अब सिगरेट का धुंआ उड़ाने से पहले 10 बार सोचना पड़ेगा... छोटी गोल्ड पर बड़ी GST!

22 सितंबर से सिगरेट, गुटखा, तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों की जेब पर बढ़ेगा भारी बोझ ...

Priya Singh Bisen
Published on: 4 Sept 2025 1:01 PM IST
Cigarettes price hike India 2025
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Cigarettes price hike India 2025 (PHOTO: SOCIAL MEDIA)

Cigarettes price hike India 2025: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में आज बड़ा फैसला लिया गया है। अब सिगरेट का धुंआ उड़ाने वालों के लिए बुरी खबर सामने आयी है। इस महीने में सिगरेट, पान मसाला, गुटखा, बीड़ी, कच्चा तंबाकू और सुगंधित तंबाकू पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। काउंसिल ने इन हानिकारक उत्पादों पर GST दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी है। ये बड़ा बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होगा।

अब सिगरेट की कीमत कितनी होगी ?

मान लीजिए, एक सिगरेट पैकेट की बेस कीमत 100 रुपये है। पहले इस पर 28% जीएसटी यानी 28 रुपये लगता था और ग्राहक को करीब 128 रुपये चुकाने पड़ते थे। अब 40% GST के साथ 100 रुपये के पैकेट पर 40 रुपये टैक्स लगेगा, यानी ये कीमत बढ़कर 140 रुपये हो जाएगी। इसका सीधा सा अर्थ ये है कि एक पैकेट पर 12 रुपये अधिक खर्च करना होगा। यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन एक पैकेट खरीदता है, तो महीने में करीब 360 रुपये और सालाना 4,380 रुपये तक अतिरिक्त चुकाना पडेगा।

अब पान मसाला भी महंगा हुआ

पान मसाले पर भी यही प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि एक पान मसाला पैकेट की कीमत 50 रुपये है, तो पहले उस पर 28% जीएसटी यानी 14 रुपये लगता था और कीमत 64 रुपये होती थी। अब 40% GST के साथ टैक्स 20 रुपये बढ़ जाएगा और पैकेट की कीमत 70 रुपये हो जाएगी। यानी हर पैकेट पर 6 रुपये अधिक देने होंगे। यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन दो पैकेट लेता है, तो उसे महीने में 360 रुपये और सालाना 4,320 रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे।

क्यों लिया गया ऐसा फैसला?

सरकार का मानना है कि सिगरेट, गुटखा और पान मसाला जैसे हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने से इनका प्रयोग कम हो जाएगा और लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव कम पड़ेगा। साथ ही, इससे सरकार का राजस्व भी मजबूत होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कदम अमेरिका के नए टैरिफ के जवाब में भी उठाया गया है। हालांकि, इससे ITC जैसी कंपनियों पर दबाव बढ़ सकता है, जो अपनी 80% से अधिक कमाई सिगरेट से करती हैं।

बता दे, नई व्यवस्था के अंतर्गत GST अब रिटेल सेल प्राइस (RSP) के आधार पर लगाया जाएगा। इससे टैक्स चोरी पर भी रोक लगेगी। सरकार का कहना है कि यह निर्णय आम आदमी की जेब पर भले ही प्रभाव डाले, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य हानिकारक चीजों की खपत को कम करना और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है।

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