TRENDING TAGS :
ट्रंप का घमंड चकनाचूर! अमेरिका पर ईरान का पहला वार, Trump को चेतावनी- अगला हमला तुम्हारे घर के दरवाज़े पर होगा
Iran Attacked on America: अब खेल बदल चुका है सिर्फ 36 घंटे बाद अमेरिका पर जवाबी हमला हुआ। ये हमला कहीं और नहीं बल्कि उसी सीरिया में हुआ जहां अमेरिका ने बशर अल-असद सरकार के खिलाफ वर्षों तक अभियान चलाया था। फर्क बस इतना है कि अब वहां ईरान की प्रॉक्सी ताकतें मौजूद हैं।
Iran Attacked on America: मध्य-पूर्व एक बार फिर बारूद के ढेर पर बैठा है। ईरान पर अमेरिका के भीषण हमले के बाद अब वो मंजर सामने आ गया है जिसकी चेतावनी ईरान महीनों से दे रहा था। सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला — ये सिर्फ एक हमला नहीं है, बल्कि ट्रंप के उस फैसले की पहली बड़ी कीमत है, जिसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बी-2 बॉम्बर से बम बरसाने की इजाजत दी थी। अब खेल बदल चुका है। सिर्फ 36 घंटे बाद अमेरिका पर जवाबी हमला हुआ। ये हमला कहीं और नहीं बल्कि उसी सीरिया में हुआ जहां अमेरिका ने बशर अल-असद सरकार के खिलाफ वर्षों तक अभियान चलाया था। फर्क बस इतना है कि अब वहां ईरान की प्रॉक्सी ताकतें मौजूद हैं।
सीरिया से आई धमाके की आवाज – क्या यही था ईरान का पहला जवाब?
ईरानी न्यूज एजेंसी मेहर न्यूज ने सनसनीखेज दावा किया कि सीरिया के पश्चिमी हसाका प्रांत में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि हमले के बाद बेस के मुख्य द्वार पर सुरक्षा अभूतपूर्व तरीके से बढ़ा दी गई है। चारों तरफ अमेरिकी सैनिक तैनात कर दिए गए हैं। हमले के लिए मोर्टार का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, ईरान ने आधिकारिक तौर पर इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन जिस अंदाज में ये हमला हुआ है, वो सीधे ईरानी चेतावनी से मेल खाता है। याद कीजिए — अमेरिका ने जैसे ही ईरान पर हमला किया था, ईरान ने कहा था कि “अब अमेरिका के मध्य-पूर्व स्थित सैन्य अड्डे हमारे निशाने पर होंगे।” अब वो शब्द हकीकत में बदलते नजर आ रहे हैं।
तीन ठिकानों पर हमले की गूंज – क्या ये बस शुरुआत है?
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने पहले ही दुनिया को आगाह कर दिया था कि ईरान अमेरिका पर "अनुपातिक नहीं बल्कि बराबर" जवाब देगा। तीन परमाणु ठिकानों को अमेरिका ने तहस-नहस कर दिया — नतांज, इस्फाहान और फोर्डो। अब ईरान उसी अनुपात में तीन अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी हमला कर सकता है। सीरिया में हुआ यह हमला क्या उसी रणनीति का पहला हिस्सा है? क्या अगला हमला इराक़ या क़तर में अमेरिकी बेस पर होगा? ईरान ने पहले ही अमेरिका पर हमला करने के 5 वैध कारण गिना दिए हैं। और सबसे अहम आरोप – “अमेरिका ने इजराइल के चक्कर में अपने नागरिकों को मौत के मुंह में धकेल दिया है।” ईरान ने इसे अमेरिका द्वारा ईरान की संप्रभुता पर खुला हमला बताया है।
बी-2 बॉम्बर का कहर और ईरान का जख्म
सबसे खतरनाक बात ये है कि जिस हमले से ये आग भड़की, वो अमेरिका के सबसे घातक विमान बी-2 स्पिरिट बॉम्बर से किया गया। ट्रंप के आदेश पर न सिर्फ सतह पर बल्कि भूमिगत परमाणु केंद्रों पर भी इतने ताकतवर बम गिराए गए कि पूरा ईरान हिल गया। फोर्डो जैसे अंडरग्राउंड न्यूक्लियर बेस, जिसे ईरान अपनी शान समझता था, मलबे में तब्दील हो गया। ट्रंप ने दावा किया – “हमने ईरान के न्यूक्लियर सपनों को खत्म कर दिया।” लेकिन शायद ट्रंप भूल गए कि जख्मी शेर सबसे खतरनाक होता है।
सीरिया – ईरान की प्रॉक्सी का गढ़
सीरिया का हसाका प्रांत ईरान के लिए कोई नया मैदान नहीं है। बशर अल-असद सरकार के समय से ही वहां ईरान का मजबूत पकड़ रहा है। यही वजह है कि अमेरिका के लिए ये इलाका हमेशा सिरदर्द बना रहा। अब वही इलाके से ट्रंप की जंग को सीधा जवाब मिला है। ईरान की प्रॉक्सी मिलिशियाएं पहले से ही वहां सक्रिय हैं और अगर वाकई ईरान खुलकर सामने आता है तो यह हमला सिर्फ एक ट्रेलर साबित हो सकता है।
क्या ये ट्रंप की सबसे बड़ी भूल थी?
अमेरिका भले ही ताकतवर हो, लेकिन क्या ट्रंप ने बिना सोचे-समझे ईरान पर हमला कर दिया? अब जबकि ईरान जवाब देने लगा है और सीरिया के बाद शायद इराक़, क़तर और यूएई के ठिकाने निशाने पर आ जाएं, सवाल यही है कि क्या ट्रंप ने अमेरिका को एक नई जंग में झोंक दिया है? आग जल चुकी है। धमाके शुरू हो चुके हैं। बस इंतजार है उस पल का जब ईरान खुलकर बोलेगा – “ये तो सिर्फ शुरुआत है।”
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge