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Highway Expansion 2025-26: 2025-26 में NHAI बनाएगी 124 नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं, खर्च होंगे ₹3.45 लाख करोड़
Highway Expansion 2025-26: कुल 124 नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनकी कुल लंबाई लगभग 6,376 किलोमीटर और अनुमानित लागत ₹3.45 लाख करोड़ रुपये होगी।
Highway Expansion 2025-26 (Image Credit-Social Media)
Highway Expansion 2025-26 : देश में आधुनिक और तेज़ सड़कों के निर्माण को गति देने के लिए NHAI ने वर्ष 2025-26 में बड़ी योजना बनाई है। इस दौरान कुल 124 नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनकी कुल लंबाई लगभग 6,376 किलोमीटर और अनुमानित लागत ₹3.45 लाख करोड़ रुपये होगी। प्रत्येक परियोजना की लागत ₹500 करोड़ से अधिक होगी, यह दर्शाता है कि ये सभी परियोजनाएं न केवल बड़ी लागत वाली हैं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन योजनाओं से एक ओर जहां देशभर की सड़कों का आपसी जुड़ाव बेहतर होगा, वहीं दूसरी ओर इससे नए रोजगार सृजित होंगे और समग्र आर्थिक प्रगति को भी गति मिलेगी।
परियोजनाओं की योजना: तीन प्रमुख मॉडल HAM (Hybrid Annuity Model):
इस मॉडल में सरकार परियोजना लागत का 40% हिस्सा निर्माण कार्य के रूप में देती है, जबकि शेष 60% राशि निजी डेवलपर द्वारा लगाई जाती है। बाद में सरकार निजी निवेशक को निश्चित समय तक किश्तों में भुगतान करती है। यह मॉडल जोखिम को सरकार और निजी कंपनियों के बीच बराबर बांटने में मदद करता है।
EPC (Engineering-Procurement-Construction) मॉडल:
इस मॉडल में ठेकेदार को पूरी जिम्मेदारी दी जाती है - डिजाइन, निर्माण सामग्री की खरीद से लेकर पूरे निर्माण कार्य तक। परियोजना की पूरी लागत सरकार वहन करती है और निर्माण की गुणवत्ता तथा समयबद्धता सुनिश्चित करती है।
BOT (Build-Operate-Transfer) मॉडल:
BOT मॉडल में निजी कंपनियां सड़क का निर्माण, वित्तपोषण और संचालन खुद करती हैं। एक निश्चित अवधि तक सड़क का संचालन कर टोल वसूलती हैं और फिर सड़क को सरकार को सौंप देती हैं। इन तीनों मॉडलों के जरिए केंद्र सरकार चाहती है कि निर्माण कार्य तेज़ी से हो और निजी क्षेत्र की भागीदारी से सड़कें गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ बनें।
भारतमाला परियोजना के बाद सुस्ती, अब फिर से रफ्तार
भारतमाला परियोजना के बंद होने के बाद पिछले कुछ वर्षों में राजमार्ग ठेकों के आवंटन की रफ्तार धीमी पड़ी थी। लेकिन अब मंत्रालय दोबारा गति पकड़ने के लिए तैयार दिख रहा है। NHAI द्वारा 2022-23 में 6,003 किलोमीटर की सड़क परियोजनाओं के टेंडर निकाले गए थे। इसके बाद 2023-24 में यह आंकड़ा घटकर 3,339 किलोमीटर रहा, लेकिन 2024-25 में फिर से बढ़कर 4,008 किलोमीटर हो गया है। यह साफ संकेत है कि सरकार अब राजमार्गों के निर्माण में फिर से सक्रियता दिखा रही है।
हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे पर फोकस
सरकार अब पारंपरिक राजमार्गों की तुलना में हाई-स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे पर ज्यादा ध्यान दे रही है। इन सड़कों से लंबी दूरी तय करने का समय कम हो जाता है और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को काफी फायदा होता है। इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है। NHAI की योजना के अनुसार, आने वाले वर्षों में एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार तेजी से होगा और इससे देश के विभिन्न राज्यों को जोड़ने वाली सड़कें पहले से ज्यादा बेहतर, तेज़ और सुरक्षित होंगी।
निष्कर्ष
वर्ष 2025-26 में NHAI द्वारा 124 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की शुरुआत देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए एक बड़ा कदम है। न केवल इससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और देश के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। ₹3.45 लाख करोड़ रुपये के इस मेगा इनवेस्टमेंट से साफ है कि भारत सरकार अब सड़क विकास को प्राथमिकता में रख रही है।
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