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कतर बना ‘परमाणु दलाल’! कतर की चाल से बदलेगा वर्ल्ड ऑर्डर? चुपचाप चल रही दुनिया की सबसे बड़ी डील?

Qatar nuclear deal: क्या वो देश जो खुद मिसाइलों की मार झेल चुका है, अब सबसे खतरनाक दुश्मनों को एक टेबल पर लाकर इतिहास रचने वाला है?

Harsh Srivastava
Published on: 1 July 2025 6:21 PM IST (Updated on: 1 July 2025 6:23 PM IST)
कतर बना ‘परमाणु दलाल’! कतर की चाल से बदलेगा वर्ल्ड ऑर्डर? चुपचाप चल रही दुनिया की सबसे बड़ी डील?
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Qatar nuclear deal: क्या कतर मध्य पूर्व की नई सुपरपावर बनने की ओर बढ़ रहा है? क्या वो देश जो खुद मिसाइलों की मार झेल चुका है, अब सबसे खतरनाक दुश्मनों को एक टेबल पर लाकर इतिहास रचने वाला है? ईरान-इज़राइल संघर्ष की राख में अब कतर एक नई चिंगारी फूंक रहा है — शांति की चिंगारी, लेकिन इस बार दांव पर है परमाणु शक्ति और विश्व युद्ध का खतरा...

शांति के लिए मारा गया देश?

मध्य-पूर्व की गर्म रेत पर जब ईरान और इज़राइल की टकराहट ने आग उगली थी, तब कतर शायद अकेला ऐसा देश था जिसे दोनों ओर से झुलसना पड़ा। इज़राइल जब ईरान के परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम बरसा रहा था, और अमेरिका उसकी पीठ थपथपा रहा था, तभी गुस्साए ईरान ने जवाबी कार्रवाई में कतर में मौजूद अमेरिकी बेस पर मिसाइलें दाग दीं। हालांकि निशाना अमेरिका था, लेकिन चोट कतर को लगी। उस दिन दोहा के आसमान में गूंजती धमाकों की आवाज़ ने कतर को ये समझा दिया कि जंग की आग में झुलसने वाला वो अगला देश हो सकता है। शायद इसी वजह से आज वही कतर, जो खुद इस जंग का अप्रत्यक्ष शिकार बना, अब दोनों परमाणु-संभावित देशों को एक टेबल पर बैठाने में लगा है।

सीजफायर के बाद अब परमाणु डील की जमीन तैयार

1 जुलाई को दोहा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम तो हो चुका है, लेकिन अब असली काम शुरू होना बाकी है – परमाणु वार्ता की बहाली। अंसारी ने पुष्टि की कि कतर इस वक्त चुपचाप अमेरिका, ईरान और इज़राइल से संपर्क साध रहा है, ताकि एक ऐसी रूपरेखा तैयार की जा सके जिससे वर्षों से ठप परमाणु वार्ता दोबारा शुरू हो सके। खास बात ये है कि इस मिशन में अमेरिका ने कतर को सकारात्मक संकेत दिए हैं।

ट्रंप और तमीम का गुप्त प्लान?

एक गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक ईरान-इज़राइल सीजफायर की घोषणा से पहले कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बेहद गोपनीय बातचीत हुई थी। कहा जा रहा है कि इसी बातचीत के बाद ट्रंप ने अमेरिका की मध्यस्थता से सीजफायर का ऐलान करवाया। यानी जिस कतर को इस जंग में बमों की चोट लगी थी, वही अब ‘डीलमेकर’ बन गया है। जो भूमिका पहले तुर्की या सऊदी निभाया करते थे, अब उसमें कतर अकेले कूद पड़ा है। और ये कोई साधारण शांति नहीं, बल्कि विश्व राजनीति की सबसे विस्फोटक परमाणु डील की नींव रखी जा रही है।

हमास मॉडल को भी कर चुका है लागू

गाजा में इज़राइल-हमास के बीच जब जंग चरम पर थी, तब भी कतर ने इज़राइल और हमास के बीच सीजफायर करवाया था। यह वही कतर है जिसने याह्या सिनवार की हत्या के बाद हमास को परदे के पीछे से समर्थन दिया, लेकिन खुलकर कभी सामने नहीं आया। कतर का यह ‘शांत दिखो, चुपचाप खेलो’ वाला मॉडल अब परमाणु डिप्लोमेसी में भी दिख रहा है।

क्या कतर बन जाएगा ‘मिडल ईस्ट का स्विट्ज़रलैंड’?

विशेषज्ञों का मानना है कि कतर खुद को अब तटस्थ, शांतिदूत और वैश्विक कूटनीति का नया केंद्र बनाना चाहता है। जिस तरह स्विट्ज़रलैंड वैश्विक चर्चाओं का केंद्र है, उसी तरह कतर अब ईरान-इज़राइल और अमेरिका जैसी महाशक्तियों के बीच पुल बनाना चाहता है। इसमें कोई शक नहीं कि अगर कतर इस ‘परमाणु वार्ता’ की नींव रखवा देता है, तो वह मध्य-पूर्व की राजनीतिक परिभाषा ही बदल देगा। खासकर उस समय में जब पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से कांप रही है।

पर सवाल भी खड़े हैं...

लेकिन सवाल यह भी है — क्या इज़राइल वाकई इस वार्ता में ईरान पर भरोसा करेगा? क्या अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले कोई रियायत देने को तैयार है? और सबसे बड़ा सवाल – क्या ईरान, जिसे इज़राइली हमले में 10 शीर्ष सैन्य अधिकारी खोने पड़े हैं, वह अब भी किसी समझौते को स्वीकार करेगा? इन सवालों के जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन इतना तय है कि कतर ने वह चाल चल दी है जिससे पूरी दुनिया की निगाहें अब दोहा पर टिक गई हैं। अंत में एक बात स्पष्ट है – अगर यह परमाणु वार्ता शुरू होती है और उसमें कतर की मध्यस्थता सफल होती है, तो दुनिया का नक्शा फिर से खिंचेगा। और अगर नाकाम होती है, तो वही नक्शा खून में डूब सकता है। सवाल सिर्फ इतना है – कतर की शांति की पहल जिंदा बचेगी या युद्ध की लपटों में जल जाएगी?

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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