TRENDING TAGS :
'यूक्रेन' और 'NATO' को दुनिया से उखाड़ फेकने की तयारी में रूस... इस 'घातक' हथियार से क्या संदेश देना चाह रहे हैं पुतिन ?
Russia nuclear weapons: रूस का जंग के लिए प्लान कुछ इस तरह का है वो यूक्रेन और नाटो के खिलाफ 'एसिमेट्रिक डिटरेंस' का प्रयोग करना चाहता है, क्योंकि वो इनसे पारंपरिक युद्ध में नहीं लड़कर नहीं जीत पाएगा। इसीलिए रूस ने ऐसा प्लान तैयार किया है जिससे दुनिया में डर पैदा हो...
Russia nuclear weapons
Russia nuclear weapons: रूस अब खुद को दुनिया सामने खुलकर पेश कर रहा है। एक के बाद एक अपने घातक हथियारों सामने ला रहा है। पहले बुरेवेस्तनिक मिसाइल, फिर पोसाइडन अंडरवॉटर ड्रोन और अब... 'खबरोवस्क' नामक नई न्यूक्लियर पनडुब्बी! ये सब हथियार परमाणु ऊर्जा की मदद से चलाये जाने वाले हैं, जो समुद्र में घात लगाकर दुश्मन की धज्जियां उड़ा सकते हैं। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि आखिर रूस 'जंग' के लिए कैसे प्लान बना रहा है ? क्या ये यूक्रेन युद्ध के पलटवार में नाटो को डराने का तरीका है या फिर...?
बुरेवेस्तनिक- 'स्टॉर्म क्लाउड' जो कभी न रुके...
रूस के पहले 'सुपर वेपन' का नाम है - बुरेवेस्तनिक जो कि 'SSC-X-9 स्काईफॉल' के नाम से जाना जाता है। ये एक तरह की क्रूज मिसाइल है, जो परमाणु रिएक्टर से संचालित की जाती है। यानी, ये कभी खत्म होने वाली ईंधन की टेंशन नहीं लेती बल्कि, यह हवा में उड़ते-उड़ते धरती का चक्कर काट सकती है।
किस तरह से काम करता है?
ये मिसाइल छोटी होती है, लेकिन लगभग 40 मेगाटन का परमाणु हेड लेकर जाने की क्षमता रखती है। ये दुश्मन के शहरों पर ताबड़तोड़ हमला बोल सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह रडार से बचने के लिए समुद्र के ऊपर से उड़ान भर सकती है। रूस का दावा है कि इसका परिक्षण साल 2024 में हो चुका है। अब यह 2025 में सेना में शामिल हो रही है।
क्यों है 'खतरनाक'?
ये 'अनलिमिटेड रेंज' वाली होती है, जो कि अमेरिका के किसी भी कोने में पहुँचने की क्षमता रखती है। रूस ये दावा करता है कि ये NATO की मिसाइल डिफेंस को पल भर में चकमा दे सकती है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे 'बड़ा हथियार' कहा है, जो दुश्मन को रेडियोएक्टिव क्लाउड से घेर सकता है।
पोसाइडन- जो एक समुद्र का 'डूम्सडे ड्रोन' है...
अगले घातक हथियार का नाम है - पोसाइडन। ये कोई आम ड्रोन नहीं बल्कि, ये एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एक अंडरवॉटर व्हीकल है। यानी कि, समुद्र के नीचे घूमता हुआ 'दुश्मन' के तट पर जाकर तगड़ा हमला बोल सकता है।
किस तरह से काम करता है?
पोसाइडन एक तरह से 100 मेगाटन का न्यूक्लियर वारहेड ले जाता है, जो कि 'हिरोशिमा' बम से हजारों गुना ताकतवर है। ये 1000 मीटर गहराई में जाने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही यह 10,000 किलोमीटर दूर तक सफर तय कर सकता है। रूस ने 5 नवंबर 2024 को इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रूस ने दावा है कि ये साल 2025 में सेना में शामिल कर लिया जाएगा।
क्यों है ये खतरनाक?
ये 'टॉरनेडो साइज' की सुनामी को जन्म दे सकता है, जो अमेरिका के तटीय शहरों को डुबो देगी। बात दे, रूस इसे 'डूम्सडे वेपन' के नाम से पेश करता है यानी, 'दुनिया खत्म पूरी तरह से तबाह करने वाला'। ये ड्रोन पनडुब्बी से लॉन्च किया जाता है। ये AI से कंट्रोल किया जाता है। दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा कि कब हमला हो गया।
पोसाइडन का 'मां-बाप' है खबरोवस्क पनडुब्बी!
2 नवंबर 2025 को रूस ने सेवमाश शिपयार्ड से खबरोवस्क (परियोजना 09851) पनडुब्बी लॉन्च किया था। ये विश्व की पहली ऐसी पनडुब्बी है, जो विशेषकर पोसाइडन ड्रोन ले जाने के लिए बनाई गयी है।
काम करने का तरीका है?
ये एक न्यूक्लियर पावर्ड है एक लंबी दूरी की स्ट्रैटेजिक मिशन के लिए। इसमें 6 से 8 पोसाइडन ड्रोन रखे जा सकते हैं। पनडुब्बी ओपन ओशन में घूमेगी और ड्रोन को ज़ारी कर दुश्मन पर हमला करेगी। रूस का कहना है कि ये साल 2027 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी।
क्यों खतरनाक है ये ?
ये 'साइलेंट किलर' की तरह से काम करती है। क्योंक यह रडार से बचती है और साथ ही साथ पोसाइडन को महफूज रखती है। पहले बेलगोरोड पनडुब्बी भी पोसाइडन ले जाती थी, लेकिन खबरोवस्क नई जेनरेशन और एडवांस्ड है। रूस के डिफेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि ये हमारी न्यूक्लियर आर्सेनल का भाग है, जो दुश्मन को कभी चैन से रहने नहीं देगा।
रूस का 'जंगी प्लान' क्या है ?
ये तीनों हथियार रूस की बड़ी रणनीति का महत्वपूर्ण भाग हैं। रूस को ऐसा लगता है कि NATO (अमेरिका और यूरोप) की कन्वेंशनल (सामान्य) सेना उससे अधिक ताकतवर है। इसलिए, रूस एसिमेट्रिक वॉरफेयर पर जोर दे रहा है यानी, कम संसाधनों से अधिक नुकसान पहुंचाना।
क्यों अब ये तेजी?
यूक्रेन युद्ध ने रूस को मजबूर कर दिया है। नाटो ने हथियार दिए, सैंक्शंस लागू किये। रूस अपने पलटवार में न्यूक्लियर अपग्रेड कर रहा। अक्टूबर 2025 में रूस ने कहा कि बुरेवेस्तनिक और पोसाइडन 'अनलिमिटेड रेंज' वाले हैं। खबरोवस्क लॉन्च से अमेरिका टेंशन में है क्योंकि ये प्रशांत महासागर में अमेरिकी बेस पर बड़ा खतरा बनकर खड़ा है।
रूस का प्लान साफ है – समुद्र से दुश्मन पर घात लगाकर 'न्यूक्लियर स्ट्राइक'। वहीं बुरेवेस्तनिक, पोसाइडन और खबरोवस्क इसका सबसे अहम भाग हैं। इसपर विशेषज्ञ बताते हैं कि ये म्यूचुअल डिस्ट्रक्शन का हो सकता है लेकिन... रूस कहता है कि हम शांति तो चाहते हैं, लेकिन दुश्मन को सबक ज़रूर सिखाएंगे।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


