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दुनिया में होगी भयंकर तबाही, रूस ने बनाया सबसे खतरनाक हथियार, पलक झपकते ही खत्म हो जाएंगे शहर
रूस का पोसाइडन न्यूक्लियर टॉरपीडो दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जा रहा है, जो कृत्रिम सुनामी पैदा कर पूरे शहरों को नष्ट कर सकता है। यह लेख इसके खतरे, क्षमता और वैश्विक सुरक्षा पर इसके प्रभाव की विस्तृत जानकारी देता है।
Russian nuclear Torpedo: दुनिया में महाशक्तियों के बीच हथियार बनाने की होड़ एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। इसी क्रम में, रूस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर पावर्ड अंडरवाटर टॉरपीडो 'पोसाइडन' का सफलतापूर्वक परीक्षण करके दुनिया को चौंका दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी साझा की है, और दावा किया है कि इस हथियार का दुनिया में कोई जवाब नहीं है। यह टेस्ट 28 अक्टूबर को आर्कटिक महासागर में किया गया, जिससे पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका और नाटो में चिंता की लहर दौड़ गई है।
पुतिन का दावा: सारमत से भी ज्यादा मारक क्षमता
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि यह परीक्षण सिर्फ एक लॉन्च नहीं था, बल्कि एक बड़ी तकनीकी सफलता थी। पुतिन ने कहा, "हमने पहली बार न सिर्फ वाहक पनडुब्बी से लॉन्च इंजन के साथ इसे छोड़ा, बल्कि परमाणु ऊर्जा इकाई भी चालू की, जिस पर यह उपकरण कुछ समय तक चला। यह बड़ी सफलता है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि पोसाइडन की शक्ति रूस की सबसे बड़ी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) 'सारमत' से भी ज्यादा है, जो इसे रूस के शस्त्रागार में एक असाधारण हथियार बनाती है। पोसाइडन को अमेरिका और रूस दोनों देशों के अधिकारियों ने प्रतिशोधी हथियारों (Retaliatory Weapons) की एक नई श्रेणी के तौर पर उल्लेख किया है। इसका मुख्य खतरा यह है कि यह भयानक रेडियोएक्टिव समुद्री लहरें (कृत्रिम सुनामी) पैदा कर तटीय शहरों को हमेशा के लिए रहने लायक नहीं छोड़ सकता।
पोसाइडन: जल के अंदर का ऑटोमेटेड ड्रोन
पोसाइडन कोई सामान्य टॉरपीडो नहीं है, बल्कि यह परमाणु-संचालित, स्वचालित अंडरवाटर ड्रोन है, जिसे रूस इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर टॉरपीडो कहता है। पोसाइडन 20 मीटर लंबा और लगभग 100 टन भारी है। यह परमाणु रिएक्टर से चलता है, जो इसे असीमित दूरी (अनलिमिटेड रेंज) तक जाने की क्षमता देता है। इसकी गति लगभग 100 नॉट्स (185 किमी/घंटा) है। यह पानी के अंदर से लॉन्च होता है और दुश्मन के जहाज या तट पर हमला करता है। इसकी सबसे डरावनी क्षमता यह है कि यह 10,000 किलोमीटर तक जाकर समुद्र में एक विशाल परमाणु विस्फोट कर सकता है, जिससे रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा हो सकती है, जो दुश्मन के तटीय शहरों को पूरी तरह से नष्ट कर देगी। इसकी असीमित रेंज और स्वचालित संचालन इसे दुनिया के किसी भी तटीय देश के लिए एक अदृश्य और अनिश्चित खतरा बनाता है।
'पोसाइडन' की जद में दुनिया के प्रमुख शहर
पोसाइडन की असीमित रेंज और पानी के भीतर से लॉन्च होने की क्षमता के कारण दुनिया का लगभग कोई भी तटीय देश इसके निशाने पर आ सकता है। हालांकि, रूस के प्राथमिक निशाने पर प्रमुख प्रतिद्वंद्वी देशों के आर्थिक और सैन्य केंद्र हैं:
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तट इसके निशाने पर हैं—जिनमें न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, लॉस एंजिल्स और सैन फ्रांसिस्को जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।
यूनाइटेड किंगडम (UK) और फ्रांस: यूरोपीय महाशक्तियों में लंदन, पोर्ट्समाउथ (यूके), ब्रेस्ट और मार्सेल (फ्रांस) इसके लक्ष्यों में शामिल हैं।
एशियाई सहयोगी: जापान के टोक्यो और योकोहामा, दक्षिण कोरिया का बुसान और सियोल क्षेत्र भी इस टॉरपीडो की रेंज में हैं।
ऑस्ट्रेलिया और नाटो देश: ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शहर सिडनी और मेलबर्न के साथ-साथ नॉर्वे, जर्मनी और नीदरलैंड जैसे प्रमुख नाटो (NATO) यूरोपीय तट भी इसके निशाने पर हैं।
इस सफल परीक्षण ने एक बार फिर शीत युद्ध के दौर की यादें ताजा कर दी हैं, जब परमाणु हथियारों की होड़ ने दुनिया को विनाश के कगार पर ला खड़ा किया था। रूस के इस कदम से वैश्विक शक्ति संतुलन पर गहरा असर पड़ना तय है।
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