल पैदा कर देती है। ट्रंप का दावा है कि चीन ने अपने परमाणु प्रोग्राम को बगराम के करीब एक इलाके‘लोप नूर’में तेज़ी से आगे बढ़ाया है, जो भारत की सरहद से ज्यादा दूर नहीं है। तो क्या वाकई चीन ने भारत की ‘पीठ’ में बम छिपा रखा है? और क्या ट्रंप ने जिस खतरे की तरफ इशारा किया है, वह तीसरे विश्व युद्ध की आहट है?
लोप नूर: झील के किनारे जंगी ज्वालामुखी
चीन का ‘लोप नूर’ नाम सुनने में जितना शांत लगता है, असलियत उतनी ही विस्फोटक है। ये एक रेगिस्तानी इलाका है, जो कभी एक झील हुआ करता था। लेकिन आज ये इलाका चीन की सैन्य शक्ति का सबसे गुप्त और खतरनाक केंद्र बन चुका है। यहां दशकों से परमाणु परीक्षण होते आ रहे हैं, और अब यहां सैकड़ों नई परमाणु मिसाइल साइलो (गुप्त भंडारण) की तैनाती की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक चीन के पास लगभग 600 परमाणु हथियार हैं, और इनमें से अधिकांश लोप नूर में या इसके नजदीक बनाए या रखे जाते हैं। यहां से भारत की दूरी लगभग 1500 किलोमीटर हैयानि अगर कोई मिसाइल यहां से छोड़ी जाए, तो दिल्ली, जयपुर, लखनऊ या अहमदाबाद को चंद मिनटों में निशाना बनाया जा सकता है।
ट्रंप का दावा: "बगराम अब चीन के निशाने पर नहीं, कब्जे में है।"
डोनाल्ड ट्रंप ने न सिर्फ लोप नूर की लोकेशन बताई, बल्कि एक और विस्फोटक आरोप लगायाउन्होंने कहा कि अमेरिका की सबसे बड़ी गलती बगराम एयरबेस को खाली करना था। ट्रंप ने कहा कि अगर वो राष्ट्रपति होते, तो बगराम चीन के चेहरे पर अमेरिकी मुहर बनकर खड़ा होता, क्योंकि वह चीन के लोप नूर अड्डे से महज़ एक घंटे की दूरी पर है। हालांकि सैटेलाइट तस्वीरों और बीबीसी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, बगराम और लोप नूर के बीच ज़मीनी दूरी करीब 2000 किलोमीटर है, और यह ‘एक घंटे की दूरी’ तकनीकी रूप से संभव नहीं हैकम से कम आम सैन्य मानकों के अनुसार। लेकिन अगर बात हो हाइपरसोनिक जेट्स या अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों की, तो यह दावा पूरी तरह नकारा भी नहीं जा सकता।
अब किसके पास है बगराम एयरबेस? ट्रंप क्यों बोले, “अब चीन का है”
2001 से लेकर 2021 तक अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस अमेरिका की सबसे शक्तिशाली सैन्य चौकी रहा, जहां से उसने तालिबान, अल-कायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों पर हमला किया। एक वक्त था जब यहां 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात रहते थे, और इसका रनवे इतना मजबूत था कि बमवर्षक विमानों से लेकर फाइटर जेट्स तक एकसाथ उड़ान भर सकते थे। लेकिन 2021 में जब अमेरिकी सेना ने चुपचाप अफगानिस्तान से वापसी की, तो बगराम एयरबेस तालिबान के हाथ लग गया। ट्रंप का आरोप है कि अब चीन ने गुपचुप तरीके से इस बेस को 'किराए' पर ले लिया है या सैन्य सहयोग के बहाने इसका इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि इस दावे की किसी स्वतंत्र एजेंसी ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में बगराम एयरबेस पर कई संदिग्ध हलचलें ज़रूर नोट की गई हैं, जिनमें नए निर्माण, ड्रोन उड़ानें और चीनी सामान से लदे ट्रक शामिल हैं।
भारत को कितनी चिंता होनी चाहिए?
अगर ट्रंप के दावों में सच्चाई का अंश भी है, तो भारत की स्थिति बेहद संवेदनशील हो जाती है। लोप नूर से दिल्ली की दूरी मात्र 1500 किलोमीटर है, जो परमाणु हथियारों के लिहाज से ‘तेज प्रतिक्रिया क्षेत्र’ में आता है। चीन पहले ही तिब्बत में सैन्य ठिकानों को तेजी से मजबूत कर रहा है और अब अगर वह अफगानिस्तान में भी मौजूद है, तो भारत को दक्षिण-पश्चिम और उत्तर दिशा दोनों से घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस मामले पर चुप्पी साधी है, लेकिन रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस के सूत्रों के अनुसार लोप नूर की सैटेलाइट निगरानी तेज कर दी गई है और बगराम से उठने वाली हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
क्या ट्रंप सिर्फ सुर्खियां बटोर रहे हैं या कुछ बड़ा आने वाला है?
डोनाल्ड ट्रंप को राजनीति का ‘बवंडर’ कहा जाता है वे जितने लोकप्रिय हैं, उतने ही विवादास्पद भी। लेकिन उनका सैन्य अनुभव और अंतरराष्ट्रीय रणनीतियों को लेकर जो नजरिया है, उसे हल्के में लेना दुनिया के लिए खतरनाक भूल हो सकती है। अब सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ चुनावी माहौल में दिया गया बयान है, या वाकई चीन की तरफ से कुछ बड़ा और खतरनाक पक रहा है? अगर ट्रंप सही हैं, तो आने वाला वक्त बहुत भयावह हो सकता है। और अगर गलत हैं, तब भी उनकी बातों ने चीन के परमाणु रहस्य पर से पर्दा थोड़ा बहुत ज़रूर उठा दिया है। क्योंकि जब बात होती है परमाणु हथियारों और एशियाई युद्धक्षेत्र की, तो सिर्फ एक झूठ या एक भूल ही पूरी दुनिया को राख बना सकती है।
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