TRENDING TAGS :
तालिबान से डरता है पाकिस्तान! UN में किया बड़ा खुलासा, 6 हजार लड़ाकों ने मचाया खूनी तांडव, दुनिया को दी गई सबसे बड़ी चेतावनी
Pakistan fears Taliban: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक अहम बैठक में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने ऐसा खुलासा कर दिया, जिससे पूरी दुनिया सन्न रह गई।
Pakistan fears Taliban: जिस आग को पाकिस्तान ने कभी अफगान सरहदों में भड़काया था, अब वही शोले इस्लामाबाद, पेशावर और क्वेटा को खाक में बदल रहे हैं। पाकिस्तान अब उस जाल में फंसा नजर आ रहा है, जिसे उसने खुद बुना था — और अब वो दुनिया से गुहार लगा रहा है, क्योंकि उसका सबसे बड़ा दुश्मन अब बाहर नहीं, घर के अंदर है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक अहम बैठक में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने ऐसा खुलासा कर दिया, जिससे पूरी दुनिया सन्न रह गई। उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) अब केवल पाकिस्तान का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ‘खूनी तूफान’ बन चुका है।
TTP बना पाकिस्तान की तबाही का सूत्रधार
असीम इफ्तिखार ने यूएन के मंच से दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को तुरंत नहीं रोका गया, तो इसका खूनी प्रभाव जल्द ही पाकिस्तान की सरहदों से निकलकर भारत, अमेरिका, यूरोप और मध्य एशिया तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि टीटीपी के पास इस समय करीब 6 हजार खूंखार लड़ाके हैं, जो सिर्फ खून, तबाही और बम धमाकों की भाषा समझते हैं। असीम ने कहा कि TTP ने कई प्रॉक्सी संगठन भी बना लिए हैं, जो पाकिस्तान में हर दिन आतंक फैला रहे हैं, सेना की चौकियों पर हमले कर रहे हैं और पाकिस्तानी सरकार की जड़ों को खोखला कर रहे हैं।
अफगानिस्तान बना आतंक की फैक्ट्री
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पाकिस्तान ने खुद अफगानिस्तान पर उंगली उठाई। असीम इफ्तिखार के अनुसार, अफगान की धरती आज भी कम से कम 5 आतंकी संगठनों की पनाहगाह बनी हुई है — जिनमें सबसे खतरनाक है TTP। इसके अलावा ISIS (ISIL-K), अल-कायदा, हक्कानी नेटवर्क और बलूच लिबरेशन फ्रंट भी अफगानिस्तान से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हम दिन-रात लड़ रहे हैं, लेकिन अकेले अब इस जंग को नहीं जीत सकते। अगर दुनिया ने अब भी आंखें मूंद लीं, तो जल्द ही ये आतंकी आपके दरवाजे तक पहुंच जाएंगे।”
कौन हैं ये 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान'?
साल 2007 में जन्मा TTP, दरअसल, पाकिस्तान के ही कट्टरपंथी तत्वों का संगठन है, जिसे शुरू में तालिबान और आईएसआई का संरक्षण मिला था। इसका लक्ष्य था पाकिस्तान सेना की 'तानाशाही' से मुक्ति, लेकिन समय के साथ यह संगठन पाकिस्तान के लिए ही नासूर बन गया। खैबर पख्तूनख्वा, बजौर, मीरानशाह, और वजीरिस्तान जैसे इलाकों में यह संगठन अपनी हुकूमत चलाता है। इनके लड़ाके गोरिल्ला युद्ध में माहिर हैं और पाकिस्तान की आधुनिक सेना को भी मात दे रहे हैं।
हथियारों की सप्लाई कौन कर रहा है?
पाकिस्तान ने साफ कहा है कि अफगानिस्तान में बैठी तालिबान सरकार TTP को हथियार, गोला-बारूद और सुरक्षित पनाहगाहें दे रही है। पाकिस्तानी खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, TTP के पास अमेरिकी हथियार भी हैं, जो कभी तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जे के बाद हथियाए थे। इसका मतलब साफ है — जो हथियार अमेरिका ने आतंक के खिलाफ दिए थे, वो अब उलटे पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल हो रहे हैं।
TTP बना दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन
वैश्विक आतंक सूचकांक (Global Terrorism Index) की हालिया रिपोर्ट में TTP को दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन बताया गया है। साल 2024 में इस संगठन ने अकेले पाकिस्तान में 482 आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया, जिनमें 588 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें कई पाकिस्तानी सैनिक और अधिकारी शामिल थे। 2025 की पहली छमाही में ही, इस संगठन ने 150 से ज्यादा हत्याएं की हैं, और ये आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। टीटीपी के लड़ाके अब खुलेआम कहते हैं कि "हम न किसी सरकार को मानते हैं, न संविधान को। सिर्फ इस्लामिक कानून चलेगा और पाकिस्तान सेना को हम सबक सिखा देंगे!"
पाकिस्तान ने मांगी वैश्विक मदद
असीम इफ्तिखार ने सुरक्षा परिषद से भावुक अपील करते हुए कहा — “हमने इन राक्षसों को कभी पाला नहीं, लेकिन अब ये हमें ही खा रहे हैं। अगर दुनिया आज नहीं जागी, तो ये आतंकी कल आपके शहरों में घुस आएंगे।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन और भारत से अपील की कि वे मिलकर TTP जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई करें, नहीं तो यह संगठन दूसरे ISIS में तब्दील हो जाएगा।
क्या यह आग भारत तक पहुंचेगी?
TTP की बढ़ती ताकत से भारत की सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमाओं पर सक्रिय यह आतंकी संगठन अब कश्मीर में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में कश्मीर में पकड़े गए कुछ घुसपैठियों के पास TTP से जुड़ा प्रचार साहित्य और संपर्क नंबर पाए गए थे। इससे साफ है कि अब भारत को भी इस नए आतंक के खिलाफ कड़ी रणनीति बनानी होगी।
पाकिस्तान का अपना दांव उलटा पड़ गया!
कभी जिन आतंकियों को पाकिस्तान ने 'रणनीतिक गहराई' के नाम पर तैयार किया था, आज वही उसके गले की फांस बन चुके हैं। अब पाकिस्तान यूएन के दरवाजे पर खड़ा है, मदद की भीख मांग रहा है। लेकिन सवाल यह है — क्या दुनिया अब पाकिस्तान की बात सुनेगी, या कहेगी — "जो बोया है, वही काटो।" क्योंकि अब ये आग सिर्फ पाकिस्तान की नहीं, पूरी दुनिया की चिंता बन चुकी है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge