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एक फोन कॉल... और जल उठेगी दुनिया! शी जिनपिंग और पुतिन मिलकर कर सकते हैं परमाणु हमला, NATO चीफ ने बताया कैसे शुरू होगा युद्ध
NATO Chief warned on World war: मार्क रुटे ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में जो दावा किया है, वो सिर्फ खतरनाक नहीं, बल्कि तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी है।
NATO Chief warned on World war: दुनिया की फिज़ाओं में बारूद की गंध घुलने लगी है। कूटनीति के पर्दे के पीछे जंग की तैयारी अब खुलकर सामने आने लगी है। अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस – चार दिशाओं से टकराव की जो चिंगारी उठ रही है, वो अब शोलों में बदलने को तैयार है। और इसी बीच आया है नाटो के नए महासचिव मार्क रुटे का बयान, जिसने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है।
एक फोन कॉल... और दुनिया जल उठेगी
मार्क रुटे ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में जो दावा किया है, वो सिर्फ खतरनाक नहीं, बल्कि तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी है। उनका कहना है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक बेहद सुनियोजित रणनीति के तहत ताइवान पर हमला शुरू करेंगे और उससे ठीक पहले वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक फोन कॉल करेंगे। इस कॉल का मकसद होगा – यूरोप को धधकती आग में झोंक देना! रुटे के मुताबिक, पुतिन उस समय नाटो देशों पर हमला करेंगे ताकि अमेरिका और यूरोप का ध्यान ताइवान से हट जाए। ये दोतरफा हमला न केवल पूरी दुनिया को जंग की आग में झोंक देगा, बल्कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी लगभग तय है।
रूस और चीन का खतरनाक गठजोड़
नाटो चीफ का यह बयान उस समय आया है जब चीन लगातार ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास कर रहा है और अमेरिकी खुफिया एजेंसियां दावा कर रही हैं कि चीन 2027 तक ताइवान को हथियारों के बल पर हड़पने की तैयारी कर चुका है। दूसरी तरफ, रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पहले ही पश्चिमी देशों से टकराव की सीमा पार कर चुका है। रुटे ने साफ कहा, “अगर चीन ताइवान पर हमला करता है और उसी समय रूस यूरोप में मोर्चा खोल देता है, तो अमेरिका और नाटो दो मोर्चों पर फंस जाएंगे। यही बीजिंग की सबसे खतरनाक साजिश है – अमेरिका को दोनों तरफ से थका दो।”
नाटो को अब सिर्फ बातें नहीं, बारूद की ज़रूरत है
रुटे ने नाटो देशों को चेताया कि अब समय आ गया है जब वे सिर्फ 2% रक्षा बजट की पुरानी नीति से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि रूस और चीन की साझा आक्रामकता को रोकने के लिए सैन्य क्षमता में बेतहाशा वृद्धि ज़रूरी है। अगर पश्चिमी देश आज तैयारी नहीं करते, तो कल उन्हें अपनी धरती पर युद्ध झेलना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि रूस की आक्रामकता और चीन की विस्तारवादी नीति मिलकर दुनिया को एक अंधेरे युद्ध की ओर धकेल रही हैं। यदि नाटो ने जल्द और सख्त कदम नहीं उठाए, तो इतिहास खुद को दोहराएगा – लेकिन इस बार टैंक और बंदूक नहीं, परमाणु हथियार निर्णायक होंगे।
मेदवेदेव का मज़ाक, लेकिन दुनिया को डर
रुटे की इस भयानक चेतावनी का जवाब रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने बेहद तंज भरे अंदाज़ में दिया। उन्होंने कहा, “रुटे शायद डच मशरूम कुछ ज्यादा ही खा गए हैं... उन्हें हर तरफ युद्ध की आहटें और चीन-रूस की साजिशें दिख रही हैं।” लेकिन सवाल ये है कि क्या मेदवेदेव का मज़ाक वास्तव में कुछ छुपा रहा है? क्योंकि रूस ने अब तक किसी भी गंभीर दावे को हंसी में उड़ाकर ही दुनिया को चौंकाया है – और फिर एक दिन सब सच निकला।
अगर आज नहीं चेते, तो कल बचना नामुमकिन
दुनिया आज जिस कगार पर खड़ी है, वहां एक गलत कदम, एक फालतू बयान या एक रणनीतिक चाल... तीसरे विश्व युद्ध को जन्म दे सकती है। और इस बार युद्ध सीमित नहीं होगा – यह एक वैश्विक तबाही होगी। परमाणु हथियारों के दौर में यह युद्ध न सिर्फ सेनाओं को मिटाएगा, बल्कि करोड़ों आम नागरिकों को भी राख कर देगा। नाटो के नए महासचिव का बयान कोई राजनीतिक भाषण नहीं, बल्कि चेतावनी है – वो चेतावनी जो वॉशिंगटन, ब्रसेल्स, टोक्यो और नई दिल्ली को सुननी ही पड़ेगी। क्योंकि जब बीजिंग और मॉस्को हाथ मिलाते हैं, तो दुनिया के नक्शे कांपने लगते हैं।
तीसरा विश्व युद्ध अब कल्पना नहीं, सच्चाई बन सकता है
अब सवाल यही है – क्या दुनिया तैयार है इस आग की दीवार को रोकने के लिए? या फिर इतिहास की सबसे भयानक रात बहुत जल्द हमारी आंखों के सामने दस्तक देने वाली है? रुटे का यह बयान इतिहास की सबसे बड़ी चेतावनी है। लेकिन क्या इसे कोई सुन रहा है?
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