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रूस का जबरदस्त मिसाइल टेस्ट, 'तूफानी पक्षी’ने मचाया धमाल, नई क्रूज मिसाइल को रोकना नामुमकिन!
Russia Nuclear Missile: रूस ने परमाणु ऊर्जा संचालित बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो असीमित दूरी तय कर सकती है और बेहद खतरनाक है।
Russia Nuclear Missile
Russia Nuclear Missile: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच रूस ने अपनी सबसे नई परमाणु ऊर्जा संचालित क्रूज मिसाइल ‘बुरेवेस्टनिक’ का सफल परीक्षण पूरा कर लिया है। रूस के उच्च सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस सफलता की जानकारी दी। यह मिसाइल परमाणु ऊर्जा पर निर्भर होने के कारण असीमित दूरी तय कर सकती है और इसमें परमाणु हथियार लादने की सुविधा भी है। रूसी सेना के महानिदेशालय प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने बताया कि मिसाइल ने लगभग 14,000 किलोमीटर (करीब 8,700 मील) का सफर तय किया और हवाई क्षेत्र में लगभग 15 घंटे तक लगातार क्रियाशील रही। पुतिन ने कहा कि यह मिसाइल वर्तमान और भविष्य की मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए अजेय है। इसके उड़ान पथ अप्रत्याशित हैं और यह राडार सिस्टम द्वारा आसानी से ट्रैक नहीं की जा सकती। पुतिन ने आदेश दिया कि मुख्य परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, इसलिए मिसाइलों की तैनाती के लिए अंतिम तैयारियों पर तुरंत काम शुरू किया जाए।
बुरेवेस्टनिक क्या है?
बुरेवेस्टनिक एक उच्च श्रेणी की क्रूज मिसाइल है, जो पारंपरिक मिसाइलों से पूरी तरह अलग है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसका छोटा परमाणु रिएक्टर है, जो इसे असीमित दूरी तय करने की क्षमता देता है। सामान्य मिसाइलें ईंधन खत्म होने पर रुक जाती हैं, लेकिन यह परमाणु ऊर्जा से संचालित होने के कारण हफ्तों या महीनों तक लगातार उड़ान भर सकती है। रूसी भाषा में इसका नाम ‘स्टॉर्म पेट्रेल’ (तूफानी पक्षी) रखा गया है, जो तूफान की तरह खतरे का प्रतीक है। यह मिसाइल लगभग 50-100 मीटर की कम ऊंचाई पर उड़ती है, जिससे रडार इसे ट्रैक करने में असमर्थ रहते हैं। इसमें परमाणु वारहेड फिट किया जा सकता है, जो भारी विनाश कर सकता है। रूस का दावा है कि यह अमेरिका या नाटो के किसी भी मिसाइल रक्षा तंत्र को धोखा दे सकती है।
बुरेवेस्टनिक कैसे काम करता है?
बुरेवेस्टनिक सामान्य क्रूज मिसाइलों की तरह जेट इंजन पर निर्भर नहीं है। इसमें कॉम्पैक्ट परमाणु रिएक्टर स्थापित है। यह रिएक्टर हवा को अत्यधिक गर्म करता है, जिससे मिसाइल आगे की दिशा में गति करती है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ईंधन की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए यह लंबी दूरी तय कर सकती है और पृथ्वी की परिक्रमा भी कर सकती है। इस तकनीक से यह मिसाइल पारंपरिक हथियार प्रणालियों की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक बन जाती है। इसके जरिए रूस वैश्विक सैन्य शक्ति में अपनी बढ़त बनाए रखना चाहता है और संभावित सुरक्षा खतरों का मुकाबला करना चाहता है।
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