बड़ा ऐलान! रूस से 'लड़ने' के लिए तैयार दुनिया के ताकतवर देश, अब भारत किसका देगा साथ; पहुंच रहे हथियार

NATO on Russia Ukraine War: लगातार हमलों से साफ है कि क्रेमलिन अब भी सैन्य ताकत से अपनी बात मनवाने की कोशिश में है।

Snigdha Singh
Published on: 21 July 2025 3:13 PM IST
बड़ा ऐलान! रूस से लड़ने के लिए तैयार दुनिया के ताकतवर देश, अब भारत किसका देगा साथ; पहुंच रहे हथियार
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Russia Ukraine: डोनाल्ड ट्रंप की धमकी और NATO की रणनीति को धता बताते हुए रूस ने यूक्रेन पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें बरसा दीं। यही नहीं, जवाब में यूक्रेन ने भी मॉस्को समेत रूस के 9 प्रमुख इलाकों पर 150 से ज्यादा ड्रोन हमले किए। इस भयानक टकराव के बीच आज NATO की एक हाई-लेवल वर्चुअल बैठक होने जा रही है, जिसकी अध्यक्षता ब्रिटेन के रक्षा सचिव जॉन हीली और जर्मन समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस करेंगे।

बैठक में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, NATO प्रमुख मार्क रूटे और सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप जनरल एलेक्सस ग्रिंकविच भी हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि यह बैठक डोनाल्ड ट्रंप की उस योजना पर केंद्रित होगी जिसके तहत यूरोपीय देश अमेरिकी हथियारों को NATO के माध्यम से यूक्रेन को देंगे, जिनमें पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम जैसे एडवांस हथियार भी शामिल हो सकते हैं।

रूस ने कीव को रातभर जलाया, मेट्रो स्टेशन तक धुएं में डूबे

21-22 जुलाई की रात कीव में आतंक की रात बन गई। रूस ने लगातार तीन घंटे तक ड्रोन और मिसाइल हमले किए। राजधानी के डार्नित्स्की, शेवचेंकिवस्की और ड्नीप्रोवस्की जिलों में इमारतें जल उठीं। बच्चों के डे-केयर में भी आग लग गई। बम शेल्टर बने लुकियानिवस्का मेट्रो स्टेशन को भारी नुकसान हुआ। कीव के मेयर विटाली क्लिट्सको ने हमलों को 'निर्दयी और रणनीतिक हमला' बताया।

यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई: मॉस्को तक पहुंच गए ड्रोन

यूक्रेन ने भी चुप नहीं बैठा। बीते दिनों में किए गए जवाबी ड्रोन हमलों में मॉस्को, ब्रायंस्क, ओरयोल, कालुगा, रोस्तोव, तुला, कुर्स्क, स्मोलेन्स्क और वोरोनिज़ जैसे इलाकों को निशाना बनाया गया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने 158 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए, लेकिन RT की रिपोर्ट कहती है कि हमले रणनीतिक और साइकोलॉजिकल प्रेशर बनाने के लिए थे और इसका असर हुआ भी।

ट्रंप की टाइमलाइन पर पुतिन का सन्नाटा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह रूस को 50 दिन में युद्धविराम के लिए तैयार होने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन रूस की बढ़ती आक्रामकता ने साफ कर दिया है कि पुतिन न तो झुकने को तैयार हैं, न ही डरने को। अमेरिका और यूरोपीय देश अगर ट्रंप की योजना के तहत हथियार भेजते हैं, तो यह युद्ध और भी भड़क सकता है।

जेलेंस्की की वार्ता की पेशकश, लेकिन शांति अब भी दूर

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अगले हफ्ते तुर्की में रूस से नेतृत्व-स्तरीय वार्ता का प्रस्ताव रखा है। हालांकि क्रेमलिन के प्रवक्ता पेसकोव ने इसे "लंबी और कठिन प्रक्रिया" बताया है। पुतिन की तरफ से कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन लगातार हमलों से साफ है कि क्रेमलिन अब भी सैन्य ताकत से अपनी बात मनवाने की कोशिश में है।

कूटनीति की डोर पर टंगा युद्ध, हथियारों की बारिश से शांति की संभावना धुंधली

जब युद्ध के मैदान में गूंज बमों की हो और राजनयिक मंचों पर बैठकों की कतार हो तब दुनिया को यह समझना चाहिए कि शांति का रास्ता सिर्फ बयानबाजी से नहीं, बल्कि ठोस और तत्काल फैसलों से निकलेगा। ट्रंप का अल्टीमेटम हो या जेलेंस्की का प्रस्ताव पुतिन ने अभी तक हर कूटनीतिक चाल पर युद्ध की मुहर लगाई है।

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